Tuesday, April 18, 2017

बस्ती के सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सचिव और विधायक का छापा : डा. राधेश्याम द्विवेदी


ट्रेन के टाइमिंग के हिसाब से आते हैं डॉक्टर और नर्स:-बस्ती। यूपी की योगी सरकार जबरदस्त एक्शन में है. एक तरफ सीएम योगी आधी रात अधिकारों के साथ बैठक कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके मंत्री भी एक्शन में दिख रहे हैं. यूपी सरकार के मंत्री, सचिव और विधायक लगातार सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल इस कदर बेहाल हो चुका है कि अब डॉक्टर और कंपाउंडर गरीब मरीजों का इलाज अस्पताल के फर्श पर ही लिटाकर कर रहे हैं और उन्हें फर्श से ही रेफर कर दे रहे हैं। दरअसल, संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर देने वाला मामला कप्तानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की हैं। जहां पर तैनात डॉक्टर विनोद मरीजों के साथ बेहद ही असंवेदनशील रवैये से पेश आते हैं।
स्वास्थ्य सचिव का निरीक्षक:-सेहत को लेकर गंभीर योगी सरकार के इरादों को परवान चढ़ाने प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव सोमवार को जिला अस्पताल का जायजा लेने पहुंचीं । यहां उनका सामना हकीकत से हुआ तो नाराज हो गईं। हर तरफ अव्यवस्था को देखकर एसआईसी को नसीहत देने के साथ सीएमओ को व्यवस्था में सुधार लाने की चेतावनी भी दीं।स्वास्थ्य का मुद्दा प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है। इसे लेकर तमाम निर्देश जारी किए जा रहे हैं। सोमवार दोपहर जिला अस्पताल के हालात को जांचने प्रदेश की सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा बी हेकाली झीमोमी, निदेशक संचारी डॉ. बद्रीविशाल के साथ पहुंच गईं। उनके आने की सूचना होते ही व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई थी लेकिन सच छुपा नहीं सके। स्वास्थ्य सचिव सबसे पहले  चिल्ड्रेन वार्ड में पहुंची जो खचाखच भरा था। सभी मरीजों को दवा आदि दी जा रही थी। यहां निरीक्षण के बाद वे दूसरे तल पर जाने लगीं। उन्हें बताया गया कि ऊपर स्टोर है, बावजूद इसके दरवाजा खोल दूसरे तल पर पहुंच गईं। पीछे पूरा अमला भी चल पड़ा। यहां पहुंचते ही सच्चाई स्वास्थ्य सचिव के सामने  आ गई। चारों ओर टूटी कुर्सियां, चारपाई व अन्य सामान बिखरे मिले। तत्काल उन्होंने बंद कमरे को खुलवाने का निर्देश दिया। एसआईसी डॉ. आलोक शुक्ल पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएमओ को निर्देश दिया कि व्यवस्था में यदि एसआईसी सटीक नहीं बैठ रहे हैं तो तत्काल इन्हें हटा दिया जाए। करीब आधा घंटे तक निरीक्षण के दौरान खामियों पर नाराजगी जतातीं रहीं। इस दौरान उन्हें बताया गया कि ऊपरी तल के इस वार्ड का संचालन करने में कर्मियों की कमी बाधा बनी हुई है। सचिव के कई सवालों का उत्तर दे पाने में एसआईसी नाकाम रहे।
विधायक का निरीक्षक :-यूपी की योगी सरकार जबरदस्त एक्शन में है. एक तरफ सीएम योगी आधी रात अधिकारों के साथ बैठक कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके मंत्री भी एक्शन में दिख रहे हैं. यूपी सरकार के मंत्री और विधायक लगातार सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं.सोमवार को जब एक बीजेपी विधायक बस्ती के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां उन्हें पता चला कि ट्रेन की टाइमिंग के हिसाब से डॉक्टर और नर्स अस्पताल में आते हैं. कप्तानगंज के बीजेपी विधायक चंद्रप्रकाश शुक्ला जब सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां उन्हें 37 कर्मचारियों की जगह पर केवल तीन कर्मचारी मौके पर मौजूद मिले. उसी समय विधायक महोदय से किसी मरीज ने शिकायत कर दी थी उन्हें बाहर से दवा खरीदने के लिए कहा जाता है. जब इस बारे में डॉक्टर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाहर से दवा मंगवाना उनकी मजबूरी है.डॉक्टर की इस दलील का विधायक कोई जवाब नहीं दे पाए, लेकिन उसी समय उन्होंने एलान कर दिया कि कुछ लोगों पर गाज गिरेगी. सरकारी अस्पताल की जांच में जो सबसे दिलचस्प जानकारी सामने आयी है, वह ये कि वहां ट्रेन के आने जाने के हिसाब से ड्यूटी ऑवर तय होता है.

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