Sunday, July 25, 2021

परवर्ती ब्राहमण कालीन रियासतें डा. राधेश्याम द्विवेदी

पौराणिक और ऐतिहासिक कालीन ब्राहमण राजवंशों की संख्या उतनी अधिक नहीं जितनी परवर्ती उत्तर मुगल व ब्रिटिशकालीन समय में मिलती है। यद्दपि इस समय इनका प्रभाव निरन्तर समाप्त होते होते बिल्कुल समाप्त हो गया। कुछ वंश तो नाम के लिए भी सूाप्त हो गयी हैं और कुछ इतिहास के पन्नों में बिखरी पड़ी हैं। इस विषय पर बृहद शोध की आवश्यकता है। उपलबध प्रमाणों के आधार पर अकारादि क्रम से इन जागीरों व राजवंशों पर एक दृष्टि डालना समीचीन है।

अनापुर एस्टेट इलाहाबाद- बिहार के भूमिहार ब्राह्मणों का स्वनियंत्रित जागीर है।

अमावा राज- यह  बिहार का परवर्ती भूमिहार ब्राह्मणों का राजवंश का घराना है।

अरनी संपत्ति- मद्रास प्रेसीडेंसी में देशशष्ठ ब्राह्मणों की यह एक जागीर है।

अयोध्या राज (पूर्व महदौना)-शाकलद्वीप ब्राह्मणों का यह एक प्रभावशाली जागीर है।    

अवध का औसनगंज एस्टेट - यहां गौतम वंशीस ब्राहमण का शासन रहा है।

असोदा (हापुड़)- त्यागी गौर ब्राह्मण द्वारा शासित चैधरी वंश, जिसमे 350 गाँव रहे।

आगापुर स्टेट- यह स्वनियंत्रित जागीर है।

आर्य चक्रवर्ती राजवंश- यह तमिल ब्राह्मणों का घराना है।

ओइनीवार राजवंश- मैथिल ब्राह्मणों का घराना है।

इचलकरंजी एस्टेट- चितपावन ब्राह्मण जोशी परिवार द्वारा शासित घराना है।

ऐनखाओं जमींदारी,- यह स्वनियंत्रित जागीर है।

ऐशगंज जमींदारी-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

औन्घ्र राज्य - यह देशाष्ठ ब्राह्मणों का घराना है।

औसानगंज राज- यह परवर्ती ब्राह्मण राजघराना है।

कयाल गढ़--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

काबुलशाही राजवंश - महयाल ब्राह्मणों का कबीलाई घराना है।

केवटगामा जमींदारी--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

कुतुबपुर उ. प्र. - त्यागी गौड़ ब्राह्मणों का (चैधरी निहाल सिंहत्यागी)चैधरी वंश का घराना है।

कुरुनदवाड.वरिष्ठ और कुरुनुदवाड.जूनियर- कुरुनदवाड. पटवर्धन ब्राह्मण का घराना है।

खैर इस्टेट-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

गन्नौर (हरियाणा) - त्यागी गौड़ ब्राह्मणों के भारद्वाज कबीले द्वारा शासित घराना है।

गोरधनपुर (सहारनपुर)- त्यागी गौड़ ब्राह्मण(चैधरीदयाल सिंहत्यागी) का चैधरी वंश का घराना है।

गोरिया कोठी एस्टेट (सिवान )-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

गौरिहार राज्य - मध्य प्रदेश के देशाष्ठ ब्राह्मणों का घराना है।

घोसी एस्टेट--यह स्वनियंत्रित भूमिहार ब्राह्मणों की जागीर है।

चैबे एस्टेट- ब्रिटिश राज की अवधि के दौरान मध्य भारत की पांच सामंती रियासतों का एक समूह था। जो ब्राह्मण परिवार की विभिन्न शाखाओं द्वारा शासित थे।

