शिव हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वे त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों
के देव भी कहते हैं। इन्हें महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ के नाम से
भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे ‘भैरव’ के नाम से भी जाना जाता है। वेद में इनका नाम ‘रुद्र’ है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धाङ्गिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है। शि-व का मतलब है -वह जो है ही नहीं । जो है ही नहीं, वह सिर्फ सो सकता
है। इसलिए शिव को हमेशा ही डार्क बताया गया है। शिव सो रहे हैं और शक्ति उन्हें देखने
आती हैं। वह उन्हें जगाने आई हैं क्योंकि वह उनके साथ नृत्य करना चाहती हैं, उनके साथ
खेलना चाहती हैं और उन्हें रिझाना चाहती हैं। शुरू में वह नहीं जागते, लेकिन थोड़ी
देर में उठ जाते हैं। मान लीजिए कि कोई गहरी नींद में है और आप उसे उठाते हैं तो उसे
थोड़ा गुस्सा तो आएगा ही, बेशक उठाने वाला कितना ही सुंदर क्यों न हो। अत: शिव भी गुस्से
में गरजे और तेजी से उठकर खड़े हो गए। उनके ऐसा करने के कारण ही उनका पहला रूप और पहला
नाम रुद्र पड़ गया। रुद्र शब्द का अर्थ होता है – दहाडऩे वाला, गरजने वाला।
भगवान
शिव साकार और निराकार दोनों ही रुपों में हर सांसारिक पीड़ा का शमन करने वाले माने
गए हैं। शिव भक्ति में यही भाव और श्रद्धा मन को शांत और संतुलित कर व्यवहार के दोषों
से भी दूर रखती है। जिससे सुखद परिणाम जल्द मिलते हैं। इस सृष्टि का निर्माण भगवान शिव की इच्छा मात्र से
ही हुआ है। अत: इनकी भक्ति करने वाले व्यक्ति को संसार की सभी वस्तुएं प्राप्त हो सकती
हैं। शिवपुराण के अनुसार, नियमित रूप से शिवलिंग का पूजन करने वाले व्यक्ति के जीवन
में दुखों का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है।
शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाना :- पुराने समय से ही कई ऐसी परंपराएं प्रचलित हैं, जिनका पालन करने पर व्यक्ति
को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इन प्रथाओं का पालन न करने पर कई समस्याओं का सामना
करना पड़ता है। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए एक परंपरा है कि प्रतिदिन रात्रि के समय
शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाना चाहिए। शाम के समय शिव
मंदिर में दीपक लगाने वाले व्यक्ति को अपार धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती
हैं। अत: नियमित रूप से रात्रि के समय किसी भी शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाना चाहिए।
दीपक लगाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। शिवजी के पूजन से श्रद्धालुओं
की धन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में एक अन्य सटीक उपाय बताया
गया है जिसे नियमित रूप से अपनाने वाले व्यक्ति अपार धन-संपत्ति प्राप्त हो सकती है।
इस उपाय के साथ ही प्रतिदिन सुबह के समय शिवलिंग पर जल, दूध, चावल आदि पूजन सामग्री
अर्पित करना चाहिए।
शिव पूजन की सामान्य विधि:-जिस दिन शिव पूजन
करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं।
इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं। मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ
माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें।जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग
पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं। पूजा में शिवजी को घी, शक्कर
या मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद धूप, दीप से आरती करें।
परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना :-
मंत्र 1: “मन्दारमालांकलितालकायै
कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।“
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।“
मंत्र 2:
“ऊँ नम: शिवाय”।
शिवलिंग
के माध्यम
से पूजा :-
शिवलिंग पर ये 10 चीजें चढ़ाने से दरिद्रता दूर होगी।नियमित रूप से किए गए पूजन कर्म से भगवान बहुत ही जल्द प्रसन्न होते हैं। भगवान
की प्रसन्नता से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं, दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है।
सभी देवी-देवताओं में शिवजी का विशेष स्थान है। शिवपुराण के अनुसार इस संपूर्ण सृष्टि
की रचना शिवजी की इच्छा से ही ब्रह्माजी ने की है। महादेव की पूजा से सभी देवी-देवता
प्रसन्न होते हैं और कुंडली के ग्रह दोष शांत हो जाते हैं।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 10 चीजें:- शिव कृपा पाने के लिए शिवलिंग पर ये 10 चीजें चढ़ाएं- जल, शहद, दूध, दही, घी, ईत्र , चंदन, केशर, चंदन, भांग (विजया औषधि)।इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज से शिवजी को स्नान करवा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। स्नान करवाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 10 चीजें:- शिव कृपा पाने के लिए शिवलिंग पर ये 10 चीजें चढ़ाएं- जल, शहद, दूध, दही, घी, ईत्र , चंदन, केशर, चंदन, भांग (विजया औषधि)।इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज से शिवजी को स्नान करवा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। स्नान करवाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
मिलने
वाले फल:-
1. मंत्रों का उच्चारण
करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा
स्वभाव शांत होता है। आचरण स्नेहमय होता है।
2. शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है।
3. दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता
है।
4. दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है।
5. शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है।
6. ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते
हैं।
7. शिवजी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता
है। समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
8. केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त
होती है।
9. भांग चढ़ाने से हमारे विकार और बुराइयां दूर
होती हैं।
10. शकर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
No comments:
Post a Comment