Monday, May 1, 2017

उत्तर प्रदेश का मुख्य सेवक योगी आदित्यनाथ -डा.राधेश्याम द्विवेदी


परिचयराजनैतिक जीवन:- हिन्दू ह्रदय सम्राट ,योगी आदित्यनाथ जी महाराज गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी एवं सांसद रहे हैं। उनका वास्तविक नाम अजय सिंह है। बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। उन्होंने गढ़वाल  विश्विद्यालय  से  गणित  से  बी.एस.सी किया है।  वे गोरखपुर से लगातार 5 बार से सांसद रहे हैं। वे 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है।  सनातन हिन्दू धर्म की विकृतियों एवं उस पर हो रहे प्रहार से व्यथित कर दिया। प्रारब्ध की प्राप्ति से प्रेरित होकर आपने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ग्रहण कर लिया। इनकी व्यवहार कुशलता, दृढ़ता, कर्मठता, हिन्दुत्वनिष्ठा असंदिग्ध है। योगी जी के युवा नेतृत्व में थोड़ी ही समय में सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में हिन्दू का जो तेजोमय पुनर्जागरण हुआ है वह युगान्तकारी है।
दीक्षा और हिन्दू पुनर्जागरण :- जब सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश जेहाद, धर्मान्तरण, नक्सली व माओवादी हिंसा, भ्रष्टाचार तथा अपराध की अराजकता में जकड़ा था उसी समय नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के पावन परिसर में शिव गोरक्ष महायोगी गोरखनाथ जी के अनुग्रह स्वरूप माघ शुक्ल 5 संवत् 2050 तदनुसार 15 फरवरी सन् 1994 की शुभ तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने मांगलिक वैदिक मंत्रोच्चारणपूर्वक अपने उत्तराधिकारी पट्ट शिष्य उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ जी का दीक्षाभिषेक सम्पन्न किया। गोरखपुर की राजनीति में एक 'एंग्री यंग मैन' की यह धमाकेदार एंट्री थी. यह वही दौर था, जब गोरखपुर की राजनीति पर दो बाहुबली नेताओं हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही की पकड़ कमज़ोर हो रही थी. युवाओं ख़ासकर गोरखपुर विश्वविद्यालय के सवर्ण छात्र नेताओं को इस 'एंग्री यंग मैन' में हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे महंत दिग्विजयनाथ की 'छवि' दिखी और वो उनके साथ जुड़ते गए. आप एक योगी की भाँति गाँव-गाँव और गली-गली निकल पड़े। शिव के उपासक की सेना चलती रही और शिव भक्तों की एक लम्बी कतार आपके साथ जुड़ती चली गयी। आपने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत और अस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया। वृहद् हिन्दू समाज को संगठित कर राष्ट्रवादी शक्ति के माध्यम से हजारों मतान्तरित हिन्दुओं की ससम्मान घर वापसी का कार्य किया। गोरक्षा के लिए आम जनमानस को जागरूक करके गोवंशों का संरक्षण एवं सम्वर्धन करवाया। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सक्रिय समाज विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने में आपने सफलता प्राप्त की।बहुआयामी प्रतिभा के धनी योगी जी, धर्म के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में रत हो गये।
हिंदू युवा वाहिनी :- इसके बाद उन्होंने निजी सेना के रूप में हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) का गठन किया, जिसे वह 'सांस्कृतिक संगठन' कहते हैं और जो 'ग्राम रक्षा दल के रूप में हिंदू विरोधी, राष्ट्र विरोधी और माओवादी विरोधी गतिविधियों' को नियंत्रित करता है. हिंदू युवा वाहिनी के खाते में गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर से लेकर मउ, आज़मगढ़ तक मुसलमानों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के दर्जनों मामले दर्ज हैं. हिंदू युवा वाहिनी के इन कामों से गोरखपुर में उनकी जीत का अंतर बढ़ने लगा और साल 2014 का चुनाव वह तीन लाख से भी अधिक वोट से जीते. उनके समर्थक नारे लगाते घूमते 'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना है.' गोरखपुर के बाहर दूसरे जगहों पर यह नारा 'पूर्वांचल में रहना है तो योगी-योगी कहना है' हो जाता. बाद में तो यह नारा ‘यूपी में रहना है तो योगी-योगी कहना है’, में तब्दील हो गया.
