आगरा।
यमुना सत्याग्रही पं. अश्विनीकुमार मिश्रा के निर्देशन तथा
गुरू वशिष्ठ सेवा समिति के बैनर तले
आदरणीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के आगरा
नगर के प्रथम आगमन
के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री
जी का अभिनंदन किया
जाएगा। मां यमुना पर समाज तथा
सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न
प्रकार के केमिकल तथा
एसिड अटैक की वेदना तथा
यमुना की बदहाली दिखाने
के लिए हाथीघाट आगरा पर एक विशेष
कार्यक्रम का आयोजन किया
जा रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी को व्यक्तिगत
रुप से इस कार्यक्रम
में शिरकत करने के लिए फैक्स
तथा ईमेल किया जा चुका है
और उसकी प्रति जिलाधिकारी आगरा को सूचनार्थ प्रदान
कर दी गयी है।
यदि किसी हालत में माननीय मुख्यमंत्री जी समय ना
निकाल सके तो उनके चित्र
के सामने समिति के सदस्य अपनी
वेदना तथा संकल्पना व्यक्त करेंगे। जिस प्रकार से गुरु द्रोणाचार्य
की प्रतिमा का आश्रय लेकर
एकलब्य ने धनुर्विद्या सीखी
थी। ठीक उसी प्रकार से यमुना पे्रमी
अपने प्रदेश के मुखिया व
संरक्षक माननीय मुख्यमंत्री जी को अपनी
वेदना व संकल्पना व्यक्त
करेंगे।
यह
समिति विगत दो दशकों से
यमुना शुद्धीकरण तथा निर्मल प्रवाह के लिए समर्पित
है। बलकेश्वर घाट का जीर्णोद्धार भी
पहले कराया जा चुका है।
आगरा की सत्तर प्रतिशत
जनता मां यमुना की इस वेदना
के प्रति संवेदनशील है। समिति पा्रकृतिक जल स्वच्छता, हरियाली,
विसर्जन प्र्िरकया, मां यमुना की अविरलता, निर्मलता,
शुद्धता के साथ प्राचीन
जलश्रोतों, सहायक नदियों, तालाब, झील, कुंआ, बरसाती नाले आदि को पुनः जीवित
करने के लिए प्रयासरत
है। माननीय मुख्यमंत्री जी प्रदेश में
घटित होने वाली छोटी से छोटी घटना
पर स्वतः संज्ञान लेते हुए द्रुत गति से कार्यवाही के
निर्देष देते रहते हैं।
गोल्डी काइरोनोमस
माननीय
मुख्यमंत्री जी के निर्देशन
में प्रदेश का विगत दशको
से सुसुप्त प्रशासन में नयी जान आ गयी है।
इसी प्रत्याशा में आगरा वासी माननीय मुख्यमंत्री जी से वहुत
आशा लगाकर बैठे हैं। जो यमुना मां
के उद्धार के लिए कुछ
ना कुछ कार्यवाही अवश्य करेंगे। मां यमुना पर एसिड प्रहार,
मलमूत्र, सीवर तथा नालों का बहाव सीधा
प्रवाहित,कर तथा सभी
प्रकार के कूड़े करकट
डालकर मां यमुना के अस्तित्व के
लिए संकट उत्पन्न हो गया है।
हमारे उच्च न्यायालय मां को जीवन्त प्राणी
की मान्यता देकर सरकारों का मार्ग निर्देशन
कर रही हैं। इसके वावजूद यह शुद्ध़ीकरण प्रक्रिया
में कोई प्रगति ना हो पाना
घार्मिक मानवीय तथा कानूनी रुप से दोष पूर्ण
है। इससे ना केवल जन
मानस जीव जन्तु बल्कि ताज महल जैसे एतिहासिक स्मारक भी बुरी तरह
से कीड़ों के प्रभाव में
आकर क्षरण की तरफ बढ़
रहे हैं। यदि यमुना में पर्याप्त स्वच्छ तथा निरन्तर जल प्रवाहित होता
रहे तो काफी हद
तक समस्या से निजात मिलने
की संभावना होगी।
बहुत ही उत्तम कार्य , आगरा की जनता के लिए |
ReplyDelete