Tuesday, November 21, 2017

पद्मावती का सच रील V/S रियल पद्मावती (भाग 3) डा. राधेश्याम द्विवेदी

पद्मावत के लिए चित्र परिणाम
1540 में कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने 'पद्मावत' लिखा। प्रचलित कहानी यही है कि खिलजी के आक्रमण के बाद रानी पद्मिनी ने जौहर किया था।1589 में हेमरतन की गौरा बादल की चौपाई में पद्मावती के जौहर की कहानी है। एक अन्य हीरामन की कथा में रानी पद्मावती को श्रीलंका की राजकुमारी बताया गया है।  दूसरी ओर, भंसाली की फिल्म में रानी पद्मावती को डांस करते दिखाया गया है। इस पर बड़ा विवाद है। फिल्म में रानी पद्मावती को अलाउद्दीन खिलजी के सामने घूमर नृत्य करते दिखाये जाने को लेकर राजस्थान समेत देशभर में राजपूत समाज में विरोध की ज्वाला भड़क गयी है और उनके साथ ही कई अन्य परंपरावादी लोग इससे नाराज़ हैं। फिल्म के निर्माता वायाकॉम 18 ने रविवार को एक बयान में इस आशय की घोषणा करते हुए कहा कि फिल्म की रिलीज़ की नयी तारीख का जल्द ऐलान किया जाएगा।राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी लीडर्स और हिंदूवादी संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राजपूत करणी सेना का मानना है कि ​इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। लिहाजा, फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए।
शूटिंग के दौरान से ही विवाद:- गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती के मेकर संजय लीला भंसाली पर जयपुर में शूटिंग के दौरान करणी सेना ने हमला कर दिया था और इसके बाद कई बार फिल्म के सेट पर आगजनी और तोड़फोड़ जैसी घटनाए हुई थीं। फिल्म की रिलीज डेट को लेकर काफी समय से मेकर्स और दर्शक संशय में बने हुए थे और अब लंबी ऊहापोह के बाद मेकर्स ने फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
10 करोड़ के इनाम का एलान: - हरियाणा भाजपा के मुख्य मीडिया को-आर्डिनेटर सूरज पाल अमू ने रविवार को कहा कि वे मेरठ के उस युवा को बधाई देना चाहते हैं जिसने दीपिका पादुकोण और  भंसाली का सिर काटने वाले को 5 करोड़ रुपए इनाम की पेशकश की थी। सूरज ने कहा कि ‘हम उनका सिर कलम करने वालों को इनाम देंगे, वो भी 10 करोड़ रुपए और उनके परिवार का ध्यान भी रखेंगे।’ वहीं उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश में पद्मावती को तब तक रिलीज नहीं होने देंगे जब तक विवादित सीन नहीं हटाए जाते।चित्तौड़ के सिसौदिया शासकों की महारानी के चरित्र पर केन्द्रित संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज़ की तारीख आगे बढ़ा दी गयी है और इसकी नयी तारीख का ऐलान जल्द किया जाएगा। दरअसल इस फिल्‍म को पहले एक दिसंबर को रिलीज होना था लेकिन केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने अभी तक फिल्‍म को क्‍लीयरेंस नहीं दी है। यहां तक कि तकनीकी खामी के आधार पर आवेदन को अपूर्ण मानते हुए सीबीएफसी ने फिल्‍म मेकरों के पास इसे वापस लौटा दिया।उसके बाद फिल्‍म मेकरों के आग्रह के बावजूद सीबीएफसी ने इसको जल्‍द देखने से इनकार करते हुए कहा कि पूरी तय प्रक्रिया के बाद ही जब यह दोबारा सेंसर बोर्ड के पास आएगी तो इसे देखा जाएगा।
सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने न्यूज एजेंसी से कहा, "सेंसर बोर्ड ने अभी तक न तो फिल्म देखी और न ही इसे सर्टिफिकेट दिया। लेकिन इसके मेकर्स की ओर से प्राइवेट स्क्रीनिंग करना और नेशनल चैनल्स पर फिल्म का रिव्यू करना बेहद अफसोसजनक है।" उन्होंने कहा, "एक तरफ फिल्म रिलीज की प्रॉसेस में तेजी लाने के लिए सेंसर बोर्ड पर दबाव डाला जा रहा है, दूसरी तरफ बोर्ड की प्रॉसेस को ही खत्म करने की कोशिश की जा रही है।" 'पद्मावती' के निर्माताओं ने रविवार को कहा कि उन्होंने संजय लीला भंसाली की इस फिल्म को रिलीज करने की प्रस्तावित तारीख टाल दी है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने 'स्वेच्छा' से यह फैसला किया है। 'पद्मावती' के निर्माण में शामिल स्टूडियो 'वायकॉम18 मोशन पिक्चर्स' ने स्वेच्छा से फिल्म को रिलीज करने की तारीख एक दिसंबर 2017 से आगे बढ़ा दी है। सूरजपुर डि‍स्ट्रि‍स्ट कोर्ट के वकील लखन भाटी ने बताया, ''एडवोकेट पवन चैधरी ने 'पद्मावती' फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली, एक्ट्रेस दीपिका पादूकोण और एक्टर रणवीर सिंह व शाहिद कपूर समेत 45 लोगों के खिलाफ केस चलाने को सोमवार को याचिका दी थी। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई हुई।''उन्होंने बताया कि फिल्म में सती एक्ट 1987 का उल्लंघन किया गया है। एक्ट के मुताबिक, सती प्रथा भारत में बैन है। इसके बावजूद इसका बढ़ाकर प्रचार किया जा रहा है। इससे एक्ट का उल्लंघन होने के साथ नई पीढ़ी पर इसका गलत असर पड़ सकता है।

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