महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए
रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने
"स्वच्छ भारत" का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक
एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। समग्र स्वच्छता अभियान शासन द्वारा
चलाया जाने वाला माँग आधारित एवं समुदाय केन्द्रित अभियान है। इस अभियान के द्वारा
सभी क्षेत्रों में रहने वाले सभी वर्ग, धर्म, सम्प्रदाय के लोगों के स्वास्थ्य एवं
जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए, लोगों की आर्थिक स्थिति के अनुसार विभिन्न प्रकार
के शौचालय विकल्प उपलब्ध कराये जाते हैं। इस कार्यक्रम का जोर एक सुदृढ़ एवं प्रभावकारी
शिक्षा, सूचना एवं संप्रेषण प्रणाली के माध्यम से स्वच्छता सुविधाओं की माँग उत्पन्न
कर, स्वच्छता सुविधाओं की उत्पन्न माँग के लिए सामाजिक विपणन (Social Marketing) उत्पादन
केन्द्र तथा ग्रामीण स्वच्छता केन्द्र के द्वारा सुदृढ़ वितरण प्रणाली द्वारा स्वच्छता
एवं स्वास्थ्य शिक्षा को गतिवर्धित करना है। महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न
को पूरा करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी- बाहरी वेबसाइट जो एक नई
विंडो में खुलती है ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान- बाहरी वेबसाइट जो एक
नई विंडो में खुलती है शुरू किया और इसके सफल कार्यान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों
से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। इस अभियान का उद्देश्य अगले पांच वर्ष में स्वच्छ
भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है ताकि बापू की 150वीं जयंती को इस लक्ष्य की प्राप्ति
के रूप में मनाया जा सके। स्वच्छ भारत अभियान- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती
है, सफाई करने की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित
करता है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा मृदला सिन्हा, सचिन तेंदुलकर, बाबा रामदेव, शशि
थरूर, अनिल अम्बानी, कमल हसन, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा और तारक मेहता का उल्टा
चश्मा की टीम जैसी नौ नामचीन हस्तियों को आमंत्रित किया गया कि वह भी स्वच्छ भारत
अभियान में अपना सहयोग प्रदान करें, इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें और अन्य
नौ लोगों को भी अपने साथ जोड़ें, ताकि यह एक श्रृंखला बन जाएं। आम जनता को भी सोशल
मीडिया पर हैश टैग #MyCleanIndia लिखकर अपने सहयोग को साझा करने के लिए कहा गया।. मेरी
सरकार- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है ने एक ऐसा रचनात्मक और सहयोगात्मक
मंच प्रदान किया है जो राष्ट्रव्यापी आंदोलन की सफलता सुनिश्चित करता है। यह मंच प्रौद्योगिकी
के माध्यम से नागरिकों और संगठनों के अभियान संबंधी प्रयासों के बारे में जानकारी प्रदान
करता है। कोई भी व्यक्ति, सरकारी संस्था या निजी संगठन अभियान में भाग ले सकते हैं।
इस अभियान का उद्देश्य लोगों को उनके दैनिक कार्यों में से कुछ घंटे निकालकर भारत में
स्वच्छता संबंधी कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह राष्ट्रीय स्तर का अभियान
है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना है। महात्मा गांधी
ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को
एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद एवं इसके सभी विज्ञान
केन्द्रों/संग्रहालयों में 16-30 अप्रैल 2017 के दौरान स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया
गया है। आज से आंचलिक विज्ञान नगरी में स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता पखवाड़े
का आरंभ हुआ. अनेक गतिविधियाँ की गई. पाठाशालाओ के बच्चो के लिए चित्रकला प्रतियोगिता
का आयोजन किया गया जिसका विषय हमारे सपनो का स्वच्छ भारत था. आंचलिक विज्ञानं नगरी
के सभी कर्मचारियों व अधिकारीयों ने इस अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लिया ओर आँगन में सफाई
भी की. साथ साथआज विज्ञानं नगरी की कार्यशाला में भी खूब साफ सफाई हुई. स्वच्छता पखवाड़े
का आगाज शानदार रहा.
भारत
सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा स्मारकों से 300 मीटर की दूरी को पालिथिन से मुक्त
रखने के लिए विशेष स्वच्छता पखवाडा अभियान 16 सितम्बर से 30 सितम्बर 2017 के मध्य चलाया
गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से जन जागरूकता का कार्यक्रम भी चलाया गया आगरा मण्डल
में तीन विश्व धरोहरों तथा लगभग एक दर्जन राष्ट्रीय स्मारकों पर विशेष स्वच्छता अभियान
चलाया गया है। कार्यालयाध्यक्ष अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. भुवन विक्रम के कुशल निर्देशन
में अधिकारियों और कर्मचारियों ने विभिन्न संस्थाओं व संगठनों के सहयोग से खूब बढ़चढ.कर
भाग लिया है। इस कार्य में सफलता व सराहना भी मिली।
सभी उप मंडल
के प्रभारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि प्रति दिन की विशेष सफाई अभियान की
फोटो सहित रिपोर्ट भी मंडल कार्यालय को भेजी जाय। यद्यपि इस अभियान में कार्यालय कर्मियों
का समय अवश्य जाया जाता है। अपेक्षाकृत परिणाम उतने सकारात्मक नहीं मिलते हैं परन्तु
स्मारक पर विशेष सफाई अभियान चलाने से न केवल पर्यटकों अपितु उस क्षेत्र के निवासियों
में स्वछता के प्रति जागरुकता तथा गन्दगी को सही जगहों पर डालने की प्रेरणा अवश्य मिलती
है। यही इस अभियान की विशेष सफलता का सबसे सकारात्मक पहलू है। निश्चय ही भारत सरकार
का प्रधानमंत्री तथा संस्कृति मंत्रालय धन्यवाद के पात्र हैं। इस कार्य में सफलता व
सराहना भी मिली। विगत तीन साल से संस्कृति मंत्रालय के अधीन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
ने वर्ष में हर दो तीन महीने के अन्तराल पर इस प्रकार के आयोजन विश्वस्तरीय तथा ऐतिहासिक
स्मारकों पर आयोजत करता आ रहा है। इसका व्यापक प्रचार प्रसार देखने को मिलता है। इन
स्मारकों पर विश्व के अनेक देशों के नागरिक भारी मात्रा में आते हैं वे भारत के इस
मुहिम को देखते हैं और अनुभव भी करते हैं। इससे और अधिक प्रभावोत्पदक माध्यम और कोई
दूसरा माध्यम नहीं हो सकता है। विगत तीन साल से संस्कृति मंत्रालय के अधीन भारतीय पुरातत्व
सर्वेक्षण ने वर्ष में हर दो तीन महीने के अन्तराल पर इस प्रकार के आयोजन विश्वस्तरीय
तथा ऐतिहासिक स्मारकों पर आयोजत करता आ रहा है। इसका व्यापक प्रचार प्रसार देखने को
मिलता है। इन स्मारकों पर विश्व के अनेक देशों के नागरिक भारी मात्रा में आते हैं वे
भारत के इस मुहिम को देखते हैं और अनुभव भी करते हैं। इससे और अधिक प्रभावोत्पदक माध्यम
और कोई दूसरा माध्यम नहीं हो सकता है।
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