उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित अयोध्या की रामलीला स्तरहीन रहा जिसमे अव्यस्थाओं का बोलबाला पाया गया। अयोध्या में श्रीराम का जन्म स्थान होने के कारण साल भर हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते है। राम कथा पार्क को शहर में भीड़ को कम करने व धर्मशाला में लोगों का जामावड़ा हटाने के लिए बनाया गया था। यह काफी सुंदर है, यहां काफी जगह है और व्यवस्थित पार्क भी है जहां कई लोगों के एकत्रित होने की व्यवस्था है।
यहां शहर की काफी भीड़ इक्ट्ठा हो सकती है। इस पार्क में ओपन एयर थियेटर यानि मैदान में थियेटर की व्यवस्था है जहां कई प्रकार के सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यो का आयोजन किया जाता है। इस पार्क में हमेशा जनता प्रवचन, शास्त्र और अन्य धार्मिक गतिविधियां गाने - बजाने के साथ चलती रहती हैं।
5 सितंबर 2022 से राम कथा संग्रहालय के बैनर तले श्री लक्ष्मण सिंह के निर्देशन में राम लीला चल रही है। 8 सितंबर को इस आयोजन को देखने का अवसर मिला। विश्वामित्र संग राम लखन यज्ञ की रक्षा के साथ मिथिला धनुष यज्ञ में जा रहे थे।गंगा के अवतरण में पंडों द्वारा भांग की घोटाई में फूहड़ दृश्यों को मंचित किया गया। लान की घासें बेतरतीब पाया गया। कुर्सियां पर्याप्त मात्रा में पाई गई। घासें कटी छटी होनी चाहिए। श्रोताओं को अनुशासित करने के लिए स्वंसेवक या गार्ड लगाए जा सकते थे। जेनरेटर की व्यवस्था ना होने से कार्यक्रम अधूरा छोड़ना पड़ा।अयोध्या के राम लीला का शास्त्रीय पक्ष उत्तम रहा। मंच की प्रकाश और ध्वनि व्यवस्था ठीक पाई गई।
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