राजनीति में प्रवेश :- महन्त अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। अपने पूज्य गुरुदेव के आदेश एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता की मांग पर आपने वर्ष 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते थे। 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने। पिछले साल मार्च में गोरखनाथ मंदिर में हुई भारतीय संत सभा की चिंतन बैठक में आरएसएस के बड़े नेताओं की मौजूदगी में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया गया.

करिश्माई व्यक्तित्व:- योगी जी जैसे तेजस्वी, उर्जामान तथा अन्नत संभावनाओं से भरे कृति युवा के करिश्माई व्यक्तित्व का आकलन बड़ा ही कठिन है। परम पूज्य गुरूदेव गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज एवं अपने दादा गुरू ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी को अपना आदर्श एवं प्रेरणाश्रोत माननेवाले योगी जी विलक्षण प्रतिभा के धनी है। अपने गुरू महाराज की हर कथनी को करनी में क्रियान्वित करने को निरन्तर तत्पर रहते है। योगी जी हठयोग एवं राजयोग साधना की सैद्धान्तिक, व्यवहारिक प्रक्रिया में पटु, भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से हिन्दुत्व के प्रति पूर्णरूप से समर्पित है।
सबसे कम उम्र के सांसद:- योगी जी की भौतिक उपलब्धियों में सन् 1998 में भारतीय संसद में सबसे कम उम्र के सांसद के रूप मे चुना जाना, सन् 1997 में पंचम् विश्व हिन्दू महासंघ के आयोजन के कर्णधार एवं सूत्रधार, सन् 1999 में दुबारा सांसद के रूप मे चुना जाना, सन् 2003 में विश्व हिन्दू महासंघ के तत्वावधान में सप्तम विश्व हिन्दू महासंघ का दुर्लभ ऐतिहासिक आयोजन, सन् 2004 का लोक सभा चुनाव भारी बहुमत से जीतना, सन् 2006 में विश्व हिन्दू महासम्मेलन का ऐतिहासिक आयोजन गोरखपुर में करना, सन् 2009 में चौथी बार गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में भारी बहुमत से चुनाव जीतना आदि।
हिन्दू संगमों का आयोजन:- पूर्वांचल में विभिन्न स्थलों में हिन्दू संगमों का आयोजन भी इसी  श्रृंखला की कड़ी है। संप्रति विश्व हिन्दू महासंघ की भारत इकाई के अध्यक्ष, गोरखपुर के लोकप्रिय सांसद, हिन्दू युवा वाहिनी, गोरक्षनाथ पूर्वांचल विकास मंच, श्रीराम शक्ति प्रकोष्ठ आदि के मुख्य संरक्षक, तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण, चिकित्सीय तथा सामाजिक सेवा प्रकल्पों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े योगी जी स्वधर्म एवं स्वराष्ट्र के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। ओजस्वी वक्ता, योग एवं अध्यात्म के कुशल अध्येता योगी जी सिद्धहस्त लेखक भी है।
बहुमुखी प्रतिभा के लेखक :- आपकी बहुमुखी प्रतिभा का एक आयाम लेखक का है। अपने दैनिक वृत्त पर विज्ञप्ति लिखने जैसे श्रमसाध्य कार्य के साथ-साथ आप समय-समय पर अपने विचार को स्तम्भ के रूप में समाचार-पत्रों में भेजते रहते हैं। इनकी लिखित पाँच पुस्तके हठयोग: स्वरूप एवं साधना, राजयोग: स्वरूप एवं साधना एवं हिन्दू राष्ट्र नेपाल - अतीत एवं वर्तमान आदि काफी लोकप्रिय रहीं है।श्री गोरखनाथ मन्दिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के आप प्रधान सम्पादक हैं तथा ‘हिन्दवी’ साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक रहे। आपका कुशल नेतृत्व युगान्तकारी है और एक नया इतिहास रच रहा है। 
