Tuesday, October 31, 2023

राष्ट्रीय एकता दिवस पर बस्ती जिले में विविध आयोजन डॉ. राधे श्याम द्विवेदी


भारत की आजादी एक लंबे राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संघर्ष के परिणाम स्वरूप मिली थी। इसे हासिल करने के लिए महात्मा गांधी , जवाहर लाल नेहरू , भगत सिंह से लेकर सुभाषचंद्र बोस आदि अनेक महा पुरुषों ने अपनी-अपनी तरह से योगदान दिया है । आम जनता ने भी आजादी की जंग में अपना खून पसीना एक किया। सभी किसी न किसी तरह से भारत की सत्ता पर स्वदेशी हुकूमत देखना चाहते थे। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया। देश पर एकीकरण का एक भयावह खतरा मंडरा रहा था जिसे न जवाहर लाल नेहरू कर पाते और न राष्ट्रपिता महात्मा गांधी। सरदार बल्लभ भाई पटेल की दृढ़ इच्छा शक्ति, लौह जैसे इरादे के बूते भारत आजाद और संगठित हुआ। आज जिस अखंड और एक भारत को हम देख रहे हैं यह पूरा भारत हम सबको इसी शख्स का दिया हुआ है। यह ऐसा अनमोल तोहफा है, जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते। लौह जैसे इरादों के चलते पटेल लौह पुरूष के नाम से पूरे भारत में लोकप्रिय रहे। 
रियासतों का एकीकरण एक भयावह कार्य:- 
भारत की आजादी के बाद सबसे बड़ा और चुनौतीपूर्ण काम था रियासत में खंड-खंड रूप से बंटे, राजे-रजवाड़ों के छोटी-छोटी सल्तनों की हुकूमतों के अहंकार में डूबे हिंदुस्तान को एक करना कोई आसान काम नहीं था। अंग्रेज भारत को आजाद तो कर गए, लेकिन उन्होंने देश का बंटवारा भी कर दिया । पाकिस्तान के बनाने का निर्णय अंग्रेजों द्वारा अधिकृत लार्ड माउंटबेटन कर गए, लेकिन वे हिंदुस्तान को अखंड बनाने वाली 536 छोटी-बड़ी रियासतों को लेकर चुप्पी साध गए। उस समय नेहरू के लिए भी रियासतों को एक करना सबसे बड़ी और गंभीर चुनौती थी, जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल को सौंपी । इस तरह एक दृढ़ इच्छा शक्ति के कुशल संगठक, शानदार प्रशासक, पटेल के लिए 600 से ज्यादा राजाओं को आजाद भारत में शामिल करना आसान नहीं था। वे उन्हें नई कांग्रेस सरकार के प्रतिनिधि के रूप में इस बात के लिए राजी करने का प्रयास करना चाह रहे थे कि वे भारत की कांग्रेस सरकार के अधीन आ जाए। जिस तरह से उन्होंने हैदराबाद, जूनागढ़ जैसी रियासतों को एक किया वह काबिले तारीफ था।
31अक्टूबर सरदार पटेल की जयंती एच एकता दिवस:-
31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत में वर्ष 2014 में पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। देश के पहले गृहमंत्री और उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के समकक्ष खड़ा करने के अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में 2014 से ही सरकार ने सरदार पटेल की जयंती 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया है। 
अमहट घाट पर सरदार पटेल प्रतिमा का लोकार्पण :-
लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जयन्ती अवसर पर ३१ अक्टूबर को उनकी प्रतिमा का अनावरण कुंआनो तट के अमहट घाट पर स्थित नगर पालिका परिषद के पार्क में किया गया। भाजपा विधायक अजय सिंह, जिला पंचायत बस्ती के अध्यक्ष संजय चौधरी, अपना दल एस के निवर्तमान जिलाध्यक्ष विवेक चौधरी आदि ने लौह पुरुष के कार्यों को स्मरण किया। सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश को आजाद कराने, कई बिखरी रियासतों को भारत से जोड़ने और गृह मंत्री के रूप में जो भूमिका निभायी देश उन्हें सदैव याद करेगा। लम्बे समय से मण्डल मुख्यालय पर सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा न होने की कमी खल रही थी, लम्बे प्रयास और सहयोग से यह विशाल प्रतिमा नयी पीढी को रचनात्मक ऊर्जा प्रदान करेगी। लोग पटेल जी के जीवन संघर्ष और अदम्य इच्छा शक्ति से प्रेरणा लेंगे।
स्वामी दयानन्द विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम :-
