Thursday, October 9, 2025

मेरी चारों धाम यात्रा (गंगा सागर)✍️आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी



18 सितंबर 2025

पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले के काक द्वीप वाले धर्मशाला में रुककर प्रातः कालीन दैनिक क्रिया से निवृत होकर हम लोग गंगासागर की यात्रा के लिए तैयार हुए। 
              काकद्वीप बंदरगाह 
काकद्वीप एक बंदरगाह है जो गंगासागर को जोड़ता है। काकद्वीप से गंगा सागर लगभग 40 किमी दूर स्थित है। जिसमें लगभग एक घंटा बीस मिनट समय लगता है। गंगासागर द्वीप तक पहुंचने के लिए हुगली नदी को पार करना होगा, जिसे दो बिंदुओं हारवुड प्वाइंट (जिसे काकद्वीप लॉट नंबर 8 भी कहा जाता है) या नामखाना फेरी प्वाइंट से पार किया जा सकता है।
मुख्य भूमि से गंगासागर द्वीप तक नौका सेवा दिन भर चलती है, जिसमें मौसम और विशिष्ट नौका संचालकों के आधार पर कई प्रस्थान समय होते हैं। मुख्य भूमि भारत से सागर द्वीप तक नौका यात्रा में लगभग 45 मिनट से 1 घंटे का समय लगता है। नौका की सवारी के बाद, आगंतुक आमतौर पर गंगासागर पहुंचने के लिए एक निजी कार, बस या अन्य स्थानीय परिवहन लेते हैं। 
                गंगासागर द्वीप
      गंगासागर द्वीप, जिसे सागर द्वीप या सागर-संगम भी कहा जाता है, पश्चिम बंगाल में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित एक द्वीप है, जहाँ गंगा नदी बंगाल की खाड़ी से मिलती है. यह एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है जहाँ हर साल मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने और कपिल मुनि मंदिर में पूजा करने आते हैं. इस स्थान को गंगा और सागर के पवित्र संगम के रूप में पूजा जाता है. 
दर्शनीय स्थल
गंगासागर दीप में कपिल मुनि का आश्रम है और कई दर्शनीय स्थल भी है।गंगासागर द्वीप पर कपिल मुनि मंदिर और गंगासागर लाइटहाउस प्रमुख स्थल हैं, जिनके अलावा भारत सेवाश्रम, रामकृष्ण मिशन आश्रम, ओंकारनाथ मंदिर और सागर द्वीप का समुद्र तट भी अन्य महत्वपूर्ण और दर्शनीय स्थान हैं।  
                  कपिल मुनि
कपिल मुनि एक वैदिक ऋषि और दार्शनिक थे, जो 6वीं-7वीं शताब्दी ई. से संबंधित थे और कुछ परंपराओं में उन्हें भगवान विष्णु का दिव्य अवतार माना जाता है। वे भारतीय दर्शन की सांख्य प्रणाली के संस्थापक हैं। सांख्य, पदार्थ (प्रकृति) और शाश्वत आत्मा (पुरुष) के बीच द्वैतवाद पर बल देता है।सांख्य के अनुसार मुक्ति, बाहरी कारकों या प्रभावों के बजाय आत्म-ज्ञान के माध्यम से प्राप्त की जाती है। उन्होंने ध्यान केंद्रित एवं वैदिक देवताओं और अनुष्ठानों की आलोचना की।ब्राह्मणवादी सिद्धांतों को खारिज किया और भक्ति योग के माध्यम से मुक्ति की प्रक्रिया पर जोर दिया।उनका सांस्कृतिक प्रभाव हिंदू और बौद्ध धर्म दोनों में मान्यता प्राप्त है।
             जलयान यात्रा 
जहाज में प्रवेश के लिए एक तरफ से टिकट लेना पड़ता है और वापसी में कोई टिकट चेकिंग नहीं होता है जितने लोग पहुंच जाते हैं वे सब अपनी सुविधा अनुसार 5:00 बजे से पहले सागर दीप छोड़ देते हैं और काक द्वीप पहुंच जाते हैं। यह सफर लगभग समुद्र वाली 1 घंटे से ऊपर तक चलती रहती है इसमें पक्षियां भी नहीं दिखाई देते और ना ही मछलियां दिखाई देती है। केवल रास्ते के संकेत के लिए कुछ बिजली के स्तंभ बने हुए थे और उसी के सहारे वोट आगे बढ़ रही थी।    
                गंगासागर संगम 
         गंगासागर पहुंचकर एक बस से गंगासागर समुद्र तट पर पहुंचे।यहां गंगा के जल में स्नान करने से राजा सागर के शापग्रस्त पुत्रों को मोक्ष मिला था। इसी प्रत्याशा से लोग गंगासागर की यात्रा करते हैं। वहां पहुंच कर सागर संगम पर स्नान किया। सूर्य देव को जल अर्पित किया और कुछ जल जलपान करके वापस टैक्सी स्टैंड पर आए।
          कपिल मुनि आश्रम मन्दिर 
      सागर द्वीप एक पूजनीय स्थल है जहाँ गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में मिलती है। यह वह स्थान भी है जहाँ भगवान कृष्ण के अवतार भगवान कपिल देव ने अपनी माता देवहूति को आत्म साक्षात्कार का ज्ञान दिया था। हर साल लाखों तीर्थ यात्री इस पवित्र स्थान पर जल में डुबकी लगाने और भगवान कपिल देव की पूजा करने आते हैं।हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस स्थान पर पवित्र स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
       यहां से कपिल मुनि आश्रम जिसे कहा जाता है, कई बार अपना स्थान परिवर्तित किया है,वहां पहुंचे। पूजन सामग्री फूल माला और प्रसाद आदि लिया और अल्प भीड़ में मंदिर में दर्शन किया। इस मंदिर का देखरेख अयोध्या के हनुमानगढ़ी पीठ से होता है और यही के संत इसकी व्यवस्था करते हैं। सागर दीप में और भी अनेक मंदिर थे पर अपना लक्ष्य और समय देखते हुए हम लोग सीधे पोर्ट पर आए और जहाज लेकर वापस पहुंचे। काक द्वीप में जी धर्मशाला में ठहरे थे वहां भोजन की व्यवस्था हुई। सोने की व्यवस्था अच्छी नहीं रही। इसके लिए बाहर खुले आसमान में एक पक्के फर्श पर जो किसी आश्रम का मुख्य गेट था, वहां कुछ देर आराम किया। इसके बाद अपनी टोली के पास आए जहां देर रात/सुबह फ्रेश होकर आगे की यात्रा के लिए निकले। 

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