चैनपुर, एस्टेट-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

छतरपुर दिल्ली - त्यागी गौड़ ब्राह्मण चैधरी वंश का घराना है।

जामखंडी राज्य- यह चितपावन ब्राह्मणों का घराना है।

जालौन राज्य -  बुंदेलखंड के देशाष्ठ ब्राह्मणों का घराना है।

जैतपुर एस्टेट --यह स्वनियंत्रित जागीर है।

जोगनी एस्टेट -यह भूमिहार ब्राह्मणों का स्वनियंत्रित जागीर है।

जौनपुर का राज- परवर्ती ब्राह्मण का राजघराना है।

झांसी राज्य -  यह न्यूयलकर हाउस के करहदेश ब्राह्मणों का घराना है।

टिकारी राज- परवर्ती ब्राह्मण का राजघराना है।

टेकरी राज- बिहार के भूमिहार ब्राह्मण का शासन रहा है।

तमकुही राज- परवर्ती ब्राह्मण का राजघराना है।

ताजपुर राज - उ.प्र. के त्यागी गौर ब्राह्मण द्वारा शासित चैधरी वंशीय घराना है।

दरभंगा राज -मिथिला, बिहार के मैथिल ब्राह्मणों द्वारा शासित राज्य है।

दिधपटियां राज बंगाल- यहां वारेन्डर ब्राह्मणों की रॉय वंश का शासन रहा है।

धरहरा एस्टेट- यह भूमिहार ब्राहमणों का स्वनियंत्रित परवर्ती जागीर है।

नवगढ़ -यह स्वनियंत्रित जागीर है।

नरहन स्टेट--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

नादिया राज बंगाल- कुलीनब्राह्मण रॉय या रे वंश का शासन यहां रहा है।

नाथद्वार थिकाना एस्टेट - उदयपुर यह स्वनियंत्रित जागीर है।

नेसौर (बिजनौर)जमींदारी- त्यागी गौर ब्राह्मण(चैधरी श्याम नारायण सिंह चैधरी वंश का घराना है।

नैतोर राज रॉयवंश- बंगाल के वारेन्डर ब्राह्मण का शासन यहां रहा है।

पन्यम जमींदारी - मद्रास प्रेसीडेंसी के देशष्ठ ब्राह्मणों का शासन यहां रहा है।

पर्सागढ़ एस्टेट (छपरा )- यह स्वनियंत्रित जागीर है।

पटवर्धन राजवंश - चितपावन ब्राह्मण पटवर्धन परिवार द्वारा स्थापित एक भारतीय राजवंश है।

परिहंस एस्टेट--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

पैनाल गढ़--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

पंडुई/ पुनडोई राज-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

पंथ पिपलोदा प्रांत- ब्रिटिश भारत का ब्राह्मण शासित एक जागीर है।

पोलावरम जमींदारी - तेलुगुब्राह्मणों कुछारलकोटा परिवार का शासन यहां रहा है।

बड़ा गांव (सहारनपुर)-त्यागी गौड़ ब्राह्मण(चैधरी  मूलराज सिंह त्यागी) चैधरी वंश का घराना है।

बभनगावां राज- परवर्ती ब्राह्मण का राजघराना है।

बनारस का राज- परवर्ती ब्राह्मण जमींदारी राजघराना है। यह 13 तोपों की सलामी या 15 तोपों की सलामी वाला स्थानीय भूमिहार ब्राह्मणों के शासन का राज्य रहा है।

बनाली एस्टेट- बिहार मैथिल ब्राह्मणों के चैधरी बहादुर वंश का शासन रहा है।

बेतिया राज- परवर्ती भूमिहार ब्राह्मणों का राजघराना हैं।

बौध राज्य – क्योंझर के राजा की ब्राह्मण परिवार की एक रियासत है, जिसके भतीजे उत्तराधिकारी के रूप में शासन पाये थे।

भरतपुरा राज- परवर्ती ब्राह्मण का राजघराना है।

भावल एस्टेट - बंगाल श्रोतिय ब्राहमणों का चैधरी वंश का घराना है।

भेलावर गढ़--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

भोरराज्य,- देशाष्ठ ब्राह्मणों का एक 9 तोपों की सलामी वाला रियासत है।

मकसुदपुर राज- परवर्ती भूमिहार ब्राह्मणों का स्वनियंत्रित जमींदारी राज है। मधुबन राज - मैथिली ब्राह्मणों का यह स्वनियंत्रित जागीर है।

मंझा राज -यह स्वनियंत्रित जागीर है।

मिराज- जूनियर और वरिष्ठ राज्यों द्वारा शासित गया चितपावन ब्राह्मणों का राजवंश है।