स्वामी दयानन्द विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को सम्बोधित करते हुए ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि नेहरू के तीव्र विरोध के पश्चात भी उन्होंने 'सोमनाथ मन्दिर का जीर्णोदार कराया। अदम्य साहस के धनी सरदार पटेल को दुनिया लौहपुरुष के नाम से जानती है। इसीलिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा में प्रत्येक गांव का लोहा प्रयोग कर *स्टैच्यू आफ यूनिटी* बनाकर उन्हें जन जन के हृदय में बसा दिया। वे अपने सुकर्मों से जन जन के हृदय में बसते हैं। इस अवसर पर आर्य ने विद्यालय परिवार के साथ यज्ञ कर सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश दिया। 
 जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम:-
लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल को उनकी 148 वीं जयन्ती पर याद किया गया। मंगलवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि देश को आजाद कराने से लेकर गृह मंत्री के रूप में देश के निर्माण में उनके योगदान से युवाओं को प्रेरणा लेना चाहिये, वे महान नेता थे। किसान के बेटे के रूप में उन्होने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपनी सुविधा की जगह देश के हितों की चिन्ता किया। ऐसे महापुरूष विरले होते हैं जो संकट में बहादुरी का परिचय देते हुये विजेता बनकर उभरे। उन्होने 562 रियासतों को एकता के सूत्र में बांध कर भारत के स्वरूप को सशक्त बनाया। 
प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर में विविध कार्यक्रम :-
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर को हरैया विकासखण्ड के प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक और प्राथमिक शिक्षक संघ हरैया के अध्यक्ष सन्तोष कुमार शुक्ल ने सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों द्वारा नृत्य, संगीत, नाटक का मंचन किया गया। अंत में रन फॉर यूनिटी दौड़ आयोजित की गई जिसमें विजेता बच्चों को पुरस्कार तथा सभी बच्चों को मिष्ठान वितरित करके कार्यक्रम का समापन किया गया।
जिला परिषदीय विद्यालय के छात्रों द्वारा आयोजित रैली:-
राष्टीय एकीकरण के वास्तुकार सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में राष्टीय एकता दिवस मनाया और परिषदीय विद्यालय के छात्रों द्वारा विशाल रैली निकाली गई रैली को प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महेंद्र त्रिपाठी द्वारा हरी झंडी दिखाकर गांधीनगर कंपोजिट विद्यालय से रवाना किया गया या रैली लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल अमर रहे की जय घोष के साथ टाउन क्लब के रास्ते से होते हुए ए पी एन डिग्री कॉलेज से वापस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुँचीं जहां पर समस्त छात्रों और सम्मिलित अध्यापकों ने शपथ ग्रहण किया।
राजकीय महाविद्यालय में पटेल को याद किया गया :-
रुधौली के राजकीय महाविद्यालय सेहमों की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा मिशन शक्ति अभियान 4.0 के अन्तर्गत महाविद्यालय में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय के प्राचार्य डा० अतुल कुमार पाण्डेय द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं समस्त प्राध्यापकों द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। तत्पश्चात् राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोगों ने देश के प्रति शपथ ग्रहण किया। इसी क्रम में एकता दौड़ का आयोजन किया गया जिसमें समस्त स्टाफ और छात्र-छात्राओं व स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाओं ने बहुत ही जोश व उल्लास के साथ हिस्सा लिया। महाविद्यालय में 'राष्ट्रीय एकता का महत्व और आवश्यकता- सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डा० अतुल कुमार पाण्डेय ने किया। बीए तृतीय वर्ष की छात्रा अंजू कुमारी ने सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य डा० अतुल कुमार पाण्डेय ,डा० श्याम मनोहर पाण्डेय, डा० आनन्द कुमार पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए।

 


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