सब परिभाषाएं बदल गई अब सब मर्यादाएं बदल गई।
नहीं रहा मां बाप की इज्ज़त बेटा बेटी हुए अपने मन के।
सास ससुर बने नौकर चाकर आई बहू सब बदल देई।।
सुबह का उठना खत्म हो गया देर से सोना अब चालू है।
साथ साथ बैठ चौके का खाना कहीं कहीं अब लागू है।।
नए नवेले पानी मांगते खाना भी ना खुद बना सके।
कपड़ा लत्ता ना ढंग से पहने फैशन में सब माहिर हैं।।
नया जमाना आ गया भईया पुरानो का अब ठौर नहीं ।
सब परिभाषाएं बदल गई अब सब मर्यादाएं बदल गई।।
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