रामनगरी अयोध्या कभी तंग सड़कों और बदहाल रास्तों के लिए जानी जाती थी, लेकिन जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके कायाकल्प का संकल्प लिया है तब से अयोध्या निरन्तर प्रगति कर रही है। सारे संपर्क के रास्ते चौड़े हो चुके हैं, आवागमन सुगम हो चुका है। यहां विकास की ऐसी झड़ी लगी है कि अयोध्या अलग रंग रूप में दिखाई देने लगी है। विदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले भक्तों के लिए प्रदेश सरकार ने शानदार कनेक्टिविटी प्रदान की और अब योगी सरकार का लक्ष्य यहां बन रहे भव्य राम मंदिर तक अलग-अलग स्थानों से डायरेक्ट रोड कनेक्टिविटी प्रदान करने का है। इससे राम जन्मभूमि तक आने जाने वाले सभी रास्ते चौड़े किए जा रहे हैं और इनका सौंदर्यीकरण किया जा रहा है , ताकि भगवान राम के बाल स्वरूप का दर्शन करने आने वाले भक्तों को राम मय वातावरण प्रदान किया जा सके।
श्रद्धालुओं को नव निर्मित श्री राम जन्म भूमि मंदिर तक पहुंचाने के लिए अयोध्या में अनेक मार्ग तैयार किए जा रहे हैं। कुछ पूरे होने के करीब हैं और कुछ पर काम होना है। ये मार्ग आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और इनका नाम भी भक्तों को आध्यात्मिकता का अनुभव कराएगा। अयोध्या में भक्तों को राम मंदिर तक पहुंचाने वाले इन मार्गों के नाम होंगे राम,लक्ष्मण,भक्ति, श्रद्धा ,धर्म और भ्रमण पथ। इन रास्तों पर चलने वाले श्रद्धालुओं को अहसास होगा कि वे किसी आध्यात्मिक नगर में हैं और रामलला के भव्य मंदिर तक पहुंचने का उनका सफर काफी सुखद और गौरव पूर्ण बन रहा है।
हाईवे व बाहरी सड़कों से जोड़े जा रहे अयोध्या के स्थल
1. भरतकुंड नंदी ग्राम को जोड़ना :-
भगवान श्रीराम के भाई भरत की तपस्थली भरतकुंड को जोड़ने के लिए दो लेन मार्ग का निर्माण पूरा हो गया है । इसमें 54 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं ।रामनगरी से भरत की तपोस्थली तक का मार्ग नए सिरे से संवारा गया है। विद्याकुंड से नंदीग्राम तक 16.5 किमी.सड़क का निर्माण होगा। विद्याकुंड से दर्शननगर तक दस मीटर व दर्शननगर से भरतकुंड तक सात मीटर चौड़ा मार्ग बनेगा। विद्याकुंड से दर्शननगर तक दस मीटर व दर्शननगर से भरतकुंड तक सात मीटर चौड़ा बनेगा। भरतकुंड की दो किलोमीटर की आंतरिक सड़कों को भी संवारने की योजना बनाई गई है। अयोध्या से यह मार्ग विद्याकुंड, अचारी सगरा, इटौरा चौराहा होते हुए भरतकुंड तक जाता है। मौजूदा समय में यह सड़क सिर्फ तीन मीटर ही चौड़ी है। इसके निर्माण से अयोध्यावासियों को नंदीग्राम तक जाने का वैकल्पिक रास्ता भी मिल जाएगा। रास्ते में पडऩे वाली बाजारों में लाइटिंग भी की जाएगी। इसके साथ ही सड़क के दोनों ओर भी लाइटिंग होगी।
2. गोरखपुर लखनऊ हाईवे से श्रीराम जन्मभूमि को जोड़ना:-
हाईवे से महोबरा बाजार होते हुए श्रीराम जन्मभूमि तक लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन का निर्माण पूरा होने वाला है।राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर काम किया जा रहा है। जिससे राम मंदिर तक पहुंचना सुगम हो जाएगा। फिलहाल इस फोर लेन का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह फोर लेन मार्ग दिसम्बर माह के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-27 से मोहबरा व टेढ़ी बाजार होते हुए राम मंदिर तक बनाए जा रहे फोर लेन का कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूर्व फोरलेन का निर्माण पूरा हो जाने की संभावना है।
