भारत और जापान के
सम्बन्ध हमेशा से काफ़ी मजबूत और स्थिर रहे हैं। जापान की संस्कृति पर भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी जापान की शाही सेना ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज को सहायता प्रदान की
थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों के बीच मधुर सम्बन्ध रहे हैं।
वर्तमान में भारत की ओर से भी चीन के साथ रिश्तों और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में जापान
को काफ़ी महत्व दिया गया है। भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों
के बीच मधुर सम्बन्ध रहे हैं। दिसंबर 2006 में भारतीय प्रधानमंत्री
की जापान यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित भारत-जापान सामरिक एवं वैश्विक पार्टनरशिप समझौता इसका ज्वलंत उदहारण
है। रक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच 2007 से लगातार सहयोग मजबूत हुए हैं और
दोनों की रक्षा इकाइयों और सेनाओं ने कई संयुक्त रक्षा अभ्यास किये हैं। अक्टूबर
2008 में जापान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जिसके तहत वह भारत को कम ब्याज दरों
पर 450 अरब अमेरिकी डालर की धनराशि दिल्ली-मुम्बई हाईस्पीड रेल गलियारे के विकास हेतु देगा। विश्व में यह जापान द्वारा इकलौता ऐसा उदाहरण
है जो भारत के साथ इसके मजबूत आर्थिक रिश्तों को दर्शाता है। नवंबर-दिसंबर 2013 में जापानी सम्राट आकिहितो और महारानी मिचिको ने भारत की यात्रा संपन्न की
थी। प्रोटोकाल के विपरीत सम्राट को हवाई अड्डे पर लेने स्वयं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गये थे जो भारत जापान रिश्तों की प्रगाढ़ता दर्शाता
है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने जनवरी 2014 में
भारत की सपत्नीक यात्रा की जिसके दौरान वे इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि
के रूप में बुलाए गये थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर किसी द्विपक्षीय विदेश
यात्रा के लिए सर्वप्रथम जापान को चुना।जापान की कई कम्पनियाँ जैसे कि सोनी, टोयोटा और
होंडा ने
अपनी उत्पादन इकाइयाँ भारत में स्थापित की हैं और भारत की आर्थिक विकास में योगदान
दिया है। इस क्रम में सबसे अभूतपूर्व योगदान है वहाँ की मोटर वाहन निर्माता कंपनी सुज़ुकी का
जो भारत की कंपनी मारुति सुजुकी के साथ मिलकार उत्पादन करती है और भारत की सबसे
बड़ी मोटर कार निर्माता कंपनी है। होंडा कुछ ही दिनों पहले तक हीरो होंडा (अब हीरो मोटोकॉर्प व होंडा मोटर्स) के रूप में
हीरो कंपनी के पार्टनर के रूप में कार्य करती रही है जो तब दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल
विक्रेता कंपनी थी। जापान ने भारत में अवसंरचना विकास के कई प्रोजेक्ट का वित्तीयन
किया है और इनमें तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण रूप से उल्लेखनीय
है दिल्ली मेट्रो रेल का निर्माण।
बौद्ध परिपथ में मदद :-उत्तर प्रदेश में बौद्ध परिपथ के तहत वाराणसी, सारनाथ,
कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती आदि क्षेत्रों में जापान समेत विभिन्न देशों के बौद्ध
पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने को राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिस
प्रकार जापान सरकार द्वारा बौद्ध परिपथ की पिछली परियोजनाओं में सहयोग दिया गया, राज्य
सरकार चाहेगी कि भविष्य में भी सहयोग मिले।
नये समझौते :-
1.जापान-भारत निवेश सहयोग :-भारत
और जापान ने विशेष सामरिक, वैश्विक एवं द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता
व्यक्त करते हुए नागर विमानन, कारोबार, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल समेत
विभिन्न क्षेत्रों में 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किये और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की. आबे ने प्रधानमंत्री
मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय
मुद्दों समेत विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की. दोनों नेताओं ने कारोबार, सुरक्षा और
असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को और गहरा बनाने पर भी चर्चा की. प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-जापान संबंध द्विपक्षीय अथवा क्षेत्रीय परिदृश्य तक सीमित
नहीं है बल्कि हमारे बीच अहम वैश्विक मुद्दों पर भी करीबी सहयोग है. आबे ने पाकिस्तान
से 2008 में मुंबई में और 2016 में पठानकोट में हुए आतंकवादी हमलों के मुद्दे पर भारत
के रुख का समर्थन किया और दोषियों को न्याय के घेरे में लाने की मांग की. जापान के
प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के बाद कहा कि हम एक जापान-भारत
निवेश सहयोग रूपरेखा पर सहमत हुए हैं. हमने संयुक्त बयान पर भी हस्ताक्षर किया है जो
भारत-जापान संबंधों में नये युग का सूत्रपात करता है. इसके आधार पर हम भारत-जापान के
विशेष सामरिक संबंधों और वैश्विक गठजोड़ को मजबूती से आगे बढायेंगे और इससे हिंद-प्रशांत
क्षेत्र और पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा.
