जैसे घर की सीवर लाइन से एक पाइप ऊपर की ओर गैस निकालने के लिए लगाया जाता है जिसके न होने पर लाइन में गैस का दबाव बढ़ने पर विस्फोट हो सकता है। ऐसे ही मोटर के इंजन से एक इग्ज़ॉस्ट पाइप लगाया जाता है। इंजन में बनने वाली गैसों कि निस्तारण की तरह मानव शरीर में भी गैस निष्कासन प्रणाली होती है। जो आंतों में खाने के पचाने के दौरान बाइप्राडक्ट के रूप में बनती हैं । इन्हें निकलने नहीं देंगे तो कुछ घंटे में ही हम बीमार हो जाएंगे । पाद या फ़ार्ट असल में इंटेस्टाइनल गैस निकालने की प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप खाना पचाया जाता है। ये गैस हमारे पूरे डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में पाई जाती है जिसमें पेट, छोटी आंत, कोलोन और रेक्टम शामिल है।
इंसान इसलिए फ़ार्ट करता है क्योंकि हमारे शरीर में गैस बढ़ती जाती है ।
पाद या गैस बनने का कारण :-
1. दिन भर हमारे शरीर में हवा जाती रहती है. कार्बोनेटेड बेवरेज के ज़रिए या फिर चबाने के दौरान भी।
2. छोटी आंत में बैक्टीरिया का ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाना भी है और इसकी कई वजह हो सकती हैं जिनमें टाइप 2 डायबिटीज़, सेलिआक, लिवर की बीमारी शामिल हैं।
3. जब कार्बोहाइड्रेट पूरी तरह पच नहीं पाते तब ऐसा होता है। तब छोटी आंत में मौजूद एंज़ाइम सारा खाना पचा नहीं पाते। जब कम पचा हुआ कार्बोहाइड्रेट कोलोन या मलाशय में पहुंचता है, तो बैक्टीरिया उस खाने को हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड में बदल देता है। थोड़ी-थोड़ी गैस तो बिना आवाज किये निकलती ही रहती है । जिसका हमें पता ही नहीं लगता । एक साथ बहुत गैस निकले तभी आवाज होती है ।
मानव पाद एक गैर जरूरी हवा होती है ,जो अपने आप खाते-खाते निकल जाते हैं या दूसरी वजहों से फेफड़ों की जगह पेट में चली जाती है । इसके अलावा हम लोगो का खाया खाना जब पचते हुए आंत में पहुंचता है, तो उस पर बैक्टीरिया काम करने लगते हैं । ये बैक्टीरिया हानिकारक नहीं होते, ये हमारे दोस्त होते हैं । उस स्टार्च और शक्कर को पचाते हैं जिसे हमारा शरीर आसानी से नहीं पचा पाता । इस दौरान भी गैस निकलती है !
पादना बुरी आदत नहीं :-
बचपन से.सबको सिखा दिया गया है कि उक्त क्रिया बुरा है तो मान लिया जाता है कि बुरा होता है ।और ऐसा पीढ़ी दर पीढ़ी हुआ है । इसलिए सबने मान लिया है कि पादना बुरा है ,लेकिन सच इससे बिलकुल उलट है ।पादना अच्छी सेहत की निशानी है। ये बताता है कि हम पर्याप्त मात्रा में फाइबर खा रहे हैं और। हमारे शरीर में पाचक बैक्टीरिया की अच्छी संख्या मौजूद है |
मानव पाद में ज़्यादा गंध भी ठीक नहीं :-
पाद वह गैस है जो सबके शरीर में कुछ देर रह कर निकली है ! इसलिए वो यह सेहत का इंडिकेटर भी होती है ! अगर किसीकी पाद बेहद बदबूदार है तो सेहत खराब है, या डाइट पटरी से उतरी हुई है ।यहां बात हाज़मा खराब होने से आगे जा सकती है ।बेहद बदबूदार पाद लैक्टोस एलर्जी (लैक्टोस डेरी उत्पादों में पाया जाने वाला कंपाउंड) की निशानी हो सकती है ।गंभीर मामलों में बात कोलॉन कैंसर तक जा सकती है ।
आवाज़ और बेआवाज़ पाद :-
पादते वक्त गैस की मात्रा और शरीर के पॉश्चर के आधार पर तय होता है पादने में आवाज़ होगी कि नहीं ! तो दोनों तरह की पादें नॉर्मल हैं ! पादने में ये अकेली चीज़ है, जिससे सबकी सेहत से ताल्लुक नहीं है । बस इतना है कि आवाज़ के डर से जो लोग पाद को कंट्रोल करते हैं, उन्हें ज़्यादा देर तक ऐसा नहीं करना चाहिए ।।कभी-कभी शरीर सिर्फ वो हवा बाहर निकाल रहा होता है, जो खाते-खाते शरीर में चली गई तो इसमें हाइड्रोजन सल्फाइड नहीं होती । तो इस तरह की पाद में गंध नहीं होती ये डकार की तरह ही होती है, बस शरीर की दूसरी तरफ से निकल रही होती है ।
गैस या पाद दूर करने के घरेलू उपाय
1.आंवला जूस पीना:-
आंवला में एन्टी-इन्फ्लैमटोरी और एन्टीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं, जो पेट से नुकसानदायक पदार्थों को निकालकर पेट दर्द जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक होता है। एसिडिटी से राहत पाने के लिए खाली पेट आंवला का जूस पीएं। इसमें मौजूद फाइबर आपके पाचन-क्रिया को बेहतर बनाता है और आपको पेट में गैस बनने जैसी समस्या से छुटकारा दिलाता है।
2. एलोवेरा जूस पीना:-
एंटीऑक्सीडेंट्स और औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा जूस पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के साथ-साथ कब्ज की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। इसमें ऐसे एंटी-इन्फ्लैमटोरी गुण होते हैं, जो एसिडिटी और अन्य पेट की समस्याओं के इलाज में कारगर है।
3. सौंफ का सेवन :-
अगर आप लगातार पेट में गैस बनने और एसिडिटी जैसी समस्या से परेशान हैं और आपका पेट फूला हुआ है तो आपके लिए सौंफ का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आप एक कप पानी गर्म में 1 चम्मच सौंफ मिलाकर उसे रातभर छोड़ दें। सुबह इसे छान लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। इसके नियमित सेवन से पेट फूलना, पेट दर्द, एसिडिटी और गैस की समस्या से आपको छुटकारा मिल सकती है।
4. दही का प्रयोग :-
दही एक प्रकार का प्रोबायोटिक होता है जिसे खासकर पेट के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। गर्मियों में रोज दही के सेवन आपके पेट को ठंडा रखता है। इसके सेवन से आप एसिडिटी और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से बच सकते हैं। इसके अलावा दही खाने से पाचन शक्ति मजबूत होने के साथ ही शरीर में खून की कमी और कमजोरी दूर होती है। भूख कम लगने पर भी आप इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं।
5. एप्पल साइडर विनेगर का सेवन :-
एप्पल साइडर विनेगर एसिडिक नेचर का होता है और ये उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। जिन लोगों को खाना पचाने में मुश्किल होती है वो सुबह-सुबह इसका सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी एसिडिटी की समस्या को दूर होगी और डायजेशन में भी मदद मिलेगा।
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