बस्ती
जनपद के स्वनामधन्य साहित्यकार डा. मुनिलाल उपाध्याय ‘सरस’जी ने ‘बस्ती के छन्दकारों का साहित्यिक योगदान’ भाग
2 के पिछले क्रम की कड़ी में चयनित प्रथम अध्याय आदि चरण के 14 तथा द्वितीय अध्याय
मध्य चरण के 11 छन्दकारों के नामों का उल्लेख किया है। तृतीय अध्याय से सम्बिन्धित
छन्दकारों का परिचय तथा उनका काव्य वैशिष्ट्य इस भाग दो की पुस्तक का वर्ण विषय बना
है। इसे तृतीय मध्योत्तर चरण भी कहा जाता है। इसमें 20 छन्दकारों का विशद तथा 18 छन्दकारों
का अति संक्षिप्त परिचय दिया गया है। इन छन्दकारों की अपनी छोटी मोटी कृतियां ही उपलब्ध
हो पायी हैं। अधिकांशतः अप्रकाशित और डायरी आदि में सीमित रह गयी हैं, जो निरन्तर खत्म
होती जा रही हैं या खत्म हो चुकी हैं। उन्होने अपने अनेक तरह के सहयोगियों के सहयोग
तथा अनेक व्यक्तिगत यात्राओं के दौरान ये सूचनायें एकत्र की हैं। इसे अपने शोध प्रवन्ध
में सूचीबद्ध करके सरस जी ने इन छन्दकारों की काव्य कीर्ति को अमर बना दिया है। ईश्वर
की विडम्बना देखिये कि लगभग एक शतक ज्ञात अज्ञात कवियों को धरातल पर अमर करने वाले
उस महान सपूत की स्मृति को चिरस्थाई बनाने का एक भी दीपक मुझ अकिंचन को दिखाई नहीं
पड़ रहा है। समाज अपने व्यक्गित समस्याओं में इतना मशगूल है कि अपने पूर्वजों के प्रयासों
व कृत्यों को साल में एक दो बार भी स्मरण करने की अपनी क्षमता नहीं बना पा रहा है।
क्या विना अतीत की बुनियाद के वर्तमान का महल स्थाई हो सकता ? हमें अपने अंतःकरण में
इसे ना केवल सोचना चाहिए, बल्कि आगे बढ़कर करना भी चाहिए। वरना हम भी कीट पतंगों की
तरह कब इध धरा से हमेशा- हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगें और कोई नाम लेने वाला भी नहीं
मिलेगा। स्वनाम धन्य डा. सरस जी के विशाल कार्यों पर धूल हटाने को सोचकर हमने आज के
हाईटेक युग के शोध के सर्व सुलभ आधार गूगल तथा इन्टरनेट को जब आधार बनाकर कुछ करना
चाहा तो कहीं एक भी सूत्र दिखाई नहीं पड़ा है। इस कालखण्ड के सभी 38 छन्दकारों में केवल रामदेव सिंह ‘कलाधर’ तथा पं. मोहन प्यारे
द्विवेदी ‘मोहन' नामक केवल दो ही छन्दकारों के एकाध रचनायें ही दिखाई पड़ी हैं इससे
तो कोई मजबूत नींव तो बन नहीं सकती हैं। अन्य श्रोतों को खगालने के लिए पर्याप्त समय
, संसाधन तथा अनुकूल स्वास्थ्य व उत्साह भी होना चाहिए। मुझे नहीं पता कि मैं इस दिशा
में कितना चल पाऊंगा या इस संसार के अन्य जीवों की तरह मैं भी कुछ समय अपना काटकर हमेश
हमेशा के लिए अस्तित्वविहीन हो जाऊंगा। खैर! आज हम अपने को जिस हालत में रख पा रहे
हैं, उसके हिसाब से इन 38 छन्दकारों के नामों
का उल्लेख यहां कर देना अपना धर्म समझता हूं। विज्ञ और विस्तृत अध्ययन के लिए सरसजी
के प्रबन्ध को आधार बनाया जा सकता है। इन साहित्यकारों ने मूल रुप से खड़ी बोली को तो
अपनाया ही है साथ ही ब्रज अवधी तथा भोजपुरी की त्रिवेणी को भी रसास्वादित किया है।इस
त्रिवेणी के अध्येताओं को सादर नमन करते हुए उनके नामों का उल्लेख करने की धृष्टता
कर रहा हूं।
प्रमुख
छन्दकार
1.
श्री भास्कर प्रसाद ‘भास’ खलीलाबाद, जन्म : माघ शुक्ल 9 ,संवत 1953 विक्रमी.
2.
राजा राम शर्मा ‘अचल’ पूर्व विधायक भुजैनी, सनत कबीर नगर, जन्म : ज्येष्ठ कृष्ण 5,
संवत 1958 विक्रमी.
3.
बद्री प्रसाद मिश्र ‘हरीश’ , जन्म : पौष कृष्ण 5, संवत 1965 विक्रमी.
4.
