स्मृति शेष मां जी के आत्म तत्व की शांति और मुक्ति के लिए
श्रावण कृष्ण प्रतिपदा सन 2017 को मां जी ने अपना पंच भौतिक शरीर त्याग कर परम् तत्व में विलीन हुई थी ।पितृ पक्ष में मातृ नवमी का श्राद्ध बेहद खास होता है। इस दिन परिवार के दिवंगत सभी महिलाओं माताओं के निमित्त श्राद्ध किया जाता है। इसलिए इस तिथि को मातृ नवमी के श्राद्ध के नाम से जानते हैं। मातृ नवमी के दिन उन दिवंगत माताओं, बहुओं व बेटियों का पिंडदान किया जाता है जिनकी मृत्यु सुहागिन स्त्री के रूप में हुई। मान्यता है कि इस दिन दिवंगत महिलाओं का श्राद्ध करने से इनकी आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है। यदि घर की महिला इस दिन पूजा पाठ या व्रत करती है तो उसे सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।🙏❤️🙏
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