कांची शंकर मठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का दिल का दौरा पड़ने के बाद बुधवार को निधन हो गया। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि 82 वर्ष के शंकराचार्य ने बेचैनी की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दी। हालांकि, वह लंबे समय से बीमार थे और उन्हें पिछले महीने भी सांस की बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जयेंद्र सरस्वती देश के सबसे पुराने मठों में से एक के प्रमुख थे और वह काफी लंबे समय से इस पद पर आसीन थे। 1994 में वह श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामीगल के बाद इस शैव मठ के 69वें प्रमुख बने थे। कई स्कूलों, नेत्र चिकित्सालयों तथा अस्पतालों का संचालन करने वाले कांची कामकोटि पीठ की स्थापना पांचवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने की थी, तथा जयेंद्र सरस्वती इसी के मौजूदा प्रमुख थे. उन्हें 22 मार्च, 1954 को श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामिगल का उत्तराधिकारी घोषित कर श्री जयेंद्र सरस्वती की उपाधि दी गई थी.
प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति ने व्यक्त किया दुख - मोदी ने कांची मठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि शंकराचार्य ने समाज की अनुकरणीय सेवा की है जिसके कारण वह अनुयायियों के मन-मस्तिष्क में हमेशा जीवित रहेंगे। उपराष्ट्रपति नायडू ने दुख जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि, ''कांची पीठाधिपति जयेंद्र सरस्वती को मेरी श्रद्धांजलि। उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। मानव कल्याण और आध्यात्मिकता के प्रसार में उनका योगदान अन्य लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा।
प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति ने व्यक्त किया दुख - मोदी ने कांची मठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि शंकराचार्य ने समाज की अनुकरणीय सेवा की है जिसके कारण वह अनुयायियों के मन-मस्तिष्क में हमेशा जीवित रहेंगे। उपराष्ट्रपति नायडू ने दुख जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि, ''कांची पीठाधिपति जयेंद्र सरस्वती को मेरी श्रद्धांजलि। उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। मानव कल्याण और आध्यात्मिकता के प्रसार में उनका योगदान अन्य लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा।
अयोध्या में राम मंदिर चाहते थे शंकराचार्य - हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार में अहम रोल निभाने वाले जयेंद्र सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू किया था। जयेंद्र सरस्वती की पहल से मुफ्त अस्पताल, शिक्षण संस्थान और बेहद सस्ती कीमत पर उच्च शिक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय तक संचालित हैं।
विवादों से भी घिरे रहे - 2009 में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और उनके भाई विजयेंद्र समेत 23 आरोपियों को कांचीपुरम स्थित वरदराजपेरुमल मंदिर के मैनेजर शंकररमन की हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। आरोप था कि जयेंद्र के इशारे पर मंदिर परिसर में 3 सितंबर 2004 को उनकी हत्या कर दी गई। 9 साल तक चले कानूनी केस में गवाहों के आरोपियों की शिनाख्त करने में असफल रहने पर अदालत ने 2013 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
दक्षिण भारत का प्रमुख धार्मिक स्थल है कांची मठ
-कांची मठ तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थापित है। यह पांच पंचभूतस्थलों में से एक है। यहां के मठाधीश्वर को शंकराचार्य कहते हैं। यह दक्षिण भारत के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है।
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