1.समरथ को नहीं दोष गुसाईं ।
सत्य सनातन और पुरातन बात हई
तुलसी ने मानस रामायण में कहई।
शुभ अरु असुभ सलिल सब बहई।
सुरसरि कोउ अपुनीत न कहई॥
समरथ कहुँ नहिं दोषु गोसाईं।
रबि पावक सुरसरि की नाईं॥
2. पिछलग्गू बना बेस बनाता है।
एक समरथी दबदबा बनाने के लिए
बादशाहत को जबरन बनाता है।
विश्व के दो मतावलंबी देशों में
हथियार सप्लाई कर उकसाता है।
सहायता के नाम पर दबाव डाल
पिछलग्गू बना अपना बेस बनाता है।।
3.फूट डाल हथियार सप्लाये ।
खुद ही कातिल खुद ही मसीहा
खुद नोबल को लेना चाहे ।
अदभुत है इनकी दरियादिली
फूट डाल हथियार सप्लाये ।
उकसाकर लड़ाई लड़बाएं
मध्यस्थता का स्वांग रचाये।।
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