Thursday, October 16, 2025

मथुरा वृन्दावन में तैयार है एक और चारधाम ✍️आचार्य डॉ.राधेश्याम द्विवेदी

                      शिव जी 

                    वैष्णव देवी 

कान्हा की नगरी को आस्था नगरी के नाम से भी जाना जाता है. कृष्ण नगरी वृृंदावन में एक ऐसा धाम है, जहां दर्शन मात्र से चार धाम यात्रा का फल मिलता है. यहां के चार धाम मंदिर की दिव्यता और भव्यता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. अगर आप वास्तविक चार धाम नहीं जा पा रहे तो यहां दर्शन कर चार धाम यात्रा का पुण्य पा सकते हैं.वृंदावन (मथुरा) में एक नया "चारधाम मंदिर" बन गया है, जो पारंपरिक चार धामों (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) के दर्शन का अनुभव कराता है; पहले इस मंदिर को वैष्णो देवी धाम के नाम से जाना जाता था , लेकिन शिव धाम, राधा कृष्ण धाम और शनि धाम के जुड़ने के बाद, अब इसे चार धाम कहा जाता है । इस मंदिर की वास्तुकला आधुनिक और अनूठी है। मंदिर के गुंबद शंकु के आकार के हैं और उन पर सीढ़ियाँ बनी हैं। परिसर के अंदर और बाहर , हर धाम में खूबसूरत झरने और मनमोहक चित्रकारी और दृश्यावली भी देखने को मिलती है. यह वृंदावन के छठीकरा मार्ग पर यह छटीकरा चौराहे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर स्थित है, यह अपनी विशाल मूर्तियों तथा सुंदर वास्तुकला के लिए दूर से देखा जाना और पहचाना जाता है। 

         चार धाम वृंदावन के सबसे खूबसूरत और मनमोहक मंदिरों में से एक है। यह 28 एकड़ में फैला हुआ है। यह मंदिर वृंदावन रोड से भी जुड़ा हुआ है और इसमें प्रवेश के लिए दो मुख्य द्वार हैं- एक राष्ट्रीय राजमार्ग-2 से और दूसरा वृंदावन की ओर से. यह मंदिर मथुरा से लगभग 18 किलोमीटर दूर वृंदावन के छठीकरा मार्ग पर स्थित है। मथुरा से करीब 7 किलोमीटर दूर छटीकरा में मां वैष्णो देवी मंदिर के पीछे यह धाम बना है.यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं. यहां आकर मन प्रसन्न हो जाता .चार धाम मंदिर की कारीगरी और यहां की रंग बिरंगी लाइटें देखते ही बनती हैं. 

इस रिपोर्ट को पढ़ने के पहले इस लिंक से विजुअल देखकर इस धाम को और अच्छी तरह से समझा जा सकता है -- 

https://youtu.be/JsoD13wxDCM?si=34L_1OOsh5XWCKLP

                    राधा कृष्ण 

दिव्य और आकर्षण प्रवेश:- 

मंदिर में प्रवेश लेने से पहले टिकट लेना पड़ता है. ये प्रवेश टिकट बिल्कुल मुफ्त है. थोड़ा सा आगे चलने पर सबसे पहले सिक्योरिटी चेक अप के लिए रोका जाता है. पान मसाला या बीड़ी तंबाकू आदि नशे का सामान  सब बाहर ही छोड़ना पड़ता है।मंदिर में प्रवेश करते ही भगवान शिव के पुत्र गणेश जी महाराज के दर्शन होंगे. गणेश जी की विशाल प्रतिमा आने वाले लोगों को अपनी ओर खींच लेती है. यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को चार धाम दर्शन का पुण्य मिलता है. 

