अयोध्या के सूर्यवंशी राजा हरिशचंद्र के पुत्र का नाम रोहित था। रोहित के पुत्र को हरित के नाम से जाना जाता था, और हरित का पुत्र चम्पा था, जिसने चम्पापुरी नामक एक नगर का निर्माण किया था। चम्पा का पुत्र सुदेव था। इसे ही चक्षु भी कहा गया है। चक्षु का अर्थ प्रकाश या रोशनी होता है । इसे कांति या तेज रूप वाला भी कह सकते हैं। चक्षु का अर्थ - अंतर्दृष्टि , विद्वान , ज्ञानरूपी नेत्र और ज्ञानदृष्टि रखने वाला व्यक्ति भी माना जा सकता है।
ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार
कैंचु या चैम्प के दो पुत्र थे विनय और सुदेव । सुदेव सभी क्षत्रियों के विजेता थे। इसलिए, उन्हें विजय के रूप में याद किया जाता है ।
इस राजा के बारे में बहुत ही कम संदर्भ मिलता है।जिस किसी सज्जन को और जानकारी हो वह इस ब्लॉग के लेखक को उपलब्ध कराने की कृपा करे जिससे आने वाले दिनों में लोगों को अधूरी से पूरी जानकारी उपलब्ध कराया जा सके।
लेखक परिचय:-
(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, आगरा मंडल ,आगरा में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए समसामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।)
No comments:
Post a Comment