गठिया एक प्रकार की अधिकतम सूजन और जोड़ों के दर्द के साथ आने वाली बीमारी है। यह रोग विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस, रहूमटॉइड आर्थराइटिस, जुवेनाइल आदि। WHO के अनुसार, दुनिया भर की आबादी का लगभग ०.५-१% गठिया रोग से प्रभावित है। आमतौर पर 40 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में शुरू होता है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है। ऐसी दवाएं हैं जो अति सक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली को धीमा कर सकती हैं और इसलिए जोड़ों में दर्द और सूजन को कम कर सकती हैं। इन्हें रोग-संशोधित एंटी-रूमेटिक दवाएं (डीएमएआरडी) कहा जाता है और इनमें जैविक उपचार भी शामिल हैं।
हर साल गठिया रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने और बीमारी के बारे में समझाने के उद्देश्य से विश्व गठिया दिवस मनाया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर गठिया दिवस मनाकर इसके लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि इससे होने वाली परेशानी को कम किया जा सके।कब मनाते हैं गठिया दिवस :-
विश्व गठिया दिवस हर साल 12 अक्तूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1996 में हुई थी। आर्थराइटिस एंड रूमेटिज्म इंटरनेशनल द्वारा 12 अक्तूबर 1996 को गठिया दिवस पहली बार मनाया गया। बाद में दुनियाभर में गठिया से जूझ रहे मरीजों के लिए यह दिवस मनाया जाने लगा।
गठिया दिवस का महत्व:-
पहली बार अर्थराइटिस यानी गठिया रोग का पता 4500 बीसी में चला। गठिया के मामले तेजी से फैलने लगे तो लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाने लगा। लोग घुटनों में सूजन या फिर दर्द को आम समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि वह गठिया रोग से पीड़ित हैं। ऐसे में गठिया के लक्षणों को समझकर समय पर इसका उपचार करने के लिए प्रेरित करना विश्व गठिया दिवस का उद्देश्य है।
गठिया दिवस 2023 की थीम
विश्व गठिया दिवस 2023 की थीम ('इट्स इन योर हैंड्स= It's in your hands) है । यानी गठिया से बचना आपके अपने हाथों में है। लाइफस्टाइल में सुधार करके और कुछ बातों का ध्यान रखकर गठिया रोग से बचाव किया जा सकता है।
गठिया रोग से निजात पाने के लिए स्वास्थ्य सुझाव:-
स्वस्थ जीवन: भावनात्मक तंदुरूस्ती, आत्म-प्रबंधन और अभिप्रेरण के स्वस्थ जीवन शैली विकल्पों को अपनाकर अपने स्वास्थ्य में सुधार लाएं; धूम्रपान व अल्कोहल का सेवन ना करें।
स्वस्थ आहार: गठिया से पीड़ित कैल्शियम युक्त भोजन लें, नमक और चीनी का सेवन नियंत्रित करें।
शारीरिक सक्रियता: आरएमडीएस/गठिया से पीड़ित लोगों के लिए विशेष लाभदायक होती हैं।
योग और व्यायाम: चिकित्सक या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श से व्यायाम साइकिल चलाना, नृत्य, धूमना/चलना, बागवानी, तैराकी और योग इत्यादि कर सकते हैं।
निरंतर मुद्रा बदलें: घंटों तक लगातार एक ही मुद्रा में खड़े या बैठे न रहें, अगर लगातार बैठकर काम करते हैं तो हर 45 मिनट पर उठकर घूमें।
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