जय जय जय श्री राम शंकर दास महाराज वेदांती।
हरहु कष्ट अपार भवसागर पार दो मन की शान्ति।
पीठासीन कुंज राम बल्लभा जानकी घाट अयोध्या स्थित।
सिया राम विवाह महोत्सव होता जहां भव्य आयोजित।।
पास ही विशाल कार सेवकपुरम है श्रीराम समर्पित।
छोटी छावनी मणिराम दास जी पास में है स्थित।
स्फटिक शिला छवि सियाराम स्वर्ण मुकुट विराजित ।
धर्म धुरंधर वक्ता ज्ञानी ध्यानी योगी गुरुदेव वेदांति।।
मधुकर निवास में भक्त भगवान गौवों की सेवा।
छात्र ब्रह्मचारी गृहस्थ पशुओं की पंगती होवा।
राम अर्चना राम कथा अनवरत भगवत संकीर्तन होया ।
गुरुदेव आप हैं भव्य दिव्य तव शरण में आया ।।
राम कथा भागवत कथा के कुशल प्रस्तोता व्यास रहे।
भगवत चिन्तन संकीर्तन के भी आप प्रबल
उद्भास दिए।
अवध धाम की जानी मानी हस्ती पर्व सभा में नाम दिए।
असंख्यक शिष्यों के शिरोमणि भव बंधन का त्रास दिए।।
आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी
लेखक परिचय:-
(लेखक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, में सहायक पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी पद से सेवामुक्त हुए हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के बस्ती नगर में निवास करते हुए सम सामयिक विषयों,साहित्य, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति और अध्यात्म पर अपना विचार व्यक्त करते रहते हैं।)
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