रानी सौभाग्य सुन्दरी ‘सुन्दर अली’, मूल निवास- गा्रम पोखरनी ,वर्तमान निवास- सुन्दर
भवन ,अयोध्या.
5.
लाल श्री कण्ठ सिंह ‘ब्रजदेव’, जन्म: अश्विन
पूर्णिमा, संवत 1961 विक्रमी .
6.
बद्री प्रसाद ‘पाल’ पौष कृष्ण, जन्म जन्म: 5, संवत 1965 विक्रमी.
7.
रामदेव सिंह ‘कलाधर’ घनघटा, सन्त कबीर नगर ,जन्म: 23 फरवरी सन् 1909 ई./ फागुन शुक्ल
3, 1965 विक्रमी, मृत्यु: 4अपै्रल,1984ई.
8.
अब्बास अली ‘बास’, जन्म: 2 मई 1908 ई., तदनुसार संवत 1965 विक्रमी.
9.
पं. माता दीन त्रिपाठी ‘दीन’ हरिहरपुर ,संतकबीर नगर, जन्म : कार्तिक कृष्ण 5 संवत ,1966
विक्रमी.
10.
गणेश दत्त पाण्डेय ‘विशिख’, जन्म : चैत शुक्ल 5 ,संवत 1966 विक्रमी .
11.
सरस्वती प्रसाद शर्मा ‘वारिज’ संवत 1966 विक्रमी.
12.
पं. मोहन प्यारे द्विवेदी ‘मोहन’ दुबौली दूबे, जन्म: 1 अपै्रल 1909 ई., मृत्यु: 15
अप्रैल 1889 ई.
13.
राम नरायन पाण्डेय ‘पागल’ जन्म: चैत शुक्ल
7, 1970 विक्रमी.
14.
केदार नाथ मिश्र ‘दीन’, जन्म : ज्येष्ठ शुक्ल
10 1970 विक्रमी.
15.
राम चरित्र उपाध्याय, जन्म: फागुन कृष्ण 5, 1970 विक्रमी.
16.
ब्रज विहारी चतुर्वेदी ‘ब्रजेश’, जन्म : ज्येष्ठ कृष्ण 13, 1974 विक्रमी.
17. राम लाल श्रीवास्तव ‘लाल’, जन्म : मार्गशीर्ष शुक्ल
8, 1074 विक्रमी/ 20 दिसम्बर 1917 ई.
18.
अद्या प्रसाद पाण्डेय ‘द्विजेन्दु’, जन्म
: श्रावण कृष्ण 9, 1974 विक्रमी.
19.
राम कृपाल पाण्डेय, जन्म : कार्तिक शुक्ल 5, 1977 विक्रमी.
20.
रामाश्रय सिंह ‘रसिकेन्दु’, जन्म :
01.07.1923 ई / 1980 विक्रमी.
अन्य फुटकर छन्दकार
(अति संक्षिप्त परिचय ही उपलब्ध)
1.
बुध यदुनाथ, जन्म संवत 1960 विक्रमी .
2.
आचार्य धनराज शास़्त्री, जन्म संवत 1955 विक्रमी.
3.
महात्मा गूंगदास, जन्म संवत 1960 विक्रमी.
4.
चिन्तामणि त्रिपाठी, जन्म संवत 1966 विक्रमी.
5.
सीताराम शुक्ल , जन्म संवत विधायक 1956 विक्रमी.
6.
सन्त अखण्डानन्द जी, जन्म संवत 1950 विक्रमी,
7.
सत्यदेव ब्रहमचारी सत्य संवत 1960 विक्रमी
8. भगवती प्रसाद मिश्र ‘अग्र’, जन्म संवत 1965 विक्रमी
.
9.
सन्त फागूदास, जन्म संवत 1962 विक्रमी.
10.
राम यज्ञ त्रिपाठी , जन्म संवत 1978 विक्रमी .
11.
चन्द्र शेखर भारती , जन्म संवत 1960 विक्रमी.
12.
राम लखन मिश्र, जन्म संवत 1960 विक्रमी’.
13.
कमला पति त्रिपाठी ‘जोकरेश’, जन्म संवत 1963 विक्रमी.
14.
रतिनाथ, जन्म संवत 1979 विक्रमी.
15.
मातादीन लाल मुख्तार, जन्म संवत 1965 विक्रमी.
16.
नरदेव पाण्डेय, जन्म: चैत शुक्ल 10 ,संवत 1978 विक्रमी.
17.
चन्द्रबली त्रिपाठी, जन्म : संवत 1962 विक्रमी.
18.
बासुदेव लाल मुख्तार, जन्म संवत 1960 विक्रमी.
(अप्रकाशित
तथा अप्राप्य अंश , प्राप्त होने पर प्रकाशित कराने का प्रयास किया जाएगा। चतुर्थ अध्याय:
आधुनिक चरण,पंचम अध्याय: छन्द विधान और छन्दकार के रुप में दर्शाया गया है।)
(शेष अगले किस्त 8 में…)
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