Tuesday, March 13, 2018

प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से --- डा. राधेश्याम द्विवेदी ‘नवीन’


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करता हूँ अनुरोध आज मैं, भारत की सरकार से,
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से

वर्ना रेल पटरियों पर जो, फैला आज तमाशा है,
जाट आन्दोलन से फैली, चारो ओर निराशा है…
अगला कदम पंजाबी बैठेंगे, महाविकट हडताल पर,
महाराष्ट में प्रबल मराठा , चढ़ जाएंगे भाल पर
राजपूत भी मचल उठेंगे, भुजबल के हथियार से,
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से

निर्धन ब्राम्हण वंश एक, दिन परशुराम बन जाएगा,
अपने ही घर के दीपक से, अपना घर जल जाएगा
भड़क उठा गृह युध्द अगर, भूकम्प भयानक आएगा,
आरक्षण वादी नेताओं का, सर्वस्व मिटाके जायेगा…
अभी सम्भल जाओ मित्रों, इस स्वार्थ भरे व्यापार से,
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से.

जातिवाद की नही , समस्या मात्र गरीबी वाद है,
जो सवर्ण है पर गरीब है, उनका क्या अपराध है…
कुचले दबे लोग जिनके, घर मे न चूल्हा जलता है
भूखा बच्चा जिस कुटिया में, लोरी खाकर पलता है
समय आ गया है उनका , उत्थान कीजिये प्यार से,
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…

जाति गरीबी की कोई भी, नही मित्रवर होती है,
वह अधिकारी है जिसके घर, भूखी मुनिया सोती है
भूखे माता-पिता , दवाई बिना तडपते रहते है,
जातिवाद के कारण, कितने लोग वेदना सहते है
उन्हे न वंचित करो मित्र, संरक्षण के अधिकार से
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से

करता हूँ अनुरोध आज मैं, भारत की सरकार से,
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से
वर्ना रेल पटरियों पर जो, फैला आज तमाशा है,
जाट आन्दोलन से फैली, चारो ओर निराशा है…
अगला कदम पंजाबी बैठेंगे, महाविकट हडताल पर,
महाराष्ट में प्रबल मराठा , चढ़ जाएंगे भाल पर
राजपूत भी मचल उठेंगे, भुजबल के हथियार से,
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से

निर्धन ब्राम्हण वंश एक, दिन परशुराम बन जाएगा,
अपने ही घर के दीपक से, अपना घर जल जाएगा…
भड़क उठा गृह युध्द अगर, भूकम्प भयानक आएगा,
आरक्षण वादी नेताओं का, सर्वस्व मिटाके जायेगा…
अभी सम्भल जाओ मित्रों, इस स्वार्थ भरे व्यापार से,
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से..

जातिवाद की नही , समस्या मात्र गरीबी वाद है,
जो सवर्ण है पर गरीब है, उनका क्या अपराध है…
कुचले दबे लोग जिनके, घर मे न चूल्हा जलता है,
भूखा बच्चा जिस कुटिया में, लोरी खाकर पलता है…
समय आ गया है उनका , उत्थान कीजिये प्यार से
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से..

जाति गरीबी की कोई भी, नही मित्रवर होती है,
वह अधिकारी है जिसके घर, भूखी मुनिया सोती है…
भूखे माता-पिता , दवाई बिना तडपते रहते है,
जातिवाद के कारण, कितने लोग वेदना सहते है
उन्हे न वंचित करो मित्र, संरक्षण के अधिकार से
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से..

वोट के खातिर मत बांटों भारत के इन लालों को.
भाई भाई में जहर ना घोलों अपनी कुर्सी के ताकत से.
राम रहीम का देश है भारत कबीर सूर तुलसी भी हैं,
इनको बांट राज करने की कुटिल नीति अब छोड़नी है.
बहुत किया बरबाद देश अब सत्य की ज्योति जलाइ के
प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से..

गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश पारदीवाला ने  यह सोचा है
देश की तरक्की में आरक्षण व्यवस्था बहुत बड़ी इक बाधा है
इसी तरह भ्रष्टाचार भी बहुत बड़ा इक जीवित मुद्दा है
सुरसा की तरह मुंह फैलाकर वैमनस्य  बीज यह बोता है
मत बरबाद युवा भविष्य कर रोक टोक हथियार से .
प्रतिभाओं को मत काटो आरक्षण की तलवार से.

मेरिट को कम आंक ना सकते आरक्षण के चाल से.
भारत  ही वह देश जहां पिछड़ा कह गर्वित होते हैं.
सभी पाटिर्या एक सा ही हैं लली पाप दिखलाती है.
भला नहीं वह कुछ करती केवल संताप कराती है.
गुह युद्ध में मत झोंको दकियानूसी विचार से.
प्रतिभाओं को मत काटो आरक्षण की तलवार से .

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