26 नवंबर, 2008 की रात
करीब 9.50 बजे शुरू मुंबई के मशहूर होटलों के समीप तथा कई अन्य प्रमुख जगहों पर
कुछ समय के अंतराल में हुए दर्जन भर शृंखलाबद्ध विस्फोट और गोलीबारी हमले में कुल 237 लोग
मारे गए थे एवं 300 से ज्यादा घायल हुए थे। मुंबई के प्रमुख रेलवे स्टेशन सीएसएमटी
सहित, ताज होटल, होटल ट्राइडेंट, लियोपोल्ड कैफे होटल ओबेरॉय, कामा अस्पताल
, नरीमन हाउस
तथा दक्षिण मुंबई के अन्य अनेक स्थानों पर सहित सड़क पर चलते कुछ
वाहनों को भी निशाना बनाया गया था। चार दिन चले इस हमले के दौरान पुलिस मुठभेड़ में
पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए 10 में से नौ आतंकी मारे गए थे। साथ ही मुंबई पुलिस
के तीन जांबाज अधिकारियों सहित कई जवान भी शहीद हुए। इस
आतंकवादी हमले की ज़िम्मेदारी दकन मुजाहिदीन नामक एक नए आतंकवादी संगठन ने ली थी |
एक समाचार संस्था से संवाद करते हुए लश्कर ए तोयबा के आतंकी मुखिया ने इस घटना का श्रेय
लिया था। देश के इतिहास में 2008 का मुंबई आतंकी हमला सबसे भयावह था जो सदियों
की टीस दे गया। आज 26 नवंबर को इस हमले की 9वीं बरसी है।
26/11 के शहीदों को समर्पित (कविता)
यदि होंगे धमाके
और फटेंगे बम
जोश हमारा कभी ना होगा इससे कम।
हर मुश्किलों में एक ही रहेंगे हम ,
कायर नहीं वीर
कहायेंगे हम ।
इन घटना से कभी ना डरेंगे हम ,
दामिनी सा हरदम गर्जेगे हम ।
भारत माता मेरी इसके लाल हैं हम ,
हमलावर निशाचरों का तोड़ेगे दम ।
देवभूमि पर नहीं बचे कोई दशानन ,
आतंकी के उन प्राणों का हो ग्रासन ।
शहीदों का बलिदान याद है हमको,
तुम जैसा ही शान भरा है हमको।
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