Tuesday, December 28, 2021

लिगामेंट एसीएल पीसीएल का आर्थोस्कोपी सर्जरी

घुटनों के सबसे महत्वपूर्ण लिगामेंट एसीएल पीसीएल टूटने का इलाज अब आर्थोस्कोपी के जरिए अतीत की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित और बेहतर हो चुका है। वस्तुत: लिगामेंट्स रस्सीनुमा तंतुओं के ऐसे समूह हैं, जो हड्डियों को आपस में जोड़कर उन्हें स्थायित्व प्रदान करते हैं। इस कारण जोड़ सुचारु रूप से कार्य करते हैं। घुटने का जोड़ घुटने के ऊपर फीमर और नीचे टिबिया नामक हड्डी से बनता है। बीच में टायर की तरह के दो मेनिस्कस (एक तरह का कुशन) होता है। फीमर व टिबिया को दो रस्सीनुमा लिगामेंट (एनटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट और पोस्टेरियर क्रूसिएट लिगामेंट) आपस में बांध कर रखते हैं और घुटनों को स्थायित्व प्रदान करते हैं। साइड में यानी कि घुटने के दोनों तरफ कोलेटेरल और मीडियल कोलेटेरल लिगामेंट और लेटेरल कोलेटरल लिगामेंट नामक रस्सीनुमा लिगामेंट्स होते हैं। इनका कार्य भी क्रूसिएट की तरह दोनों हड्डियों को बांध कर रखना है।
ACL एसीएल सर्जरी:-
एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) घुटने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्पोर्ट्स इंजरी में सबसे ज्यादा यही लिगामेंट टूटता है। इसे पुन: उखड़ी हुई जगह पर जोड़ना और नया लिगामेंट बनाने की प्रक्रिया को एसीएल रीकॉन्ट्रक्शन कहते हैं। लिगामेंट आपके शरीर में मजबूत टिश्यू का ऐसा समूह है, जो हड्डियों को आपस में जोड़ता है। घुटने के आर्थोस्कोपिक प्रोसीजर में एसीएल सर्जरी सबसे ज्यादा कारगर होती है। एसीएल सर्जरी घुटने को स्थिरता प्रदान करती है। जब घुटना ज्यादा स्ट्रेच हो जाता है तब एक स्थिति ऐसी आ जाती है कि लिगामेंट खिंचते हुए टूट जाता है। ऐसे में घुटना सूज जाता है और उसमें दर्द होता है। घुटना अस्थिर हो जाता है और चलने में दिक्कत होती है।
PCL पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट सर्जरी:-
घुटने के जोड़ के पास दो हड्डियों का मेल होता है, जिनमें फैमूर (थाईबोन) और तिबिया (शिनबोन) शामिल होते हैं। घुटने के ऊपर की हड्डी जोड़ को सुरक्षा प्रदान करती है। एक हड्डी दूसरी हड्डी से लिगामेंट के जरिए जुड़ी होती है। घुटने में कुल चार प्रमुख लिगामेंट्स होते हैं। यह हड्डियों को एक साथ पकड़े रखने के लिए एक मजबूत रस्सी की तरह काम करते हैं और घुटने को स्थिर बनाते हैं। पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट शिनबोन को पीछे की ओर अत्यधिक सीमा तक मुड़ने में मदद करता है। यह एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट के मुकाबले अधिक मजबूत होता है और यह अक्सर कम घायल होता है। पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट के दो भाग होते हैं जो मिलकर एक ढांचा निर्मित करते हैं, यह लगभग व्यक्ति की छोटी उंगली के सामान होता है।
आर्थोस्कोपी दूरबीन विधि से सर्जरी:-
आर्थोस्कोपी का शाब्दिक अर्थ है शरीर के जोड़ को किसी यंत्र से देखना। इसमें धातु की एक पतली नली का एक सिरा जोड़ के अंदर डाल दिया जाता है। इस नली में लेंस लगे होते हैं जो अंदर के भागों को बड़ा करके बाहर दिखाते हैं।आर्थोस्कोपी की प्रक्रिया के अंतर्गत पहले जोड़ में पानी भरकर उसे बड़ा कर लिया जाता है, जिससे जोड़ के अंदर की चीजें साफ दिखें और ऑपरेशन आसानी से किया जा सके। आर्थोस्कोपी से ऑपरेशन के दौरान किसी भी तरह के संक्रमण नगण्य हो जाता है।
आर्थोस्कोपिक विधि से इलाज:-
आर्थोस्कोपिक विधि से अब स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज सफलतापूर्वक संभव है। चीरफाड़ किए बगैर आर्थोस्कोप से जो भी लिगामेंट टूट गया है, उसे रिपेयर कर दिया जाता है या फिर उसका दोबारा पुनर्निर्माण कर दिया जाता है। घुटने की लूज बॉडीज (चोट लगने के कारण लिगामेंट में टूट-फूट होने वाले भागों) को निकाल दिया जाता है। परिणामस्वरूप घुटने की अस्थिरता खत्म हो जाती है और दर्द दूर हो जाता है। ऐसे व्यक्ति की दिनचर्या बहाल हो जाती है। यह आधुनिक विधि दर्दरहित और सफल है।
बस्ती मेडिकल कॉलेज की नई उपलब्धि :-
बस्ती के कैली अस्पताल में घुटने का सफल लिगामेंट सर्जरी
बस्ती (उ.प्र.)। महर्षि वशिष्ठ स्वशाषी चिकित्सा महाविद्यालय बस्ती की चिकित्सा इकाई ओपेक चिकित्सालय कैली बस्ती में तीस वर्षीय युवक के घुटने की सफल लिगामेंट सर्जरी युवा आर्थो सर्जन डॉ. सौरभ द्विवेदी एवं उनकी टीम द्वारा सफलता पूर्वक की गयी। इसके घुटने के एसीएल व पीसीएल दोनों लिगामेंट टूट गये थे। ऐसे आपरेशन बस्ती जैसे छोटे जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस सफल आपरेशन के बाद युवक के परिजनों के चेहरे खिल गये और डॉ. सौरभ व उनकी टीम को खूब दुआएं देते देखे गए।
लालगंज बस्ती निवासी तीस वर्षीय युवक राजू को ढाई महीने पहले चोट लगने से घुटने के एसीएल और पीसीएल दोनों लिगामेंट टूट गए थे। वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया था।उसने अनेक जगह डाक्टरो को दिखाया परन्तु कोई लाभ नहीं हुआ। वह बस्ती मेडीकल कालेज कैली अस्पताल के डाक्टर सौरभ द्विवेदी से मिला। डा सौरभ द्विवेदी ने उसका एमआरआई कराया तो उसके घुटने के एसीएल और पीसीएल दोनों लिगामेंट टूटे हुए पाए गए।
28 दिसम्बर 2021 को कैली अस्पताल में डा सौरभ द्विवेदी और उनकी की टीम ने आर्थोस्कोपी दूरबीन विधि से युवक का आपरेशन करके उसके घुटने के एसीएल और पीसीएल दोनों लिगामेंट सफलता पूर्वक रिपेयर किए।इस तरह के आपरेशन केली अस्पताल में पहली बार हुआ है। बस्ती में पहले हुए आपरेशन सफल नहीं रहे। आज का कैलीअस्पताल में डा सौरभ द्विवेदी और उनकी की टीम द्वारा एक ही सिटिंग में यह सफल आपरेशन किया गया। मरीज अपने को बेहतर महसूस कर रहा है।





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