Monday, June 24, 2024

चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लखनऊ आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी

67 साल की जिन्दगी में चार बार इस चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लखनऊ से आने जाने के अवसर मिला है।एक बार उत्तराखंड के देहरादून की यात्रा के अवसर पर बिगत नवबर 2023 में और दूसरी बार महाराष्ट्र की यात्रा मई 2024 के अन्तिम सप्ताह में सम्पन्न हुआ था।

       इंडिगो में अपनी जीवन संगनी 
                  के साथ लेखक

दोनो यात्राओं में लगभग 6 माह का अंतर था। पर एस हवाई अड्डे में काफी परिवर्तन देखा गया। प्रतीत होता है अदानी द्वारा इसका पोषण करने से इसमें काफी सुधार देखा गया है। पिछली यात्रा पर बस में बैठ कर यात्री विमान तक जाते थे पर अब विमान तक वातानुकीलित गलियारे से सीधे जुड़ गया है और भी अनेक परिवर्तन देखने को मिला है।

लखनऊ हवाई अड्डे के बारे में :- 

लखनऊ एयरपोर्ट को पहले अमौसी एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था, यह उत्तरी भारत का एक प्रमुख विमानन प्रवेश द्वार है। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहाँ कस्टम्स विभाग की आफिस भी है। इसकी हवाई पट्टी एस्फाल्ट से निर्मित है। इसकी प्रणाली यांत्रिक है। इसकी उड़ान पट्टी की लम्बाई 7200 फी. है। यह एयरपोर्ट लखनऊ शहर की सेवा करता है और इसे 2008 में भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर एक नया नाम दिया गया था। यह एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है जिसके तीन परिचालन टर्मिनल (T1, T2 औरT3) से हो रहा हैं। चौथे टर्मिनल टी4 भी प्रतावित है।इससे इसका पर्याप्त विस्तार हो जाएगा। इसमें विभिन्न वस्तुओं के आयात और निर्यात के लिए एक कार्गो टर्मिनल भी है, जिसमें कीमती सामान, खराब होने वाली वस्तुएँ, ऑटोमोबाइल पार्ट्स और बहुत कुछ शामिल हैं।

लखनऊ एयरपोर्ट की स्थापना 1986 में :- 

लखनऊ एयरपोर्ट की स्थापना 1986 में सिर्फ़ एक टर्मिनल के साथ की गई थी। बाद में 1996 में AAI ने एयरपोर्ट पर बुनियादी ढांचे का विस्तार किया और आखिरकार 2012 में दूसरा टर्मिनल चालू हो गया। दूसरे टर्मिनल को 19 मई 2012 को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मेजबानी के लिए हरी झंडी दी गई।इसके अलावा, राज्य सरकार ने बढ़ते यात्री यातायात को संभालने के लिए 2016 में हवाई अड्डे पर टर्मिनल 3 के निर्माण की घोषणा की। इस परियोजना को 2018 में भारत सरकार ने मंजूरी दी थी और इसे 13.83 बिलियन रुपये में पूरा किया जाएगा।लखनऊ हवाई अड्डे पर 2,744 मीटर लम्बा रनवे 27, आईएलएस कैट IIIB सुविधाओं से सुसज्जित है, जिससे कम दृश्यता वाले मौसम में भी विमानों की सुरक्षित लैंडिंग संभव हो पाती है।
     उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट ने वैश्विक स्तर पर होने वाली रैंकिग में अपनी एक और उपलब्धी दर्ज कराई है. अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने 50 लाख से 1.5 करोड़ यात्री क्षमता की श्रेणी में बेहतर कस्टमर सर्विस के मामले में एशिया में पहला स्थान हासिल किया है!

पहले भी मिल चुका है एयरपोर्ट को पुरस्कार :- 

इसके पहले लखनऊ एयरपोर्ट को वर्ष 2018 में 25 से 50 लाख यात्रियों के वर्ग में एसीआई ने एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी पुरस्कार से सम्मानित किया था. उस वर्ष देश के 6 एयरपोर्ट ने एएसक्यू में जगह बनाई थी. इनमें मुम्बई, दिल्ली एयरपोर्ट शामिल थे। वर्ष 2016 में भी लखनऊ एयरपोर्ट यह पुरस्कार हासिल कर चुका है. यात्रियों ने हर बार एयरपोर्ट पर मिलने वाली सुविधाओं, कर्मचारियों, इमिग्रेशन और कस्टम के व्यवहार पर संतोष जताते हुए सर्वेक्षणों में भारतीय एयरपोर्टों को ज्यादा अंक दिए हैं.

