Thursday, April 11, 2019

यमुना प्रकटोत्सव आगरा में भी सम्पन्न -- डा. राधेश्याम द्विवेदी



हमारे देश में यह मान्यता है कि चैत्र शुक्ल षष्ठी को यमुनाजी पृथ्वी लोक पर अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन पूरे देश में उनकी पूजा अर्चना तथा विविध कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर्ण  उत्सव का माहौल रहता है। यमुनोत्री धाम से निकल कर यमुना प्रयाग में गंगा और सरस्वती नदी में मिलकर संगम में मिलती है, लेकिन कान्हा की भूमि ब्रज में इसका खास महत्व है
यहां यमुना भगवान श्री कृष्ण की पटरानी के रूप में पूजी जाती है बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी अपने घरों से घी, दूध और दही लेकर ब्रज के विभिन्न तीर्थों पर पहुंचते हैं। साथ ही औषधीय वनस्पति जटामासी, केदारपाती, गुग्गल आदि को भी पूजन के लिए एकत्र किया जाता है। श्रद्धालुओं ने इन दिनों यमुनाजी की भोग मूर्ति को पंचगव्य से स्नान कराकर उन्हें गाय के घी से बने पकवानों का भोग लगाया जाता है। उनकी पूजा-अर्चना और हवन किया जाता है। आरती के उपरांत सभी के द्वारा यमुनाजी में दीपदान भी किया जाता है। यमुना प्रकटोत्सव के अवसर पर यह अनुष्ठान पीढियों से चला रहा है। यमुना प्रकटोत्सव पर दीपदान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन यमुना में दीपदान करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लोगों में यमुना के प्रति अपार श्रद्धा है लेकिन वर्तमान यमुना की स्थिति देखकर यमुना भक्त सरकार को कोसे बिना नहीं रह पाते भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा आगरा में आज यमुना प्रकटोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। बृज मंडल के लिए यमुना का विशेष महत्व है। बृजवासी यमुना को मां की तरह पूजते हैं।
आज यमुना जन्म उत्सव यानि यमुना छट के अवसर पर मथुरा आगरा मे बड़ी संख्या मे लोगो ने यमुना का पूजन कर पुण्य कमाया। इस दौरान मुनि वशिष्ट सेवा समिति के बैनर तले इकट्ठा हुए लोगों ने यमुना को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया। यमुना की हालत आज बहुत खराब है। जिसके बाद यमुना को स्वच्छ करने के लिए कई बार आन्दोलन भी हुए हैं। लेकिन अभी तक यमुना साफ नहीं हो सकी है। लोगों का आरोप है कि यमुना की सफाई के लिए प्रशासन खास पहल नहीं कर रहा है, जिस कारण यमुना की हालत बद से बदतर होती जा रही है। लोगों में यमुना के प्रति अपार श्रद्धा है लेकिन वर्तमान यमुना की स्थिति देखकर यमुना भक्त सरकार को कोसे बिना नहीं रह पाते

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