श्री विष्णु पुराण कथा चौथा स्कंद अध्याय 3 का भाग दो
के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा हरिशचंद्र के पुत्र का नाम रोहित था। रोहित के पुत्र को हरित के नाम से जाना जाता था, और हरित का पुत्र चाचू या चम्पा था। चाचू या चम्पा से विजय एवं वासुदेव उत्पन्न हुए थे। विजय से रूरक और रुरुक से वृक का जन्म हुआ ।
भागवत पुराण से भूगोल में वंशावली इस प्रकार है -
हरिश्चंद्र → रोहित → हरित → चंपा → सुदेवा → विजया → भरुका → वृक → बाहुका।
रुरुक को भारूका या ब्रहुक भी कहा गया है। रुरुक धर्म और धन ( अर्थ ) के बारे में विस्तार से जानने वाला राजा कहा गया है।
इस राजा के बारे में बहुत ही कम संदर्भ मिलता है।जिस किसी सज्जन को और जानकारी हो वह इस ब्लॉग के लेखक को उपलब्ध कराने की कृपा करे जिससे आने वाले दिनों में लोगों को अधूरी से पूरी जानकारी उपलब्ध कराया जा सके।
लेखक परिचय:-
(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, आगरा मंडल ,आगरा में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए समसामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।)
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