Friday, January 10, 2020

पण्डित सूर्यदत्त त्रिपाठी कप्तान गंज के प्रथम विकास पुरुष



बस्ती जिले के कप्तानगंज जो रतास नामक एक छोटा सा गांव है , कैप्टन स्तर के एक सैन्य अधिकारी द्वारा स्थापित सैनिक कार्यालय तथा बाजार 1861-62 तक स्थापित हो चुका था । 1865 में यहां तहसील तथा मुंसफी न्यायालय स्थापित हो चुके थे। 1857 की क्रांति को जब अंग्रजों से भलीभांति संभाला तब आगे की सुव्यवस्था के लिए बस्ती तहसील मुख्यालय को 1865 में जिला मुख्यालय घोषित कर दिया गया। फलतः 1876 में कप्तानगंज को तहसील व मंुसफी समाप्त करके हर्रैया में तहसील व मुंसफी बनाई गई । कप्तानगंज तहसील के भवन में वर्तमान थाना बना हुआ है। लगभग 15 सालों तक कप्तानगंज प्रशासन का एक महत्वपूर्ण  प्रशासनिक इकाई के रूप में बना रहा । 109 ग्राम सभाओं/पंचायतों तथा 11 न्याय पंचायतों को समलित करते हुए 2 अक्टूबर 1956 को कप्तानगंज विकास खण्ड का मुख्यालय घोषित किया गया । 1971 ई. में इस विकास खण्ड की जनसंख्या 84,501 रही। इस समय इस विकास द्वोत्र में 222 गांव हैं। पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद कप्तानगंज विकासखंड 1956 में ही अस्तित्व में आ गया लेकिन ब्लाक प्रमुख का चुनाव पहली बार 1965 में हुआ तो उस समय के जनप्रिय नेता पंडित सूर्य दत्त त्रिपाठी जन्म 1 जुलाई 1930 को नकटीदेई बुजुर्ग में हुआ था। वह इस व्लाक के पहले प्रमुख निर्वाचित हुए जो 10 जनवरी 1976 तक अपने तीन कार्यकाल में इस पद पर बने रहे। उनकी हत्या सहकारी समिति के तत्कालीन प्रबंधक श्री अयोध्या सिंह के द्वारा होना कहा जाता हैं। यद्यपि वह बाद में केस से दोषमुक्त भी हो गया था। उनकी हत्या स्थल जो बस्ती फैजाबाद राजमार्ग के दक्षिण था , उस स्थान पर दुबौली दूबे निवासी श्री देवनाथ दूबे ने एक स्मारक स्थल का निर्माण कराया था। अपने कार्यकाल में स्व. त्रिपाठी जी ने इन्दिरा गांधी के 1971 के बांग्लादेश के विजय से प्रभावित होकर 1972 में कप्तानगंज व्लाक मुख्यालय के सामने इन्दिरा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्याालय की स्थापना की थी। उनके छोटे भाई स्व. पं. देवी प्रसाद त्रिपाठी पुण्य तिथि 15 दिसम्बर सच्चे अर्थो में कर्मयोगी थे। उन्होंने हरदिया पूरे अजबी में किसान लघु माध्यमिक विद्यालय की स्थापना व कप्तानगंज में इंदिरा गांधी इंटर कालेज का प्रथम संचालन कर एक मिशाल कायम की। जीवन पर्यत जनहित कार्यो के लिए संघर्ष करना ही उनकी पहचान थी। विद्यालयों की स्थापना कर स्व. सूर्यदत्त त्रिपाठी व देवी प्रसाद त्रिपाठी अपना नाम अमर कर लिये। यदि इन पिछड़े क्षेत्रों में विद्यालयों की स्थापना न हुई होती तो तमाम गरीब तबके के लोग अशिक्षित ही रह जाते। शिक्षा के माध्यम से ही समाज व देश का विकास संभव है क्योंकि शिक्षित व्यक्ति ही समाज व देश की दशा दिशा को सुदृढ़ बनाने के लिए अपना अपूर्णीय योगदान दे सकता है।
इंदिरा गांधी इंटर कालेज के प्रांगण में पूर्व प्रबंधक व पूर्व प्रमुख स्व. त्रिपाठी जी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर विद्यालय परिवार ने श्रद्धांजलि अर्पित की गयी है। गौरव त्रिपाठी पं. सूर्यदत्त के पौत्र हैं तथा स्थानीय भाजपा के नेता है। इनके चाचा राकेश मणि त्रिपाठी वर्तमान में इन्दिरा गांधाी इन्टर कालेज के प्रबंधक है। इसी परिवार में गंगा त्रिपाठी भी हमारे अभिन्न मित्र हुआ करंते थे। जो स्व. देवी प्रसाद जी के सुपुत्र थे। विद्यालय की स्थापना से लेकर लगभग 43 साल की सेवा करके डा. हरिहर पाण्डेय ने 30 जून 2015 को में अपने सहायक अध्यापक श्री अशोक कुमार मिश्र को विद्यालय के प्रधानाचार्य का प्रभार दिये थे। श्री मिश्र जी भी सेवामुक्त होकर गां गायत्री इन्टर कालेज की स्थापना किये है। इस समय इन्दिरा गांधी इन्टर कालेज विद्यालय प्रधानाचार्य श्री सुजीत मिश्रा के नेतृत्व में सकुशल चल रहा है। कप्तानगंज बस्ती के विकास पुरुष तथा शिक्षा के प्रथम पथ प्रदर्शक के पुण्य तिथि पर हम सादर उन्हें सादर श्रद्धा सुमन समर्पित करंते हैं।

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