उत्तर प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव के दौरान एक बार फिर
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम पर सवाल उठे हैं. कानपुर और मेरठ में कुछ
मतदाताओं ने ऐसी शिकायत की है कि किसी भी पार्टी को वोट देने के लिए बटन दबाने पर
वोट कथित तौर पर भाजपा को जाता है.इस कथित गड़बड़ी को लेकर कानपुर और मेरठ में
मतदाताओं ने प्रदर्शन भी किया. राज्य चुनाव आयोग ने इसे महज अफवाह बताया है, लेकिन
उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला.
पार्षद की झूठ पकड़ में आयी:-यूपी निकाय चुनाव के परिणाम
आने के बाद EVM पर सवाल उठाने वाली सहारनपुर से पार्षद प्रत्याशी शबाना की पोल खुल
गई है. उसने आरोप लगाया था कि उसे एक भी वोट नहीं मिला है. इस बात पर सवाल उठे कि
आखिर उसका और उसके परिवार का वोट कहां गया? शबाना और उसके पति इकराम ने मीडिया में
जब यह सवाल उठाया, तो इसके बाद यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बयान को अपने ट्विटर हैंडल से रिट्वीट कर
हवा दे दी. सच तो यह है कि सहारनपुर जिले से वार्ड नंबर-54 पर पार्षद के पद पर
चुनाव लड़ रही शबाना को जीरो वोट नहीं, बल्कि 87 वोट मिले हैं. उत्तर प्रदेश
इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट में यह पूरा आंकड़ा दर्ज है. उसकी
झूठ सीधे पकड़ में आ गयी है.
बहुजन समाज पार्टी का आरोप भी बनावटी:-उत्तर
प्रदेश के निकाय चुनावों में बीजेपी के
बाद दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ का आरोप लगाया
है। माया इससे पहले 2014 के आम चुनाव के दौरान भी EVM में गड़बड़ी का आरोप लगा चुकी हैं. निकाय चुनाव के परिणामों की बाबत पूछे जाने पर मायावती ने
बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि 2019 के लोकसभा चुनाव बैलट पेपर पर होते हैं
तो उनकी पार्टी सफाया कर देगी। मेरठ और अलीगढ़ में यह गड़बड़ी क्यों नहीं हुई जहां
बीएसपी उम्मीदवार विजयी रहा है ? सच तो यह है कि ये जनता को भ्रम में डालकर पार्टियां
अपनी साख इस बहाने बचाकर अपने समर्थकों का मनोबल बनाने के लिए करती है, पर यह सब पार्टियों
की सोची समझी रणनीति होती है. इस कुप्रचार से उनके वोटर विखरने से बच जाते हैं.
केंद्रीय मंत्री की सफाई
:-केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का यह बयान उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के बाद विपक्षी दलों
द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ का आरोप लगाने पर तंज करते
हुए आया. इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘हर दिन बीतने के साथ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, इसलिए ईवीएम मशीनें उनके
(विपक्ष) के पक्ष में कभी नहीं जाने वाली हैं.’ गुजरात चुनाव को लेकर जितेंद्र
सिंह ने कहा कि कांग्रेस जमीनी हकीकत को समझने में चूक रही है, ऐसे में वह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जितना असम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रही है,
उससे भाजपा को फायदा होने जा रहा है.
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