श्री
हनुमानजी का
जन्म तथा यमुना चुनरी मनोरथ महोत्सव का भव्य कार्यक्रम आयोजित
डा. राधेश्याम द्विवेदी
आगरा । यमुना शुद्धीकरण संचेतना महाभियान के अन्तर्गत गुरु वशिष्ठ मानव सर्वांगीण
विकास सेवा समिति के तत्वावधान में आज दिनांक 11 अप्रैल 2017 को यमुना सत्याग्रही पंडित अश्विनीकुमार मिश्र की अध्यक्षता
में श्री हनुमान जन्मोत्सव तथा यमुना चुनरी मनोरथ महोत्सव आयोजित किया गया । चूंकि
यमुना में जल की मात्रा नगण्य है इस लिए रामघाट यमुना किनारा के लक्ष्मी नारायण मन्दिर
निकट काल भैरव मंदिर श्मसान घाट ताजगंज आगरा पर एक विशाल तथा अपने ढंग का प्रथम कार्यक्रम
आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर निगम आगरा के पर्यावरण अभियनता
श्री संजीव प्रधान सपत्नीक सहभागी रहे। कार्यक्रम की स्थानीय व्यवस्था श्री राजकुमार
चतुर्वेदी (राजू भाई) के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। हनुमानजी
को शिवावतार अथवा रुद्रावतार भी माना जाता है। रुद्र आँधी-तूफान के अधिष्ठाता देवता
भी हैं और देवराज इंद्र के साथी भी। विष्णु पुराण के अनुसार रुद्रों का उद्भव ब्रह्माजी
की भृकुटी से हुआ था। हनुमानजी वायुदेव अथवा मारुति नामक रुद्र के पुत्र थे।'हनुमान'
शब्द का ह ब्रह्मा का, नु अर्चना का, मा लक्ष्मी का और न पराक्रम का द्योतक है।
आज हनुमानजी का प्रकटोत्सव भी है इस कारण उन्हें श्रद्धा के साथ स्मरण
करते हुए
इस कार्यक्रम में हनुमान जी का जन्मोत्सव भी आयोजित
किया गया।
गुरु वशिष्ठ मानव सर्वांगीण विकास सेवा
समिति ने
यमुना किनारा के
लक्ष्मी नारायण मन्दिर राम घाट पर विधि-विधान से दूध, फूल, मिष्ठान से यमुना
जी
की पूजा अर्चना की। भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी यमुना महारानी का प्राकट्योत्सव मंगलवार
को धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य यमुना महारानी
का दुग्धाभिषेक किया गया और चुनरी ओढ़ाई गई। महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर भव्य शोभायात्रा
निकाली । यमुना महारानी का चुनरी मनोरथ भी मनाया गया। इस अवसर पर भक्तों ने नावों पर
सवार होकर यमुना महारानी को चुनरी ओढ़ाई। राम
घाट पर यमुना महारानी की पूजा अर्चना और दुग्धाभिषेक की भक्तों की होड़ लगी रही। यमुना सत्याग्रही पंडित अश्विनीकुमार
मिश्र व
भक्तों ने यमुना महारानी का अभिषेक किया। पंडित
जी ने बताया कि इस चुनरी मनोरथ का उद्देश्य सभी लोगों
को आज की सबसे बड़ी समस्या यमुना प्रदूषण के प्रति जागृत करना है। इस अवसर पर विद्वानों तथा यमुना प्रमियों
ने अपने अपने विचार भी व्यक्त किये। लोगों ने यमुना में अविरल जल धारा प्रवाह करने,
इसमें गन्दे नालों को रोकने, बारहों महीने पर्याप्त जल की उपलब्धता बनाये रखने तथा इसे नदी मात्र ना मानकर मां के समान महिमा
मण्डित करने का आहवान किया तथा सरकार और उपस्थित जनसेवियों से इस पावन
कर्तव्य को पूरी इमानदारी से निभाने का भी आहवान किया गया। इस अवसर पर यमुना शुद्धीकरण विषयक
एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने यमुना के प्रदूषण पर अपनी बात
रखी। आगरा में अपने ढ़ंग के इस विशिष्ट कार्यक्रम में कलश पूजन, यमुना पूजन, 5100 थालियों
का दीपदान तथा यमुना महाआरती तथा प्रसाद वितरण का भव्य आयोजन किया गया । यमुना सत्याग्रही
पंडित अश्विनीकुमार मिश्र जी ने लागों को अधिक से अधिक मात्रा में आयोजन में भाग लेने
पर धन्यवाद दिये और आभार व्यक्त किये। इस विशिष्ट आयोजन में पं. बालबोध मिश्र,
आचार्य गोविन्द दूबे, डा. राधेश्याम द्विवेदी, ओम प्रकाश शर्मा, मक्खन लाल, राजीव खण्डेलवाल,धीरज
मोहन सिंघल, हजारी लाल, लक्ष्मी नारायण (पहलवान) मुकेश शर्मा एडवोकेट, बजरंगी लाल,
सुधीर पचैरी, नरेन्द्र जी, अजय अवस्थी, सूरेश शुक्ला (तैराक), राजेश यादव, राम भरत
उपाध्याय, साधूलाल जी, बंगाली मल, शैलेष पाठक, निर्भय कुमार तलवार, राजेश शुक्ला, सुन्दर लाल अग्रवाल,
एल. डी. वशिष्ठ, लक्ष्मी नारायण हलवाई,चन्दन सिंह फूलवाले,शैलेन्द्र शर्मा, अनुपम घूमस,
श्रीमती मनोरमा छावड़ा, कु. गौरी चतुर्वेदी, तथा अंजू आदि उपस्थित थे।
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