आगरा से खेरागढ़ अजमेर मार्ग के उत्तर
पूर्व कुतलुपुर मोहल्ले के निकट 570 फिट भुजा वाले एक बर्गाकार मैंदान में बड़ा ईदगाह
मस्जिद स्थित है। इसे शाहजहां ने 1676 ई. में 40 दिनों में बनवाया था। मस्जिद 159 फिट
लम्बा तथा 40 फिट चैड़ा है। यह लाल बलुए पत्थरों से निर्मित है। यहां साल में दो बार
ईद की नमाज पढ़ी जाती है। परिसर के चारों कोनों में छतरियां बनी हुई हैं। इस मस्जिद
की मुख्य दीवाल 6 स्तम्भों पर टिककर 5 या 7 ऊंचे क्रास सेप मेहराब वाले जालियों से
युक्त है। मस्जिद के प्रत्येक कोनों पर एक एक अष्टभुजाकार मीनारे व बुर्जियां बनी हुई
हैं। सामने का केन्दीय प्रवेशद्वार 23 फिट 9 इंच चैड़ा बाहय भाग है। इसका किबला बहुकोणीय
शिखर का है जो अन्दर 26 फिट चैड़ा तथा 12 फिट गहरा है। इसका ताज या वाहय पिछला छज्जा
4 फिट बढ़ा हुआ है। इसकी लम्बाई 14 फिट 3 इंच है। इसके बहुकोणीय किबला का बहुकोणीय शिखर
में 3 आले या खाने बने हुए हैं जो संख्या में 6 हैं। बीच वाले में 3 अष्टभुजाकार तथा
दो वर्गाकार खाने हैं। सामने की दीवाल 9फिट 3 इंच मोटी है। ताज के छज्जे के प्रत्येक
कोने पर या पश्चिमी तरफ एक पतला नाल या दण्ड है उसके ऊपर एक सुन्दर बुर्जी बनी हुई
है। इन दोनों नालों पर गुलदस्ता बना हुआ है जो अपने बुर्जियों के कारण बहुत स्पष्ट
दूर से ही दिखाई देती हैं।
रामपुर के नबाब काल्व ई अली खां के द्वारा
इसका पुनरुद्धार 1876 ई. में हुआ है। 1940 ई. में इसके उत्तरी भाग का मरम्मत केन्द्रीय
लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया गया है। 32 फिट लम्बे छत के मरम्मत में 11, 574 रुपये
लगे थे। इस स्मारक पर चहारदीवारी नहीं लगी है। सामने बाहर खुला मैदान है। पास में कसाइयों
की बस्ती होने के कारण स्थानीय लोग यहां कूड़ा फेंककर गंदगी फैलाते हैं। यहां अनधिकृत
रुप से पशु बाजार भी लगता हैं जिससे पुरातत्व के नियमों का खुला उलंघन होता है। इसको
लेकर बीते साल मुस्लिम समाज ने तीखा विरोध जताया था और बाउंड्री कराने की मांग उठाई
थी। तब प्रशासन ने इस पर विचार का आश्वासन दिया था। परंतु इसके बाद से अब तक बाउंड्री
का निर्माण नहीं हो पाया और मुस्लिम समाज लगातार धरना- प्रदर्शन कर रहा है और डीएम
आवास का घेराव भी किया था। सूत्रों के मुताबिक ईदगाह मस्जिद संरक्षित स्मारक की श्रेणी
में है। इसके चलते बाउंड्री को लेकर अभी मामला लटका हुआ है। फिलहाल प्रशासन के द्वारा
इसके लिए सबसे पहले ईदगाह के बाहर हाईमास्ट लाइटें लगवाई गई हैं, जिससे रात के समय
मैदान में रोशनी रहती है। साथ ही मैदान की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाने पर
भी विचार हो रहा है। इन कैमरों से 24 घंटे निगरानी रख गंदगी फेंकने वालों को चिन्हित
किया जाने की बात कही जाती है।
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