लोकसभा क्षेत्र बस्ती जनपद के बारे में कभी भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कहा था कि ” बस्ती को बस्ती कहूं तो काको
कहूं उजाड़। “आज भी इस क्षेत्र की स्थिति ऐसी ही है। बस्ती, यूपी के पुराने शहरों में से एक
है, इसका नाम वशिष्ठ मुनि के नाम पर रखा गया है। जनपद पूर्व में संत कबीर नगर, पश्चिम में
गोंडा और उत्तर में सिद्धार्थनगर से घिरा है। इसके दक्षिण में घाघरा नदी है जो फैजाबाद
और आंबेडकर नगर को बांटती है। बस्ती कपड़ा उद्योग, चीनी मिलों के लिए भी जाना जाता
है।
आचार्य राम चन्द्र शुक्ल
स्थानीय
मुद़दे औद्योगिक विकास, बाढ़, शिक्षा, स्वास्थ्य की कमी है। अस्तित्त्व में आने
के बाद से 2004 तक बस्ती की लोकसभा अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित थी. 2004 में
परिसीमन के बाद यह सामन्य श्रेणी में आ गयी. 1952 में हुए चुनावों के दौरान यह सीट
बस्ती- गोरखपुर के नाम से जानी जाती थी. 1957 में हुए चुनावों में राम गरीब
निर्दलीय जीतकर लोकसभा पहुंचे, उसी साल हुए उपचुनावों में भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस के केशव मालवीय ने जीत हासिल की. 1962 के आम चुनावों में केशव
मालवीय दोबारा से निर्वाचित हुए. 1967 और 1971 के चुनाव जीतकर कांग्रेस ने इस सीट
पर लगातार तीन बार कब्ज़ा किया. 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल ने यहाँ
पहली बार जीत दर्ज की. 1980 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस(आई), 1984 का कांग्रेस और
1989 में जानता पार्टी ने जीते. 1991 से 1999 तक भारतीय जनता पार्टी ने
लगातार चार बार यहाँ जीत हासिल की. 2004 में बीजेपी की नज़र अपनी पांचवी जीत पर थी
पर बहुजन समाज पार्टी ने उसका वीके रथ रोक दिया. अगले साल 2009 में भी बसपा ने
दुबारा जीत दर्ज की. 2011 की
जनगणना के मुताबिक़ बस्ती जनपद की आबादी 24,64,464 है जो की कुवैत की आबादी के बराबर
है. यहाँ पुरुषों की संख्या 1255,272 लाख और महिलाओं की संख्या 12,09,192 है. यहाँ
छ: साल से कम उम्र के बच्चों की आबादी 3,90,969 है जो की पूरी आबादी का 15.86% है.
जहाँ एक ओर यूपी का लिंगानुपात 912 है वहीँ यहाँ प्रति हज़ार पुरुषों पर 963 महिलायें
है.बस्ती की रुद्हौली तहसील में लिंगानुपात 1001 है. 2006 में पंचायती राज मंत्रालय
ने इसे देश के 250 पिछड़ें जिलों में शामिल किया था. यह यूपी का 34वां जिला है जिसे
अति पिछड़ा अनुदान निधि के तहत के विशेष सहायता मिलती है. यहाँ की औसत साक्षरता दर
56.56% है जिनमे महिलाओं की साक्षरता दर 47.48% और पुरुषों की साक्षरता दर 65.3% है.