विवादित बयान:-7 सितम्बर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बच गये। यह हमला इतना बड़ा था की सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया। आदित्यनाथ गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। आदित्यनाथ हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया। उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फैल गए।
भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध:- आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। योगी आदित्य नाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 व 2014 में सांसद चुने गए। संसद में सक्रिय उपस्थिति एवं संसदीय कार्य में रुचि लेने के कारण आपको केन्द्र सरकार ने खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग और वितरण मंत्रालय, चीनी और खाद्य तेल वितरण, ग्रामीण विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, सड़क परिवहन, पोत, नागरिक विमानन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालयों के स्थायी समिति के सदस्य तथा गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्व विद्यालय की समितियों में सदस्य के रूप में समय-समय पर नामित किया। आप लगभग 36 शैक्षणिक एवं चिकित्सकीय संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, प्रबन्धक या संयुक्त सचिव हैं।
मानवता को समर्पित जीवन:- वैभवपूर्ण ऐश्वर्य का त्यागकर कंटकाकीर्ण पगडंडियों का मार्ग उन्होंने स्वीकार किया है। जहाँ भौतिक सुख और वैभव के सभी साधन एक इशारे पर उपलब्ध हो जायं, जहाँ मोक्ष प्राप्त करने के सभी साधन एवं साधना उपलब्ध हों, ऐसे जीवन का प्रशस्त मार्ग तजकर मान-सम्मान की चिंता किये बगैर, यदा-कदा अपमान का हलाहल पीते हुए इस कंटकाकीर्ण मार्ग का वे अनुसरण क्यों करते? उनका यह पथ उनकी अदम्य इच्छा शक्ति को दर्शाता है।
सामाजिक समरसता के अग्रदूत:- ‘जाति-पाँति पूछे नहिं कोई-हरि को भजै सो हरि का होई’ गोरक्षपीठ का मंत्र रहा है। गोरक्षनाथ ने भारत की जातिवादी-रूढ़िवादिता के विरुद्ध जो उद्घोष किया, उसे इस पीठ ने अनवरत जारी रखा। गोरक्षपीठाधीश्वर परमपूज्य महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज के पद-चिह्नों पर चलते हुए पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों, जातिवाद, क्षेत्रवाद, नारी-पुरुष, अमीर-गरीब आदि विषमताओं, भेदभाव एवं छुआछूत पर कठोर प्रहार करते हुए, इसके विरुद्ध अनवरत अभियान जारी रखा है। गाँव-गाँव में सहभोज के माध्यम से ‘एक साथ बैठें-एक साथ खाएँ’ मंत्र का उन्होंने उद्घोष किया।
भ्रष्टाचार-आतंकवाद-अपराध विरोधी संघर्ष के नायक: - योगी जी के भ्रष्टाचार-विरोधी तेवर के हम सभी साक्षी हैं। अस्सी के दशक में गुटीय संघर्ष एवं अपराधियों की शरणगाह होने की गोरखपुर की छवि योगी जी के कारण बदली है। अपराधियों के विरुद्ध आम जनता एवं व्यापारियों के साथ खड़ा होने के कारण आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मनोबल टूटे हैं। नेपाल सीमा पर राष्ट्र विरोधी शक्तियों की प्रतिरोधक शक्ति के रुप में हिन्दु युवा वाहिनी सफल रही है।