76 वें जन्म
दिवस
के
अवसर
पर
सादर
नमन
डा.
मुनिलाल
उपाध्याय
’सरस’
का
परिचय
स्वयं
उन्हीं
की
जुबानी
में
हिन्दी से एम. ए.
फिर संस्कृत से किया वही,
इतिहास द्वय में फिर वही वही जानिये।
साहित्य से रत्न हूं
औ साहित्याचार्य संस्कृत से,
बस्ती छन्दकारन पर पी.एच-डी. बखानिये।।
गूंज बलिदान का प्रणेता हूं
सुविज्ञ सुधी,
कवि महाकवियों की चरणधूलि मानिये।
मुनिलाल उपाध्याय सरस है उपनाम,
नगर निवास जिला बस्ती बखानिये।।
(साहित्य परिक्रमा यात्रा बृतान्त भाग 3 पृ. 10 से साभार)
प्रस्तुतकर्ता डा.
राधेश्याम
द्विवेदी
’नवीन’
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