3.बिल्वहरि घाट से अयोध्या को जोड़ना:-
रामनगरी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए अयोध्या से पूरा बाजार तक नया फोरलेन विकसित करने की योजना है। यह सड़क अयोध्या-बिल्वहरि घाट बंधे पर बनाई जाएगी। सड़क नया घाट से दशरथ समाधि होते हुए पूरा बाजार तक पहुंचेगी। भगवान श्रीराम के पिता चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ की समाधि स्थल बिल्वहरि घाट से अयोध्या तक 400 करोड़ रुपये से फोरलेन हाईवे का निर्माण कराया जा रहा है।सड़क निर्माण के लिए अयोध्या बिल्वहरि घाट बंधे को 10 मीटर चौड़ा किया जाएगा। सड़क की लंबाई लगभग 15 किमी के आसपास होगी।
अन्य प्रस्तावित अंदरूनी मार्ग और उनके नाम
1.अयोध्या-जगदीशपुर एनएच-330 हाई वे :-
अयोध्या-जगदीशपुर हाईवे पर अब वाहन फर्राटा भरेंगे। इस हाईवे पर सड़क का 85 फीसदी काम पूरा हो गया है। ओवरब्रिज, अंडरपास जैसे काम भी अगले कुछ महीने में पूरे जाएंगे। अयोध्या धाम को आने जाने वाली सुविधाएं इन दिनों तेजी से विकसित की जा रही हैं। इन्हें विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। कई का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण भी किया जा रहा है। अयोध्या-रायबरेली मार्ग के अयोध्या-जगदीशपुर खंड का निर्माण इन दिनों तेजी पर है। इसे एनएच-330 के नाम से भी जाना जाता है। इसकी कुल लंबाई 40.80 किलोमीटर है। इसके चौड़ीकरण का काम लगभग 78 फीसदी पूरा हो गया है। सड़क का काम भी लगभग 85 फीसदी हो गया है। हाईवे पर जिले की सीमा में पहले कुमारगंज फ्लाईओवर (लंबाई 1560 मीटर) का 75 फीसदी कार्य पूर्ण हो गया है। रेलवे ओवरब्रिज का 82 फीसदी काम पूरा हो गया है। दो वाहन अंडरपास और मड़हा नदी पर पुल का काम पूरा हो गया है। इस हाईवे के निर्माण के लिए जिले के तीन तहसीलों के 37 गांवों की लगभग 50 हेक्टेयर जमीन ली गई। इसमें तहसील सदर के तीन गांव, सोहावल के आठ गांव व मिल्कीपुर के 26 गांव की कुल प्रस्तावित भूमि 39.94 हेक्टेयर और सरकारी भूमि कुल 10.36 हेक्टेयर का अधिग्रहण व पुनर्ग्रहण किया गया । 1500 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या-जगदीशपुर हाईवे का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
2.अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी फोरलेन हाईवे:-
अयोध्या से बसखारी तक फोरलेन सड़क का निर्माण तीन माह में पूरा हो जाने की उम्मीद है। लगभग साढ़े पांच अरब की लागत से 80 किलोमीटर लंबा मार्ग बनने से जिले के लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी। फोरलेन सड़क का निर्माण करीब एक वर्ष पहले शुरू हुआ था। निर्माण कार्य को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लगभग डेढ़ अरब की लागत से निर्माणाधीन अकबरपुर बाईपास का निर्माण भी तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। 400 करोड़ की लागत से अयोध्या-अकबरपुर-बसखारी फोरलेन हाईवे का आधे से ज्यादा काम पूरा।