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा के पुजारी:- सेवा के क्षेत्र में शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दिये जाने के गोरक्षपीठ द्वारा जारी अभियान को पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने भी और सशक्त ढंग से आगे बढ़ाया है। योगी जी के नेतृत्व में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा आज तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाएँ गोरखपुर एवं महाराजगंज जनपद में कुष्ठरोगियों एवं वनटांगियों के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा से लेकर बी0एड0 एवं पालिटेक्निक जैसे रोजगारपरक सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का भगीरथ प्रयास जारी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय ने अमीर-गरीब सभी के लिये एक समान उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी है। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों ने जनता के घर तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुचायी हैं।
विकास के पथ पर अनवरत गतिशील:- योगी आदित्यनाथ जी महाराज के व्यक्तित्व में सन्त और जननेता के गुणों का अद्भुत समन्वय है। ऐसा व्यक्तित्व विरला ही होता है। यही कारण है कि एक तरफ जहॉ वे धर्म-संस्कृति के रक्षक के रूप में दिखते हैं तो दूसरी तरफ वे जनसमस्याओं के समाधान हेतु अनवरत संघर्ष करते रहते है; सड़क, बिजली, पानी, खेती आवास, दवाई और पढ़ाई आदि की समस्याओं से प्रतिदिन जुझती जनता के दर्द को सड़क से संसद तक योगी जी संघर्षमय स्वर प्रदान करते रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केन्द्र और प्रदेश में विपक्षी पार्टियों की सरकार होने के बावजूद गोरखपुर विकास के पथ पर अनवरत गतिमान है।

जनता से सीधा संपर्क :- योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी ख़ासियत जनता से सीधा संवाद और संपर्क है. लोग उनमें महंत दिग्विजयनाथ के तेवर और महंत अवैद्यनाथ का सामाजिक सेवा कार्य का जोग देखते हैं. वह कहते हैं कि गोरखनाथ मंदिर के सामाजिक कार्यों का जनता पर काफ़ी असर है.योगी ने हिंदू युवा वाहिनी के अलावा विश्व हिंदू महासंघ से अपने लोगों को जोड़ रखा है. 2017 चुनाव से साल भर पहले से ही उनके 'योगी सेवक' सोशल मीडिया में उत्तर प्रदेश में 'योगी सरकार' बनाने का प्रचार अभियान शुरू कर चुके थे. उन्हें 'हिंदू पुनर्जागरण का महानायक' और 'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक' बताया जा रहा था.गायक राकेश श्रीवास्तव गीतों से उनका बखान करते हुए कई एलबम निकाल चुके हैं, जिनमें उन्हें 'हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेने और हाथ में तलवार उठाने' वाला बताया गया है और जिसकी सेना 'विधर्मिंयों' को घेरकर मार रही है और जिसके डर से 'माओ और नक्सली' भाग रहे हैं.

योगी आदित्यनाथ का चरित्र चित्रण:- योगी आदित्यनाथ हिन्दू धर्म के नाथ संप्रदाय से तालुक रखते है .नाथ संप्रदाय हिन्दुओ की चली आ रही आदि काल की परम्परा की रक्षा के लिए सदैव आगे रहती है. जिसके चलते योगी आदित्यनाथ हिन्दू – मुस्लिम दंगा, लव जेहाद , पशु बलि , प्रकृति के संसाधनों से खिलवाड़ के खिलाफ माने जाते है. योगी आदित्यनाथ का मानना है कि अपनी पुरातन सभ्यता के अनुसार अगर हम सभी भगवान में विश्वास रखते है तो अपनी रक्षा के लिए शस्त्र रखना भी उतना अनिवार्य मानते है .योगी आदित्यनाथ कहते है, “यदि हमारे एक हाथ में माला तो दुसरे हाथ में भाला भी होना चाहिए”. योगी आदित्यनाथ हिन्दू कट्टर छवि के माने जाते है. इनके ऊपर दंगे भड़काने, हथियार रखने, बिना इजाजत के सामाजिक सभाओ का आयोजन करना जैसे कई गम्भीर आरोप भी लग चुके है. अपनी बेबाक टिप्पणी के चलते योगी आदित्यनाथ अक्सर विवादों में भी घिर जाते है इनका मानना है की जो लोग भारत देश की संस्कृति और भारत से प्यार नही करते है उन्हें तुरंत देश छोड़ कर चले जाना चाहिए.