यहाँ अवधी और भोजपुरी भाषा व्यापक रूप से बोली जाती है.बस्ती जिले में चार तहसीलें
है-हर्रैया, बस्ती, भानपुर, रुद्हौली. साल 2014 में ये सीट फिर से भाजपा के खाते में आ गई और हरीश चन्द्र
द्विवेदी यहां से सांसद चुने गए। पिछले 5 सालों के दौरान हरीश चन्द्र द्विवेदी की
लोकसभा में उपस्थिति 86 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 33 डिबेट में हिस्सा
लिया है और 314 प्रश्न सदन में पूछे हैं। साल 2014 में इस सीट पर नंबर 2 पर SP,
नंबर 3 पर BSP और नंबर 4 पर कांग्रेस थी, साल 2014 में यहां पर 1787476 मतदाताओं
ने अपने मतों का इस्तेमाल किया था, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 53 प्रतिशत और
महिला मतदाताओं की संख्या 46 प्रतिशत रहा.
बस्ती
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तरप्रदेश की 80 सीटों में 61वें नंबर की सीट है. चुनाव
आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार यहाँ 1,570,657 मतदाता है जिनमे पुरुष मतदाताओं
की संख्या 866,936 और महिला मतदाताओं की संख्या 703,721 है.बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
में यूपी विधानसभा की पांच सीटें आती है-हर्रैया, बस्ती सदर, रुद्हौली, महादेवा, कप्तानगंज.
इसमें महादेवा की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
हरीश चन्द्र द्विवेदी
बस्ती की खास बातें
बस्ती, उत्तर प्रदेश
का शहर और बस्ती जिला का मुख्यालय है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी
महत्वपूर्ण माना जाता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भी यह उत्तर प्रदेश का सातवां
बड़ा जिला है। प्राचीन समय में बस्ती को 'कौशल' के नाम से जाना जाता था। लखनऊ से
इसकी दूरी 205 किलोमीटर है और दिल्ली से इसकी दूरी 785.5 किलोमीटर है. बस्ती कपड़ा
उद्योग और चीनी मिलों के लिए भी जाना जाता है, बस्ती का आजादी के आंदोलन में भी
बड़ा योगदान रहा है, इस जिले को अति पिछड़ा अनुदान निधि के तहत के विशेष सहायता
मिलती है । यहां अब तक जीतनेवाले
लोक सभा सदस्यों की सूची इस प्रकार है।
लोकसभा
|
वर्ष
|
पार्टी
|
नाम
|
पहली
|
1952
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
राम शंकर
लाल(बस्ती-गोरखपुर)
|
पहली
|
1952
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
सोहनलाल(बस्ती-गोरखपुर
सीट)
|
पहली
|
1952
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
उदय शंकर दुबे
(बस्ती-गोरखपुर)
|
दूसरी
|
1957
|
निर्दलीय
|
राम गरीब
|
उपचुनाव
|
1957
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
केशव देव मालवीय
|
तीसरी
|
1962
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
केशव देव मालवीय
|
चौथी
|
1967
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
शिव नारायण
|
पांचवीं
|
1971
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
अनंत प्रसाद
धुसिया
|
छठी
|
1977
|
भारतीय लोकदल
|
शिव नारायण
|
सातवीं
|
1980
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस (आई)
|
कल्पनाथ सोनकर
|
आठवीं
|
1984
|
भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस
|
राम अवध प्रसाद
|
नौवीं
|
1989
|
जनता दल
|
कल्पनाथ सोनकर
|
दसवीं
|
1991
|
भारतीय जनता
पार्टी
|
श्याम लाल कमल
|
ग्यारहवीं
|
1996
|
भारतीय जनता
पार्टी
|
श्रीराम चौहान
|
बारहवीं
|
1998
|
भारतीय जनता
पार्टी
|
श्रीराम चौहान
|
तेरहवीं
|
1999
|
भारतीय जनता
पार्टी
|
श्रीराम चौहान
|
चौदहवीं
|
2004
|
बहुजन समाज पार्टी
|
लाल मणि प्रसाद
|
पंद्रहवीं
|
2009
|
बहुजन समाज पार्टी
|
अरविन्द कुमार
चौधरी
|
सोलहवीं
|
2014
|
भारतीय जनता
पार्टी
|
हरीश चन्द्र
द्विवेदी
|
No comments:
Post a Comment