Wednesday, March 13, 2024

सिद्ध पीठ बाबा राम निहाल दास की कुटिया आचार्य डॉ राधे श्याम द्विवेदी


           बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के सिद्ध पीठ बाबा राम निहाल दास की कुटी उमरिया में है। जहां प्रत्येक साल के दीपावली बाद यम द्वितीया पर विशेष पूजा का आयोजन होता है। नदी की बाढ़ से कभी भी मंदिर को नुकसान नहीं हुआ। महंत सुखराम दास के अनुसार बाबा निहाल दास यहीं पर बैठकर तपस्या किया करते थे। यहां इस मौके पर विशाल मेला भी लगता है। श्रद्धालु यहां सरयू नदी में स्नान करने के बाद बाबा निहाल दास को प्रसाद चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं।
           सरयू तट पर स्थित बाबा राम निहाल दास कुटी उमरिया में यम द्वितिया पर लगे विशाल मेले में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी रहती है । भोर से श्रद्धालुओं के आने जाने का तांता लगा रहता है। लोग बाबा के प्रतिमा का दर्शन कर मनोकामना पूरा होने की कामना करते हैं।बाबा की कुटी पर भोर से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है जो शाम तक जारी रहता है । जिले के दूर दराज से आए व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें को लगाते हैं। मेले में आए लोग जमकर खरीदारी करते रहते हैं। मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालु बाबा राम निहाल दास की प्रतिमा का दर्शन भी करते हैं। मेले के दिन भंडारा का आयोजन भी होते रहते हैं। 
           मान्यता है कि जो लोग इस मंदिर पर पहुंचकर सच्चे मन से मनौती व मन्नत मांगते हैं उनकी मुराद अवश्य पूरी होती है। यहां पर प्रत्येक मंगलवार को मेला भी लगता है।मेले में आए श्रृद्धालुओं ने जमकर खरीदारी की। मिट्टी के बर्तन, सौंदर्य प्रसाधन, घर गृहस्थी के सामानों की दुकानें लोगों को आकर्षित करती रहीं। महिलाओं ने सूप,मचिया की खरीददारी की। बच्चों ने खिलौने व सिघाड़े का आनंद लिया। दुबौलिया के प्रभारी निरिक्षक पंकज कुमार सिंह अपने दल बल के साथ सुरक्षा में लगे रहे। स्थानीय लोगों के मुताबिक सैकड़ों वर्ष पूर्व यहां रामनिहाल दास नाम के एक पुजारी रहते थे। जिन्हें सिद्ध पुरुष माना जाता था। मान्यता है कि बाबा गंभीर से गंभीर रोग सिर्फ छू कर ठीक कर देते थे। बाबा ने यहां जीवित समाधि ली थी। बाबा के हाथ से स्थापित मंदिर नदी तट पर मौजूद है। लोग मंदिर की परिक्रमा कर मनौती मांगते हैं। प्रत्येक मेले में बस्ती के अलावा अंबेडकरनगर के लोग भी भारी संख्या में आते हैं।
             सिद्ध पीठ बाबा राम निहाल दास की कुटी और भक्तों की सुरक्षा के लिए यहां पुलिस चौकी भी स्थापित है।मेले की सुरक्षा में दुबौलिया पुलिस के अलावा कप्तानगंज, कलवारी, लालगंज, नगर की पुलिस के साथ यातायात पुलिस उपस्थित रहती है। 

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