योगी आदित्यनाथ एक मुख्मंत्री के रूप में :- भारत देश के उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री बनने के बाद से हर सभी की निगाहे अब योगी आदित्यनाथ के ऊपर लगी है. हर कोई यही जानना चाहता है क्या मुख्मंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को क्या ‘सबका साथ सबका विकास’ के रास्ते पर ले चल पायेगे ? क्या योगी आदित्यनाथ यूपी में विकास की धारा ला पायेगे ? ऐसे अनेको सवाल है जो हर किसी के मन में ये सवाल उठ रहा है. अब तो एक बार लोगो को लगने लगा है की योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भी हो सकता है. अपने कड़े फैसलों के लिए मशहूर योगी आदित्यनाथ ने मुख्मंत्री पद सम्भालते ही उत्तर प्रदेश राज्य के लिए अनेक ताबड़तोड़ फैसले लेने भी शुरू कर दिए है. जिनमे चुनावी वादों के अनुसार अवैध रूप से चल रहे कसाईखानों को बंद करने का आदेश दे दिया .जिस आदेश का असर 24 घंटे में ही पूरे प्रदेश में दिखने लगा है और इस फैसले को लेकर योगी आदित्यनाथ के गौ प्रेम और गौ सेवा की भावना का असर साफ़ झलकता दिखाई देता है.
एंटी रोमियो स्कावड का गठन:- योगी आदित्यनाथ ने अपने दुसरे चुनावी वादे के अनुसार उत्तर प्रदेश जिस हिसाब से लड़की के साथ छेड़छाड़ में बढोत्तरी हुई है उसी को देखते एंटी रोमियो स्कावड का गठन कर दिया है. जिसका मुख्य उद्देश्य राह चलती लडकियों पर भद्दे कमेंट और लडकियों को परेशान करने वाले मामलो में अब उन मनचले लडको की खैर नही है. इस टीम की तैनाती स्कूल, पार्क और सार्वजनिक स्थानों पर विशेष रूप से की गयी है.
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को बढ़ावा:- इसी तरह अपने फैसले लेने के मामले में योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत कार्यक्रम’ को बढ़ावा देते हुए इसकी शुरुआत सरकारी कार्यलयो से किया है. जिसके तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी, अध्यापक अपने ऑफिस, स्कूल, कॉलेज किसी भी स्थान पर गुटखा पान तम्बाकू का सेवन नही करेगे और सभी अपने कार्यालय को स्वच्छ और सुंदर बनाये रखेगे और कोई इसमें कोई भी दोषी पाया गया तो उसके ऊपर सीधे कारवाई का प्रावधान है.
भ्रष्टाचार व अपराध से मुक्त कानून का राज:- इसी तरह पूरी तरह भ्रष्टाचार से मुक्त बेदाग छवि के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी चुने गये विधायको को 15 दिन में चल अचल सम्पति का ब्यौरा देने को कहा है. योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रास्ते पर चलते हुए ‘सबका साथ सबका विकास’ के हिमायती है और इसी कड़ी योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में कानून का राज के लिए कई अनेक कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए है . योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को खुली चेतावनी देते हुए कहा है या तो वे अपराध छोड़ दे या फिर उत्तर प्रदेश छोड़ दे, नही तो फिर उन्हें ऐसी जगह भेज दिया जायेगा जहा कोई भी जाना पसंद नही करता है.
