नाम राधेश्याम द्विवेदी है मेरा उपनाम
पुस्तकालय सूचनाधिकारी काम करता।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग मेरा
आगरा मण्डल से जीवन यापन होता ।।
भारद्वाज गोत्र सरयूपारीय विप्र हूं मै
बुद्ध जन्मस्थली पावन बस्ती में रहता ।।
संक्षिप्त जीवनवृति ;-
27 जून 1957 ई. को जन्मे डा.राधेश्याम द्विवेदी ने अवध विश्व विद्यालय फैजाबाद से बी.ए.और बी.एड. की डिग्री, गोरखपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी), एल.एल.बी.,सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी का शास्त्री, साहित्याचार्य, ग्रंथालय विज्ञान की (B.Lib.Sc.) डिग्री तथा “संस्कृतपंच महाकाव्येषु प्रमुख नायिकानाम् चरित्र चित्रणम तुलनात्मकम अध्ययनमच” संस्कृत साहित्य की विद्यावारिधि Ph.D. ) की डिग्री उपार्जित किया है।आगरा विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास से एम.ए.डिग्री तथा ’’बस्ती का पुरातत्व : प्रारंभ से छठी शताब्दी ई तक” विषय पर दूसरी पी.एच.डी. उपार्जित किया। डा. हरी सिंह गौड़ सागर विश्व विद्यालय से पुस्तकालय विज्ञान का मास्टर डिग्री(MLIS) प्राप्त किया।आप बस्ती जिले के न्यायालयों में 1979 से 1987 तक अधिवक्ता के रूप में अपनी सेवाएं दी। राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं (लेख कहानी कविता और बाल साहित्य) प्रकाशित होती रही। बस्ती से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक ‘अगौना संदेश’ के तथा ‘नवसृजन’ त्रयमासिक का प्रकाशन व संपादन भी किया। 12 मार्च 1987 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण वडोदरा/आगरा मण्डल में Asstt. Librarian. Gr 1 तथा 2014 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा मण्डल आगरा में Assistant Library and Information Officer (राजपत्रित)पद पर कार्य कर चुके हैं।
प्रकाशित कृतिः ”इन्डेक्स टू एनुवल रिपोर्ट टू द डायरेक्टर जनरलआफ आकाॅलाजिकल सर्वे आफ इण्डिया” भारत सरकार, 1930-36 (1997) पब्लिस्ड बाई डायरेक्टर जनरल, आकालाजिकल सर्वेआफ इण्डिया, न्यू डेलही। अनेक राष्ट्रीय पोर्टलों में नियमित रिर्पोटिंग कर रहे हैं।
Pravakta.com से सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। Poorvanchalmedia.com में बस्ती जिले के ब्यूरो चीफ के रूप में सफलता पूर्वक कार्य किए।
Hindimedia.in पर अब भी आप देखे जा सकते हैं।
liveaaryaavatt.com पर अब भी आप की रचनाएं देखी जा सकती हैं।
BNTlive.com पर भी आप नियमित देखे जा सकते हैं। उगता भारत, वॉयस ऑफ बस्ती, विजयदूत आदि के आप नियमित लेखक हैं ।आकाश वाणी गोरखपुर और आगरा से समय समय पर रचनाएं प्रसारित हुई।
अप्रकाशित रचनाएं:-
“भार्गव वंश का उद्भव तथा भगवान परशुराम की लोक रंजक लीलायें”
22 अध्याय में तथ्य परक ऐतिहासिक विश्लेषण किया गया है।
आगरावली :-
इस संग्रह में आगरा के स्मारकों को दर्शाती कविताओं की संख्या अभी सात है। ये कविताएं आगरा में सेवा के आखिरी दिनों में लिखी गई है।
शाश्वत मूल्यों की रचनावली :-
इस संग्रह में कुल कविताओं की संख्या लगभग 30 है।
राष्ट्रीय राजनीतिक रचनाएं :-
इस संग्रह में कुल कविताओं की संख्या लगभग 36 है।
ग्राम्यालोक :-
इस संग्रह में कुल कविताओं की संख्या लगभग 17 है।
श्रृंगारिक नगमे :-
इस संग्रह में कुल कविताओं की संख्या लगभग 44 है। वियोग शृंगार के 20 रचनाएं हैं।
इस समय इतिहास के अदभुत रहस्य rsdwivedi.com ब्लॉग पर अपने विचार रखते रहते हैं। स्मृति शेष डा. मुनि लाल उपाध्याय 'सरस' के “ बस्ती मण्डल के छन्दकार” तृतीय भाग के प्रकाशन की योजना में प्रयत्नरत हैं।
पता स्थाई: ग्राम मरवटिया पाण्डेय, पोस्ट बरहटा थाना कप्तान गंज जिला बस्ती 272131
वर्तमान पता: 8/ 2785,निकट लिटिल फ्लावर स्कूल, आनन्द नगर,कटरा, जिला बस्ती 272001
(मोबाइल नंबर: 8630778321
वर्डसप नम्बर: 9412300183)
(ईमेल: rsdwivediasi@gmail.com)
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