3. 84 कोसीय परिक्रमा मार्ग 67 किमी लंबा रिंगरोड:-
जाम से निजात दिलाने के लिए 67 किमी लंबे रिंगरोड का निर्माण कराया जा रहा है। 4000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला रिंगरोड अयोध्या, गोंडा और बस्ती से जाएगा। इसके लिए जमीन की खरीद अंतिम चरण में है।
4.शहर का मुख्य राम पथ ,:-
राम पथ नया घाट से सहादतगंज तक 13 किमी अयोध्या में राम पथ का निर्माण तेजी से हो रहा है । सहादतगंज से नया घाट तक हाईवे का आठ करोड़ रुपये से सुंदरीकरण किया जा रहा है। सहादतगंज से नया घाट के बीच 250 करोड़ की लागत से फोरलेन सडक़ बनाए जाने की घोषणा की गई है।इस मार्ग के चौड़ीकरण में जमीन खरीदने से लेकर अन्य निर्माण कार्य के लिए 797.69 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, जिसके सापेक्ष 290 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है। राम पथ के लिए 40765 वर्ग मीटर भूमि की जरूरत है, जिसके मुकाबले 4773 वर्ग मीटर भूमि का अर्जन कर लिया गया है।
5.सरयू नदी से सटा लक्ष्मण पथ:-
लक्ष्मण पथ गुप्तारघाट से राजघाट 12 किमी की दूरी तक को जोड़ने के लिए भगवान राम के छोटे भाई और शेषावतार लक्ष्मण जी के नाम पर बनने वाले इस नये वैकल्पिक मार्ग निर्माण की भी पूरी कार्ययोजना तैयार है। यह पथ फोरलेन होगा। यह पथ उदया हरिश्चंद्र घाट तटबंध के समानांतर प्रस्तावित है। तटबंध की चौड़ाई पहले छह मीटर थी जिसे एक मीटर बढ़ाकर सात मीटर कर दिया गया है। इधर लक्ष्मण पथ की चौड़ाई 18 मीटर तय की गयी है। इसके निर्माण पर लगभग 200 करोड़ की लागत आएगी। इस मार्ग की योजना उदय हरिश्चंद्र घाट तटबंध के समानांतर बनाई गई है।लक्ष्मण को परिक्रमा पथ से भी कनेक्ट किया जाएगा, ताकि अयोध्या में आने वाली भीड़ को डायवर्ट किया जा सके। इसके साथ ही कनेक्ट करने वाले तीन स्थानों पर 30 एकड़ जमीन पर पार्किंग की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि श्रद्धालु किसी भी तरह से अयोध्या में प्रवेश करें तो उन्हें अपने वाहनों को पार्क करने में कोई दिक्कत महसूस ना हो।
तटबंध की चौड़ाई पहले छह मीटर थी, लेकिन इसे बढ़ाकर सात मीटर कर दिया गया है। लक्ष्मण पथ को 18 मीटर की चौड़ाई के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस वैकल्पिक मार्ग की अनुमानित लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है, और प्रस्ताव अनुमोदन के लिए सरकार को प्रस्तुत किया गया है। मंजूरी मिलते ही इस प्रोजेक्ट पर निर्माण शुरू हो जाएगा।
6. सरयू तट को हाईवे से जोड़ने वाला धर्म पथ :-
अयोध्या में लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-27) पर साकेत पेट्रोल पंप से लेकर लता मंगेशकर चौक 2 किमी तक के मार्ग को धर्म पथ का नाम दिया गया है। अयोध्या से गोंडा बहराइच, अयोध्या का श्रीराम जन्म भूमि,कनक भवन , हनुमान गढ़ी, राम की पौड़ी और सरयू नदी विभिन्न घाटों को हाईवे से जोड़ने वाला यही मुख्य रास्ता है।
7.अंदरूनी मंदिरों को जोड़ने वाला भक्ति पथ :-
