Monday, February 19, 2018

परीक्षा छोड़नेवाले धन्यवाद के पात्र- डा. राधेश्याम द्विवेदी


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उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी सरकार के गठन के बाद शिक्षा व्यवस्था में आमूल परिवर्तन आया है। परीक्षा में नकल करवाने की सदियों पुरानी परम्परा टूट गयी है। परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में खरीद फरोख्त बन्द हो गयी है। परीक्षा केन्द्रों पर सीटीवी कैमरे लग गये। उड़ाका दलों का प्रभावी गठन किया गया है। परिणाम स्वरुप इस साल लगभग 10 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है। इन्हें छात्र तो नहीं कहा जा सकता है। छा़त्र के नाम पर ये व्यवसायी कहे जा सकते हैं। इनके भरोसे शिक्षा माफिया खूब फलते फूलते रहे हैं। अनेक ने काफी कमाई भी कर ली है। इसका असर यह हुआ कि आज परीक्षा का महत्व ही खत्म हो गया और हर सेवा के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रचलन करना पड़ा। सामान्य परीक्षा के अंक का कोई महत्व ही नहीं रहा जब योगी जी की सरकार ने परीक्षा में सुचिता लाने का प्रयास किया तो बड़ी संख्या में जुगाड़ू लोगों को परीक्षा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। परीक्षा छोड़नेवाले धन्यवाद के पात्र हैं। क्योंकि उन्होंने देश को दस लाख अयोग्य बोझों से बचा लिया। यही वो दस लाख है जो नकल की सीढ़ी से हाईस्कूल इन्टर स्नातक स्नातकोत्तर परीक्षाओं की उपाधियां खरीदकर किसी भी विषय पर एक पृष्ठ नहीं लिख सकते हैं । ये वही निकम्मे शोहदे हैं, जो मां बाप की जमीन गहने बिकवाकर घूस के दम पर योग्य अभ्यर्थियों को किनारे कर नौकरियां हथियाते रहे हैं और व्यवस्था के घूसखोर नासूर बन जाते हैं। ये वही विगड़ौल औलादें हैं, जिनके निकम्मेपन को मुद्दा बनाकर राजनीतिक पार्टियां नकल की सख्ती खत्म करने बेरोजगारी भत्ता जैसे प्रलोभन देकर चुनाव लड़ती हैं और अनेक बार सत्ता तक हथिया लेती है। इससे निकम्मों की यह नर्सरी प्रायः फलती फूलती रहती है।
समाज के इन नासूर से सड़कों पर गुंडागर्दी करते, बेटियों से छेड़खानी करते, चुनाव में नारा लगाते और मारपीट करते, किसी खान और चंदन की हत्या करते, भगवा झंडे और हरे झंडे हाथों में थामे,  माफियाओं के पीछे बंदूक लिए हमेशा देखे जाते हैं। मारते भी यही हैं और मरते भी यही हैं। हमारे राजनीतिक आकाओं और माफियाओं की कड़ी मेहनत से यह फौज तैयार होती रही है। शिक्षा के तथाकथित पवित्र संस्थान गुंडा फैक्ट्री बनते जा रहे हैं।
योगी जी के इस पुनीत कार्य के लिए हर बुद्धजीवी उन्हें सादर नमन करता है। उत्तर प्रदेश  की माटी को इस योग्य बनाइये कि इस माटी से स्वामी विवेकानंद, डॉ ए०पी०जे० अब्दुल कलाम, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, माता सावित्रीबाई फुले और बेगम हजरत महल पुनः पुनः जन्में। इससे इतिहास में प्रदेश का नाम रोशन होगा। समाज में सुचिता आयेगी और गुणी की पूजा होने लगेगी। इतिहास पूरी श्रृद्धा से  इन कर्णघारों का नमन करता रहेगा।


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