बस्ती जिला मुख्यालय का बिजली विभाग की करतूत किसी से छिपा नहीं है। दिन के उजाले में भी जलती रहती हैं रोड की लाइटें जलती देखी जा सकती है। इसके विपरीत रात में होती रहती है लो वोल्टेज की आंख मिचौली ।
दिन के उजाले में भी जलती रहती है रोड लाइटें:-
जहां एक ओर सरकारों द्वारा यह नारा दिया जाता है कि राष्ट्र हित में बिजली बचाओ वही दूसरी ओर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते दिन में भी रोड लाइट जलती रहती है। सरकार के आदेश व नियमों की विभाग की उदासीनता के चलते धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिसमें सबसे बड़ी लापरवाही विभाग की कर्मचारियों की लगती है कि वह रोड पर दिन में जल रही लाइटों को बंद करने की सुध लेना भूल जाते हैं।
नगरपालिका क्षेत्र के हर वार्डों में दिन भर बिजली की रोड लाइट जलती रहती है। जिसका खर्चा आमजन को भुगतना पड़ता है।गौरतलब है कि नगरपालिका क्षेत्र की रोड लाइटों का बिजली खर्च बिजली उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में नगरीय उपकर के रूप में जोड़कर वसूला जा रहा है।
बिजली की आंखमिचौली व लो वोल्टेज ने बढ़ायी समस्या:-
शहर में बिजली की आंख मिचौली एक बार फिर शुरू हो गयी है। सुबह से रात तक बिजली के आने और जाने का सिलसिला जारी रहता है। बिजली की आंख मिचौली के बीच लो वोल्टेज की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे लोगों की समस्या बढ़ जाती है। विदित हो कि शहरी क्षेत्र में पिछले कई माह से बिजली की आंख मिचौली जारी है। इससे भीषण गर्मी में लोगों का घर में रहना मुश्किल हो जाता है।
आनंद नगर कटरा बस्ती की हालत बहुत ही खराब:-
बिजली विभाग, पुराना डाकखाना वार्ड संख्या 17 के आनंद नगर कटरा की जनता को नहीं मिल रहा है लो वोल्टेज से निजात । पूरी रात बिजली की आंख मिचौली देखने को मिलती है। फ्रिज इनवर्टर और बिजली के उपकरण रोज के रोज फुक रहे हैं। बिजली के दुकानदारों और मिस्तारियों की मांग बढ़ गई है। बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों की उदासीनता से वजह से बिजली का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को भी नहीं मिल पा रही है पूरी बिजली का लोड।
अवर अभियंता और एसडीओ की मदद से लाइनमैन और बिजली विभाग अपनी मनमानी कर रहे हैं और समय पर बिल भरने वाली जनता - उपभोक्ता इस चक्की में पिसती जा रही है ।प्रति माह बिजली का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली कटौती लो वोल्टेज का सामना करना पड़ रहा है।
कटिया कनेक्शन की मदद से बिजली विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों का घर चल रहा है। शासन के आदेश की बिजली विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी धज्जियां सरेआम उड़ा रहे हैं।
जहां एक तरफ शासन कह रहा है जिन का बकाया उनकी बिजली कटौती वही लाइनमैन बिजली देने के नाम पर प्रतिमाह हफ्ता बांधकर वसूली भी कर रहे हैं ।
जिला प्रशासन नहीं ले रहा है संज्ञान :-
बिजली का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज और कटौती का सामना कब तक करना पड़ेगा
बिजली विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों की वजह से बड़े बकायादार मौज कर रहे हैं। इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को गर्मी का सामना आखिर कब तक करना पड़ेगा? डीएम एसपी तथा विद्युत विभाग के अधिकारी रोज के रोज इन व्यवस्था से रूबरू होते हैं पर उनकी संवेदनाएं बिलकुल मर चुकी है।
जहां एक तरफ योगी सरकार कह रही है जीरो टॉलरेंस पर कर रहे हैं काम वही बिजली विभाग योगी सरकार के आदेशों की उड़ा रहा है धज्जिया। अच्छा हुआ बस्ती जिला मुख्यालय में ट्रिपल इंजन नही लगने पाया और नगर पालिका का अध्यक्ष विपक्ष के पाले में चली गई। मीटिंग पर मीटिंग हो रही है।एक महीने में बिजली वैसे ही रो रही है। सड़क गड्ढे से मुक्त नहीं हुआ और सीवर गंदगी पूर्ववत फैली दिखाई देती है।
सड़को की हालत बदतर:-
मरम्मत व देखभाल न होने के चलते अधिकतर सड़कें गड्ढे में तब्दील हो गयी है लेकिन मरम्मत न होने से यह सड़कें बदहाल है। सड़क पर सफर सुविधाजनक होने की जगह कष्टप्रद हो गया है। इन दिनों इन सड़कों की हालत खराब होती गयी और अब यह जानलेवा बन गयी है। कारण कि जगह-जगह पर सड़क टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गयी है और गिट्टियां सड़क पर फैल गयी है। जिससे आए दिन लोग इनमें फंसकर दुर्घटना का शिकार होते हैं। शहर की सड़कों पर चलना दूभर हो गया है। शहर के प्रमुख मार्गों पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। इससे छोटे-बड़े सभी वाहन हिचकोले खा रहे हैं। उबड़-खाबड़ सड़क पर अक्सर कोई न कोई राहगीर दुर्घटना का शिकार बन रहा है। यातायात का दबाव बढ़ते ही परेशानी और बढ़ जा रही है। वाहन चलाने वाले हर व्यक्ति की इसी उधेड़-बुन में रहता है कि सामने और दाएं-बाएं चल रहे वाहनों से सुरक्षित रहे या फिर सड़क पर बने गड्ढों में लड़खड़ाने से बचा जाए। इसी चक्कर में अक्सर वाहनों की भिड़ंत भी हो जा रही है।
ब्लाक रोड और धर्मशाला रोड भी खस्ताहाल :-
शहर को सीधे हाईवे से जोड़ने वाला ब्लाक रोड भी खस्ताहाल हो चुका है। दो किलोमीटर लंबी यह सड़क बड़ेवन से लेकर रौता चौराहे तक जगह-जगह क्षतिग्रस्त होकर गड्ढों में तब्दील हो गई है। इससे बचने के चक्कर में दो पहिया, चार पहिया वाहन सवार अक्सर अनियंत्रित हो जा रहे हैं। इस मार्ग पर बहुत संभलकर यात्रा करनी पड़ रही है। यहीं हाल रौता चौराहा से धर्मशाला मार्ग का भी है। मुख्य बाजार गांधीनगर से जोड़ने वाली यह सड़क कई जगहों पर टूट चुकी है। यहां भी लोगों की सुगम यात्रा नहीं हो पा रही है। रिंग रोड और चार फॉर टू लेन केवल अखबार तक सीमित रह गया है। कलेक्ट्री से जेल रोड, मालवीय रोड जिला अस्पताल कैली रोड ज्यों का त्यों बना हुआ है।कोई सुधार नहीं दिख रहा है। 2024 आने में ज्यादा समय नहीं है। जनता तो हिसाब पूछेगी ही। माननीय कुछ तो करें।रोज के रोज इन नाजुक स्थिति को देखते ही होंगे। मोदी और योगी के नाम का सुरक्षा कवच स्थाई तो है नही। एक भुक्त भोगी परिवार की व्यथा आम मोहल्ले की तरफ से डबल इंजन की सरकार को जानकारी हेतु जन हित में प्रसारित की जा रही है।
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