9 मार्च 2024 को टी-3 टर्मिनल का उद्घाटन हुआ था:- 

एयरपोर्ट के नए टर्मिनल टी-3 का पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को आजमगढ़ से रिमोट से शुभारंभ किया ।
 नए टर्मिनल का निर्माण कार्य कोविड के पहले शुरू हुआ था, पर कोरोनाकाल की वजह से सुस्त हो गया था। इसका निर्माण कार्य 1400 करोड़ से शुरू हुआ था, जिसकी लागत बढ़कर 3900 करोड़ रुपये पहुंच गई है। टर्मिनल का एक हिस्सा बनकर तैयार हो गया है। शेष कार्य पूरा होने में समय लगेगा। ऐसे में टर्मिनल के तैयार हो चुके हिस्से का शुभारंभ किया जाएगा।

8 जून 2024 से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू हुआ:- 

चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में भी जाना जाने वाला, अडानी के स्वामित्व वाला लखनऊ हवाई अड्डा निवासियों की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस एयरपोर्ट पर शनिवार यानी 8 जून 2024 से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू हो जाएंगे. अभी तक अमौसी एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 से सिर्फ घरेलू विमानों का संचालन ही हो रहा था. शनिवार की सुबह 6 बजे से यहां से फ्लाइट टेक ऑफ और लैंड करना शुरू हो जाएंगी. सबसे पहले फ्लाई दुबई, एयर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो एयरलाइंस की पहले दिन इंटरनेशनल उड़ने टर्मिनल 3 से रवाना होंगी. अभी तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन टर्मिनल 1 से हो रहा है. 
लखनऊ के एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए अलग-अलग कंपनियों ने अपने बोर्डिंग काउंटर बनाने शुरू कर दिए हैं. अभी तक जिन कंपनियों ने काउंटर बनाया है उसमें इंडिगो एयरलाइंस, एयर इंडिया एक्सप्रेस, सऊदी एयरलाइंस, ओमान एयर, थाई एयर एशिया, फ्लाईनास, सलाम एयर और फ्लाई दुबई जैसी कंपनियों शामिल हैं. इन कंपनियों ने अपने बोर्डिंग काउंटर के साथ ही इमीग्रेशन और कस्टम के ऑफिस भी शिफ्ट कर लिए हैं.

इन देशों की फ्लाइट चलती है:- 

लखनऊ से अभी तक जिन देशों में फ्लाइट जाती है वह देश हैं- अबू धाबी, दुबई, शारजाह, दम्मन, जेद्दा, मस्कट, रियाद, रस अल खैमाह और बैंकॉक. टर्मिनल 3 का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च 2024 को किया था. जानकारी के मुताबिक करीब 2400 करोड रुपए की लागत से टर्मिनल 3 का पहला चरण बन चुका है.
इसकी क्षमता प्रतिवर्ष 80 लाख यात्रियों की है, वहीं दूसरे चरण का काम जारी है और दूसरा चरण बनने के बाद यह क्षमता बढ़ाकर प्रतिवर्ष एक करोड़ 30 लाख यात्रियों की हो जाएगी. एक आंकड़े के मुताबिक टर्मिनल 3 से लगभग 13,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. लखनऊ एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने कहा, "हम एयरलाइन्स के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि टर्मिनल 3 पर जाने का काम बिना किसी परेशानी के हो। इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि घरेलू उड़ानों से आने वाले यात्रियों को टर्मिनल 3 पर जाने के बारे में समय पर पर्याप्त जानकारी दी जाए।"

10,400 करोड़ से बनेगा टी-4 टर्मिनल:- 

भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अमौसी एयरपोर्ट प्रशासन एक और टर्मिनल की रूपरेखा तैयार कर चुका है। टी-3 के बन जाने के बाद चौथे टर्मिनल को बनाया जाएगा, जो और भी भव्य व सुविधाओं से लैस होगा। इस टर्मिनल को बनाने पर कुल 10,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसकी पर्यावरणीय अनुमति पहले ही ली जा चुकी है।

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