मेमेन्सिंघ राज - बंगाल की वरेंद्र ब्राह्मण चैधरी वंश का घराना है।

मुक्तागच राज बंगाल- वारेन्डर ब्राह्मणों का चैधरी वंश का शासन रहा है।

येलंडूर संपत्ति- तत्कालीन मैसूर राज्य में माधव ब्राह्मणों की एक जागीर है।

रतवारा राज- समस्तीपुर के कल्यानपुर तहसील और सीतामढ़ी में रतवारा का अस्तित्व कहा जा सकता है।

रतनगढ़ बिजनौर - त्यागी गौड़ ब्राह्मण द्वारा शासित तगाराव जोखा सिंह त्यागी एक पूर्व सेनापति (या राव) थे जिनकी उत्तरी शाखा मराठा कॉन्फेडरेट आर्मी थी, जिसके नियंत्रण में तराई हिमालय अड्डों में चैधरी वंश का घराना है।

रसना (गाजियाबाद) - त्यागी गौड़ ब्राह्मण(चैधरी न्यादर  सिंह त्यागी) का चैधरी वंशीय घराना है।

राजगोला जमींदारी, -यह स्वनियंत्रित जागीर है।

राजशाही राज - बंगाल के वारेन्डर ब्राह्मणों के शासन वाला रियासत है।

रामदुर्ग राज्य -चितपावन ब्राह्मणों का का घराना है।

रामनगर जमींदारी--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

रोहुआ एस्टेट-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

रंधर एस्टेट-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

लक्कावरम जमींदारी - तेलुगुब्राह्मणों का मंत्री प्रीगद का घराना है।

रूपवाली एस्टेट-यह स्वनियंत्रित जागीर है।

रुसी राज -यह स्वनियंत्रित जागीर है।

लट्टा गढ़ -यह स्वनियंत्रित जागीर है।

वाझिलपुर - त्यागी गौड़ ब्राह्मण(चैधरी रामरिच त्यागी, भीम सिंह रास) चैधरी वंशीय घराना है।

वायरा फिरोजपुर (बुलंदशहर)- त्यागी गौड़ ब्राह्मण(चैधरीराम शरणत्यागी) चैधरी वंशीय घराना है।

विशालगद एस्टेट- देशष्ठ ब्राह्मणों का ब्रिटिशकालीन घराना है।

सांगलीराज्य- चितपावन ब्राह्मणों का एक 11 तोपों की सलामी वाला रियासत है।

सियोहरा (बिजनौर)- त्यागी गौड़ ब्राह्मणों (राजा रघुराज सिंह त्यागी) का घराना है।

सिंहवारा एस्टेट- मिथिला, बिहार मैथिल ब्राह्मणों  के शासन वाला रियासत है।

सुल्तानपुर की जमींदारी - त्यागी गौड़ ब्राह्मणों का (चैधरी महाराज सिंह) का घराना है।

सूसंगाजक्त बेंगा- वारेन्डर ब्राह्मणों काएल सिन्हा वंश का शासन रहा है।

शाहदरा दिल्ली- त्यागी गौड़ ब्राह्मण (चैधरी मेहराम त्यागी) चैधरी वंशीय शासन रहा है।

शिमलापल राज- उत्कल ब्राह्मणों का घराना है।

शिवहर राज- परवर्ती भूमिहार ब्राह्मण का राजघराना हैं।

शिवहरा (बिजनौर) -त्यागी गौर ब्राह्मण(चैधरी रघुराज सिंह त्यागी) चैधरी वंशीय घराना है।

हथुआ राज- परवर्ती ब्राह्मण जमींदारी राजघराना है।

हरदी एस्टेट--यह स्वनियंत्रित जागीर है।

विलुप्त रियासतें

असुराह एस्टेट अब समाप्त हो गया है।

औरंगाबाद में बाबू अमौना तिलकपुर ,शेखपुरा स्टेट समाप्त हो गया है । जहानाबाद में तुरुक तेलपा स्टेट अब समाप्त हो गया है ।

क्षेओतर गया- अब समाप्त हो गया है।

बारों एस्टेट (इलाहाबाद) अब समाप्त हो गया है

पिपरा कोय्ही एस्टेट (मोतिहारी) अब समाप्त हो गया है।


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