पूर्व मंत्री रामकरन आर्य को उम्र कैद की सजा
(बस्ती व्यूरो प्रमुख डा. राधेश्याम द्विवेदी)
बस्ती : करीब
22 वर्ष पुराने बहुचर्चित शंभू पाल हत्याकांड में अभियुक्त सपा सरकार में मंत्री रहे रामकरन आर्य को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। आजीवन कारावास के साथ कोर्ट ने आर्य पर 23 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस ने पूर्व मंत्री राम करन आर्य को हिरासत में लिया।।
पुलिस ने तत्काल पूर्वमंत्री को हिरासत में लेकर जिला कारागार भेज दिया इसके साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पुंडीर ने नामजद बाकी सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया है। जेल जाते समय पूर्व मंत्री आर्य ने खुद को निर्दोष बताते हुए ऊपरी अदालत में अपील दाखिल करने की बात कही है। 24 नवंबर 1994
को दोपहर करीब 12 बजे फव्वारा तिराहे पर भरवलिया निवासी शंभू पाल की गोली मारकर हत्या की गई थी। इसमें राज्य मंत्री रामकरन आर्य सहित 11 लोग आरोपी थे। कांग्रेस पार्टी से तत्कालीन सदर विधायक जगदंबिका पाल (वर्तमान में डुमरियागंज के भाजपा सांसद) के परिवार से जुड़े सदस्य की हत्या को लेकर सूबे की सियासत में हलचल मच गई थी। मुकदमे में अभियोजन पक्ष की सुनवाई 2012
में पूरी होने के बाद विभिन्न कारणों से सुनवाई में देरी होती रही। इससे क्षुब्ध होकर पीड़ित पक्ष उच्च न्यायालय जा पहुंचा। इस पर हाईकोर्ट ने तीन महीने के अंदर मुकदमे को निस्तारित करने का आदेश दिया। बाद में हाईकोर्ट ने इस केस में रोजाना बहस कराने का निर्देश दिया ।
भाजपा के वर्तमान सांसद जगदंबिका पाल के चचेरे भाई भरवलिया गांव निवासी शंभूपाल की 24 नवंबर 1994 को शहर के सुभाष तिराहा स्थित गांधी कला भवन के सामने दिन में 12 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय नगर पूरब से विधायक रहे रामकरन आर्य ने अपने गनर की बंदूक छीन कर शंभूपाल को गोली मारी थी। घटना के समय शंभू पाल वाल्टरगंज में आयोजित किसान गोष्ठी में शामिल होने के लिए जीप से जा रहे थे। सुभाष तिराहा पर रामकरन आर्य के वाहन में शंभूपाल की जीप से पीछे से ठोकर लग गई थी।इसी बात पर दोनो पक्ष में कहा सुनी हुई और बात बढ़ गई। इसके बाद दोनों में विवाद हो गया, जिसकी परिणति शंभू पाल की हत्या के रूप में हुई।
राम करन आर्य ने विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को राक्षस तथा कांग्रेस को छोटा शैतान कहा था। मंत्री रामकरन पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि आने वाले चुनावों में जो हमें वोट नहीं देगा वो हमारा सगा नहीं है। उन्होंने कहा था, पोलिंग के दिन जो भी कार्यकर्ता बूथ पर खड़ा होकर मुलायम और अखिलेश को वोट देगा, वहीं उनका सगा है। बेटी देना और बेटी लेना कोई रिश्तेदारी नहीं है।
हत्या के मामले में बस्ती जनपद निवासी एवं पूर्व मंत्री रामकरन आर्य को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पुंडीर ने सोमवार को आजीवन करावास की सजा सुनाई है। मामले में आठ अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। एक आरोपी की मुकदमा के दौरान मौत हो गई।तब से इस मामले की सुनवाई चल रही थी। सोमवार को दोपहर बाद एक बजे फैसला सुनाने का समय आया तो इसे देखने और सुनने भारी भीड़ कोर्ट के बाहर जमा हो गई। बस्ती की दीवानी अदालत में इस मामले की पैरवी स्व.शम्भू पाल के पुत्र शिव बहादुर पाल ने की थी। आज फैसला आने के बाद शिव बहादुर पाल ने कहा कि पिता शम्भूपाल की हत्या की सजिश रचने के आरोप में पूर्व मंत्री रामकरन आर्य को आजीवन कारावास की सजा के बाद से अब कुछ हलका महसूस कर रहा हूं। शिव बहादुर से साथ इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण भी थे।
राम करन आर्य सपा सरकार में आबकारी एवं खेलकूद राज्य मंत्री रहे। वर्ष 2017 का विधान सभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़े और बुरी तरह चुनाव हार गए। वह चार बार विधायक और दो बार सपा सरकार में मंत्री रहे। 1889 में वह इसी सीट से जनता दल के टिकट पर लड़कर जीते थे। इसके बाद वह फिर 1993 में सपाई बन गए और चुनाव जीत गए। वर्ष 2002, 2012 में वह सपा के टिकट पर लड़े और जीते। राम करन आर्य, उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा सभा में विधायक और सपा सरकार में मंत्री थे। 2012 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की बस्ती के महादेवा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था।
No comments:
Post a Comment