श्रृंगारहाट से राममंदिर (500 मीटर) श्रृंगार हाट बैरियर से लेकर राम जन्मभूमि तक भक्ति पथ का निर्माण हो रहा है।
श्रृंगारहाट से राम जन्मभूमि पर भक्तिपथ मार्ग पर निर्माण कार्य तेजी से पूरा होने वाला है।श्रृंगार हाट से श्री राम जन्म भूमि मंदिर मार्ग तक .742 किमी का फोर लेन तैयार किया जा रहा है। इसका मार्ग का नाम भक्ति पथ रखा गया है। इसके चौड़ीकरण के लिए जमीन खरीदने समेत अन्य निर्माण कार्य के लिए 62.79 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसके सापेक्ष 32.10 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। ऐसे में निर्माण मार्ग में आने वाली 350 दुकानों का मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं चौड़ीकरण के लिए 290 दुकानों को ध्वस्त किया जा चुका है शेष पर कार्रवाई चल रही है। यह मार्ग 13 मीटर चौड़ा किया जा रहा है, जिसमें 5.50 मीटर चौड़ाई सीसी रोड की भी शामिल है। इसी मार्ग पर हनुमान गढ़ी, दशरथ महल कनक भवन अमावा मंदिर तथा अनेक प्राचीन मंदिर बने हुए हैं।
8.श्रद्धा पथ/राम जन्मभूमि पथ:-
बिरला धर्मशाला वा सुग्रीव किले से श्रीराम जन्म भूमि मंदिर मार्ग तक .566 किमी का फोर लेन तैयार किया जा रहा है, जिसका नाम जन्म भूमि पथ रखा गया है। इसके निर्माण में जमीन खरीदने से लेकर अन्य निर्माण में 83.33 करोड़ का खर्च आ रहा है, जिसको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में हरी झंडी दे दी है। जिसका संचालन राम भक्तों के लिए शुरू कर दिया गया है। राम भक्त अब अपने आराध्य का दर्शन जन्मभूमि पथ से कर सकेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कई वर्षों से चले आ रहे रामलला दर्शन के पुराने मार्ग को अब बंद कर दिया है. जिसके बाद अब राम भक्त अपने आराध्य का दर्शन जन्मभूमि पथ से करेंगे।अयोध्या में 850 मीटर लंबा जन्मभूमि पथ इस साल 30 जुलाई को भक्तों के लिए खोला गया था। यह विस्तार बिड़ला मंदिर से शुरू होता है और राम जन्मभूमि पर समाप्त होता है। राम जन्मभूमि पथ बिरला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला के बगल से होते हुए अमावा मंदिर रंग महल के पीछे होते हुए सीधे राम जन्मभूमि मंदिर परिसर तक जाएगा। इस पर कुल 39.43 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। इसमें से 23.79 करोड़ भूमि अधिग्रहण-पुनर्वास की लागत है। 390 मीटर लम्बाई में मार्ग की चौड़ाई 30 मीटर तथा शेष भाग में 24 मीटर है। मार्ग पर 7 मीटर चौड़ाई में बिटुमिन्स मार्ग के साथ व 15 मीटर व 10 मीटर चौड़ाई में पैदल पथ का निर्माण हुआ है।
9.नव निर्मित यात्रा - भ्रमण पथ :-
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में एक सड़क परियोजना, यात्रा पथ के निर्माण को मंजूरी दे दी है जो सरयू को राम मंदिर से जोड़ेगी। यह सड़क भक्तों को राम मंदिर तक पहुंचने के लिए अधिक प्रतीकात्मक मार्ग प्रदान करता है। भ्रमण पथ राम की पैड़ी, राजघाट से गुजरेगा और राम मंदिर तक पहुंचेगा। सरयू में शामिल होने के बाद, भक्त सड़क के इस हिस्से का उपयोग करके सीधे राम मंदिर तक पहुंचेंगे ।
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