तुम पास रहो या दूर रहो या अपने कामों में व्यस्त रहो।
हम मात पिता की यादों में हर पल तुम ही तुम रहते हो।
तुम फूलो फलों खुश भी रहो मेरी चिन्ता कभी मत करना।
हम सूखे दरख़्त हैं इस युग के हमे उसकी मर्जी तक रहना।
भवसागर पार करे डुबोदे सब अच्छा ही अच्छा करता है।
अब उसका ही सहारा सबको जो जिसको आए करता है।
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