प्रमुख आकर्षण

                 शिव पार्वती 

शिव धाम:- 

भगवान शिव की एक विशाल और प्रभावशाली प्रतिमा स्थापित है। चार धाम में प्रवेश करते ही, शिवधाम के शीर्ष पर भगवान शिव की 165 फुट ऊँची प्रतिमा आपका स्वागत करती है।यह प्रतिमा इतनी विशाल और वास्तविक है कि ऐसा लगता है जैसे आप साक्षात भगवान शिव के सामने खड़े हों। मंदिर के सामने अर्धनारीश्वर, नटराज, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की भी प्रतिमाएँ हैं । मंदिर के चारों ओर भगवान शिव से संबंधित त्रिशूल, तीसरा नेत्र, डमरू और साँप जैसी सुंदर आकृतियाँ स्थापित हैं।भगवान शिव का परिवार पूरा यहां मौजूद है. भगवान शिव की विशाल प्रतिमा लोगों को अपनी ओर खींचती है.

                      सूर्य देव 

मंदिर के अंदर, दीवारों पर भगवान शिव के अद्भुत चित्र बने हैं। मुख्य मूर्ति में भगवान शिव और देवी पार्वती, गणेश और कार्तिकेय उनकी गोद में बैठे हैं और नंदी उनके चरणों में हैं। मूर्तियाँ इतनी जीवंत लगती हैं कि आप उनसे अपनी नज़रें नहीं हटा पाएँगे.

                    राधा कृष्ण

राधा कृष्ण धाम:- 

इसमें भगवान कृष्ण और राधा रानी की लीलाओं से जुड़ी झांकियाँ दर्शाई गई हैं। राधा कृष्ण धाम के सामने भगवान कृष्ण की लीलाओं को दर्शाती सुंदर मूर्तियाँ हैं, जैसे कालिया दमन और गोवर्धन पर्वत उठाना । 

                  गोवर्धन पर्वत 

मंदिर के चारों ओर आपको कृष्ण की बांसुरी, मोर पंख और अन्य प्रतीकों के कलात्मक मॉडल देखने को मिलेंगे.अंदर, दीवारें राधा रानी और भगवान कृष्ण की रंगीन पेंटिंग्स से भरी हैं. राधा कृष्ण की मूर्तियाँ देखने में अविश्वसनीय रूप से सुंदर और शांतिपूर्ण हैं.

                    शनि देव

शनि धाम:- 

शनिदेव भगवान की विशाल प्रतिमा और उनकी महिमा को प्रदर्शित करने वाली झांकियाँ हैं। राधा कृष्ण धाम के बगल में शनि धाम है । मंदिर के सामने आपको सूर्य रथ की एक मूर्ति दिखाई देगी। अंदर, दीवारों पर भगवान शनि देव के चित्र बने हैं और बीच में शनि देव की मुख्य मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति इतनी दिव्य लगती है कि कई लोग कहते हैं कि इसे देखकर ही उन्हें सकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है।

                 शिव परिवार

वैष्णो देवी धाम:- 

यह मंदिर का मूल हिस्सा है, जहाँ वैष्णो देवी की प्रतिमा स्थापित है। वैष्णो देवी धाम में माता वैष्णो देवी की 141 फुट ऊँची प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा के नीचे एक प्रार्थना कक्ष है जहाँ माता वैष्णो की मूर्ति की पूजा की जाती है। इस कक्ष की दीवारों पर विभिन्न देवताओं के चित्र बने हैं।

       यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण वह गुफा है जिसे जम्मू स्थित मूल वैष्णो देवी मंदिर जैसा दिखने के लिए डिज़ाइन किया गया है । गुफा के अंदर, आप देवी के सभी नौ रूपों के दर्शन कर सकते हैं, और हर एक रूप बेहद खूबसूरती से प्रदर्शित है। इस धाम में आकर आपको असली वैष्णो देवी मंदिर में होने का एहसास होता है।

     श्री गणेश जी    श्री कार्तिकेय जी 


श्री गणेशजी की दिव्य प्रतिमा: - 

मंदिर के प्रवेश पर भगवान गणेश की एक विशाल प्रतिमा देखने को मिलती है.लोग विभिन्न कोणों से इस छवि को अपने कैमरे में अंकित करते रहते हैं.


         आचार्य डा. राधेश्याम द्विवेदी 

लेखक परिचय:-

(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं. वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए सम सामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं.

(वॉट्सप नं.+919412300183)


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