Friday, July 26, 2024

डॉ.सौरभ द्विवेदी , आर्थोपेडिक सर्जन की बस्ती मंडल में चिकित्सा सेवा


महर्षि वशिष्ठ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय कैली अस्पताल में कोरोना मरीज का संक्रमित पैर काटकर किया था बस्ती में सेवा की शुरुवात 

बस्ती। डा. सौरभ द्विवेदी के महर्षि वशिष्ठ स्वशाषी चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती में ज्वाइनिंग के समय कोविड 19 अपने चरम उत्कर्ष पर था। इस समय कोविड 19 अपने द्वितीय फेज में बहुत जोरों से लोगों को अपने आगोश में सुला रहा था। आक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई थी। चिकित्सा स्टाफ और डाक्टर भी कोरोना मरीज को छूने से डरते थे। बस्ती मंडल जिला और महर्षि वशिष्ठ स्वशाषी चिकित्सा महाविद्यालय केली चिकित्सालय में चिकित्सा की बड़ी दयनीय स्थिति थी। जिन्हें साधन सुलभ हो जाता था,वह अपनी जान बचाने में कामयाब हो जाते रहे हैं। अनेक बदनसीब ईश्वर को प्यार हो जाते रहे हैं। डॉ.सौरभ द्विवेदी ने कोरोना काल में आगरा स्थित एस एन कालेज से एमएस की डिग्री हड्डी रोग से पूरी की थी। कोरॉना के समय चिकित्सकों की आवश्यकता बढ़ गई थी।किसी को कार्य मुक्त नही किया जा रहा था। इसलिए उन्हें समय पूरा होने के बावजूद सीनियर रेजिडेंट पद पर रोक रखा गया था। 
      इसी बीच कोरोना के एक मरीज को गोरखपुर और केजीएमसी लखनऊ रेफर होने के बावजूद मरीज विना उपचार के अपने आधार जिले बस्ती में वापस कर दिया गया था। तत्कालीन जिला अधिकारी महोदया श्रीमती सौम्या अग्रवाल निरंतर निगरानी करती रहती थी और महर्षि वशिष्ठ स्वशासी चिकित्सा महा विद्यालय को निर्देश देती रहती थीं। बस्ती जिले में दर्जनों अस्थि रोग के सर्जन होने के बावजूद एक कोरोना संक्रमित मरीज जिसका एक पैर निरंतर सड़ने की स्थिति में आगे खराब होता जा रहा था। उसका पैर काटने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। 
       महर्षि वशिष्ठ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती के तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक डा. जी एम शुक्ला, तत्कालीन प्राचार्य डा. नवनीत कुमार, अस्थि रोग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डा .रहमत अली कोरोना संक्रमित मरीज का सड़ रहे पैर ना कटवा पाने के निरंतर दबाव में थे कि मरीज को कैसे बचाया जाए? बस्ती जिले में दर्जनों अस्थि रोग के सर्जन मरीज को हाथ लगाने से डरते थे। सभी आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज से रिलीव होकर आने वाले युवा सर्जन डॉ सौरभ द्विवेदी का इंतजार कर रहे थे। अपनी नई पोस्टिंग वाले वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए टारगेट को पूरा करने सीधे महर्षि वशिष्ठ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती के कैली चिकित्सालय कैम्पस पहुंच गए। वहां जाकर संक्रमित मरीज का संक्रमित पैर को काट अलग कर अधिकारियों और मरीज को राहत की सांस दिया। 

पैर को काटने के बाद ही किया था चिकित्सा महाविद्यालय में ज्वाइनिंग:-

        संक्रमित मरीज का संक्रमित पैर को काटने के बाद ही डा. सौरभ द्विवेदी ने 10 अप्रैल 2021 को बस्ती के महर्षि वशिष्ठ स्वशाषी चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती रामपुर स्थित एकेडमिक कैंपस में सीनियर रेजिडेंट के पद अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट देकर वशिष्ठ नगरी बस्ती की पावन भूमि पर अपनी सेवाएं शुरू किया था ।
     डॉ.सौरभ द्विवेदी आर्थोपेडिक सर्जन ने तब से अब तक लगभग पौने तीन साल में बस्ती मंडल की हजारों अस्थि रोगियों को ओपीडी चिकित्सा और आपरेशन द्वारा सेवा की थी। महर्षि वशिष्ठ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती का कालेज प्रशासन ना जाने किस अज्ञात कारण से डॉ.सौरभ द्विवेदी आर्थोपेडिक सर्जन की सेवा दिसम्बर 2023 में द्वारा बन्द कर दिया । बस्ती मण्डल की जनता एक सर्व सुलभ संस्थान के सार्वजनिक पटल से अपने एक कुशल चिकित्सक की सेवा से वंचित हो गई थी । यद्यपि एक बार परख चुके लोग उक्त डाक्टर के निजी हॉस्पिटल से सेवा लेने में हिचक नहीं रहे हैं। ईश्वर ने अनुकंपा मिली और मंडल और जनपद बस्ती के सम्मानित जनता जनार्दन की दुवा यदि लगी तो आने वाले दिनों में डा सौरभ द्विवेदी को पुनः महर्षि वशिष्ठ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय कैली अस्पताल बस्ती में आम जनता की सेवा का अवसर मिल सकता है।


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