2 . मालाबार नौसैनिक अभ्यास :-शिंजो
आबे ने मालाबार त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास का हवाला देते हुए कहा है कि
जापान-भारत-अमेरिका सहयोग को और मजबूत किया जाएगा. भारत और जापान अपने सहयोग को
ऐसे समय में मजबूत बनाने की पहल कर रहे हैं जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की
सक्रियता बढी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जापान ने साल 2016-17 में भारत में
4.7 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया, जो पिछले साल की तुलना में 80 फीसदी ज्यादा
है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-जापान ने 12वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आदानप्रदान कार्यक्रम सहित 15
समझौतों दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.
3. जापान की जनता का आभार :- संयुक्त
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भविष्य को
देखते हुए मैं इस नये रेलवे दर्शन को नये भारत के निर्माण की जीवन रेखा मानता हूं.
संपर्क की यह तेज गति भारत की प्रगति में योगदान देगी. मोदी ने कहा कि आपसी
विश्वास और भरोसा, एक दूसरे की चिंताओं की समझ और उच्च स्तरीय सतत संपर्क, ये भारत
और जापान संबंधों की खासियत है. हमारी विशेष रणनीति और वैश्विक गठजोड़ केवल
द्विपक्षीय स्तर तक सीमित नहीं है बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी हमारी समझ बहुत ही
घनिष्ठ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष मेरी जापान यात्रा के दौरान परमाणु
ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर सहयोग के लिए एक ज्ञापन तैयार हुआ था और इसके
अनुमोदन के लिए मैं जापान की जनता, वहां की संसद और खासतौर पर अपने मित्र आबे
का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.
4. स्वच्छ ऊर्जा व जलवायु परिवर्तन
:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर हमारे
सहयोग में इस समझौते ने नया आयाम जोड़ा है. भारत और जापान में आज जिन 15
महत्वपूर्ण समझौतों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये उनमें विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आदान-प्रदान समझौता भी शामिल है. इसके तहत
जापान के संगठन एआइएसटी और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच संयुक्त शोध का
अनुबंद हुआ है. इसके अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा राष्ट्रीय उन्नत विज्ञान
एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किये गए हैं. दोनों
देशों ने अनुसंधान एवं शोध से जुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए
भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है. दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय अकादमिक और खेल
क्षेत्र में आदान-प्रदान के लिए भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया. इसके तहत
एलएनआइपीइ और निप्पन खेल विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच सहयोग होगा. इस बारे में
आशय पत्र भी किया गया.
5.
आतंकवाद के खिलाफ साथ-साथ:-भारत और जापान अलकायदा,
आईएसआईएस जैसे समूहों और पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा एवं उससे
संबद्ध संगठनों के खिलाफ सहयोग मजबूत करने को तैयार हुए हैं. मोदी और
आबे ने पाकिस्तान से 2008 में मुंबई में और 2016 में पठानकोट में हुए आतंकवादी
हमलों सहित आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के घेरे में लाने की मांग की.
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