भावी प्रधान सेवक के पूर्वलक्षण :- जिस प्रकार से एक माह में उत्तर प्रदेश में इतने ज्यादा परिवर्तन होते दिखने लगे हैं इसे देखकर लगता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के चयन में बहुत ही सावधानी तथा साहस भरा कदम उठाया गया है। योगी जी की पूरी टीम जिस प्रकार 18 से 20 घंटे काम कर रही है और ऊफ तक नहीं कर रही है। इससे ना केवल प्रदेश का अपितु भारत का भविष्य अच्छा दिखता नजर आ रहा है। वह दिन दूर नहीं जब यह प्रतिभा और निखरेगी और भारत की सत्ता का संचालन व सेवा का अवसर प्राप्त कर सकेगी। लगता है हमार भारत अपना पुराना गौरव प्राप्त कर सकेगा और ‘विश्व गुरु’ की प्राचीन गरिमा को प्राप्त कर सकेगा। इसी सम्बन्ध में कुछ भावांजलि आगे प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हॅू-
योगी गुरु जगत कहायेगा
देशप्रेम और राष्ट्रवाद की, योगी अलख जगाएगे। उत्तर प्रदेश को योगीजी,उत्तम प्रदेश बनाएगे।।
अबतक जरा उम्मीद नहीं, यूपी के दिन भी बहुरेंगे। गुंडे तस्कर औ मवाली, अपनी राहों को बदलेंगे।।
लेकिन मोदीजी ने तो, मोदी सा तेवर दिखा दिया। सबकी हाँ मिलते ही, योगी को सीएम बना दिया।।
माथे पे चंदन का टीका, दिन का है सूरज स्वामी। यूपी के दिलों की बात सुनी, मोदीजी हैं अंतर्यामी ।।
हाथी थक थककर बैठ गया, और साइकिल टूट गयी। पूरा पूरा यूपी झूम उठा, बिपक्षी की किस्मत फूटी गयी।।
कई सियासी गठबंधन, भिखमंगे बनकर अब फिरते हैं। मां को डायन कहनेवालों के, सुर बदले बदले लगते हैं।।
यूपी के गुंडा गुंडी सुनलो, ये पिस्टल वाला गांधी हैं। योगी केवल योगी नही ,योगी खुद में एक आंधी हैं।।
जिनको घिन आती हो, भारत मां को मां कहने में। जिनकी साँसे फूलती है, वन्दे मातरम धुन कहने में।।
उनको योगीजी योगीवाली, भाषा में ही समझाएँगे। वक्त पड़ा तो हिटलर सा, तेवर अलग दिखलायेंगे।।
थोड़ा कड़वा तेवर उनका, कड़वी भाषा वह कहते हैं। लेकिन योगीजी राष्ट्रवाद, को गले लगाकर रहते हैं।।
उनके राष्ट्रवाद में अब, कोई भी असुरक्षित नहीं रहा। हिन्दू व मुस्लिम एक जैसे, कोई भयभीत नहीं रहा।।
गोरखपुर की लोग साक्षी हैं, मंदिर मस्जिद सोहार्द बने। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, उनमें ना नाफरमानी बनें।।
साम दाम औ दंड भेद का, मंत्र पढ़ना भी आता है। योगीजी को सीधी ऊंगली, टेढ़ी भी करना आता है।
अफजल के जीजा साले, अब बोलो किस पर एठेंगे। भैंसों के सारे मालिक अब, गायों को बाँध कर बैठेंगे।।
वक्त लेगेगा लेकिन यूपी, पावन शीशे सा चमकेगी। अब यूपी में बार बार, होली व दिवाली दमकेगी।।
गुटका पान मसाला से, दफतर अब गन्दा ना होंगे। सब समय से दफतर आयेंगे, पहले घर को ना जायेंगे।।
बूचड़खाना बन्द हो रहे, वे गायों को आगे ना काटेंगे। गोबर मूत्र में सन सनकर, वे गाय बकरी को पालेंगे।।
नियमों का पालन करनेवाले, कोई चिन्ता ना करेंगे। मनमानी करने वाले अब, जेलों की चक्की पीसेंगे।।
यूपी में ना शासन था, सब हाथ पर हाथ धरे रहे। योगीजी के आते ही, सब द्रुत गति से बदल रहे।।
वह वक्त एक दिन आयेगा, योगी मोदी बन जाएगा। मोदी विश्व का नेता बन, योगी गुरु जगत कहायेगा।।



 




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