हाल ही में तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा की पराजय का एक बड़ा कारण सरकार द्वारा किसानों की अनदेखी को भी माना गया है। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। आलू गोभी टमाटरऔर प्याज़ जैसी फसलों की लागत तक न निकल पाने के कारण किसानों ने अपनी फसल खेतों में ही नष्ट करते देखे गए हैं।अन्य कृषि उपजों का भी किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाताहै। कहीं कहीं खाद की किल्लत भी देखी गई।
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि इस समस्या का हल क्या है?सरकार के इतने प्रयासों के बाद भी कहाँ कमी रह गई है? अल्पकालिक समाधान के बजाय दीर्घकालिक समाधान कौन से हो सकते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले कृषि क्षेत्र की बेहतरी के उपाय किये जा सकें?
कृषि जगत की समस्याएं:-
किसानों की समस्याएँ अनेक हैं जो कोई नई नहीं हैं; लेकिन उनके समाधान की ईमानदार कोशिशें होती कभी नज़र नहीं आ रही है। किसानों द्वारा आत्महत्या करने की खबरें भी पिछले कई वर्षों से चर्चा में रहा हैं।
ईमानदार समाधान की ज़रूरत:-
किसानों की समस्याओं के निदान के लिए तीन ऐसे सुधार हैं, जिन पर अविलंब अमल करते हुए किसानों की दुखती रग पर मरहम रखा जा सकता है:-
1.देशभर में किसानों के असंतोष का सबसे बड़ा कारण उनकी उपज का सही मूल्य न मिलना रहा है।अधिकतम न्यूनतम समर्थन मूल्य वास्तविक किसान को दिलाया जाए।
2.कर्ज़ माफी चरणबद्ध रूप में हो।
3.प्रत्यक्ष आय और निवेश की सहायता दी जाए।
कृषि जगत के सुधार:-
सच कहा जाए तो किसानों की समस्याओं को कम करने का रामबाण नुस्खा कृषि बाज़ारों के आमूलचूल सुधारों में छिपा है। जैसे- यमएसपी सिस्टम को मज़बूत बनाकर इसका दायरा बढ़ाया जाए। कृषि उपज विपणन समितियों (APMCs) का मकड़जाल तोड़ लिया जाए। आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 में सुधार किया जाए।Negotiable Warehouse Receipt प्रणाली को सुधारा जाए।किसानों के उत्पादों को बाज़ारों तक पहुँचाने के लिये सप्लाई चेन बनाया जाय।ज़मीनों से जुड़े तथा चकबंदी आदि कानूनों को सरल बनाया जाय।कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाए। कृषि-निर्यात बढ़ाने के लिये अनुकूल माहौल बनाया जाए। फूड प्रोसेसिंग की सुविधाओं का विकास किया जाए। उपभोक्ताओं और बाज़ार के बीच बेहतर संपर्क बनाया जाए।
संरचनात्मक सुधारों की ज़रूरत:-
देखा यह गया है कि समय बीतने के साथ किसानों की हालत सुधरने के बजाय और खराब होती चली गई है। किसानों को संतुष्ट करने के लिये देश के नीति-निर्धारक समय-समय पर जो उपाय करते हैं, वे तात्कालिक राहत पहुँचाने वाले होते हैं। इन उपायों के तहत किसानों को लुभाने वाले कदम उठाए जाते हैं, जबकि ज़रूरत ऐसे संरचनात्मक उपायों की है जो दीर्घकालिक हों और किसानों की समस्या को स्थायी तौर पर हल कर सकें।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन मुफ्त राशन बांटना :-
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय तथा पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों को मुफ्त राशन का वितरण शुरू हुआ है। कोरोना महामारी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय केअनुसार अंत्योदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड 35 किलो खाद्यान्न (20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल) का वितरण किया जा रहा है। यह इस योजना का पहला चरण है जिसमें पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट 5 किलो अनाज (3 किलो गेहूं व 2 किलो चावल) वितरित किया जा रहा है। सामान्य कार्ड धारक को गेहूं का वितरण मूल्य 2 रुपए प्रति किलो तथा चावल का 3 रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तीसरे चरण में निशुल्क खाद्यान्न का वितरण 5 किग्रा प्रति यूनिट के अनुसार हो रहा है ।अंत्योदय कार्डधारकों को अब होली तक फ्री राशन मिलेगा। इसमें 35 किलो चावल, गेहूं के साथ-साथ दाल, तेल और नमक भी दिया जाएगा। वैसे तो मुफ्त राशन की सुविधा नवंबर में समाप्त हो रही थी पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने इस सुविधा को चार माह और बढ़ा दिया है।
यू पी चुनाव भी है :-
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 अगले वर्ष होने जा रहा हैं। और यूपी की जनता को दिवाली पर तोहफे ही तोहफे मिल रहे हैं। यूपी सरकार ने पेट्रोल डीजल के उत्पाद शुल्क में कमी और फिर मुफ्त राशन की योजना को चार माह और बढ़ाने का ऐलान किया है।
15 करोड़ गरीब होंगे लाभान्वित :-
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की विभीषिका के बीच दो बार देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन दिया। सूबे के 15 करोड़ गरीब भी इससे लाभान्वित हुए, लेकिन यह योजना नवंबर में समाप्त हो रही है, जबकि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में रामराज्य अभिषेक में हम कैसे गरीबों को खाली हाथ जाने दें। ऐलान किया कि होली तक यानि दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च 2022 तक अब अंत्योदय कार्ड धारक को 35 किलो गेहूं और चावल तो मुफ्त मिलेगा ही, साथ में दाल, खाद्य तेल और नमक भी देगें। यही नहीं इस बार हर माह चीनी भी मुफ्त देंगे।
पात्र गृहस्थी कार्डधारक को मिलेंगे कई और सामान :- योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, इसके अलावा पात्र गृहस्थी कार्डधारक को भी प्रति व्यक्ति पांच किलो ग्राम गेहूं, चावल के साथ एक किग्रा अरहर की दाल, एक लीटर खाद्य तेल, एक किग्रा नमक और एक किग्रा चीनी मुफ्त में देगें। पहले केवल गेहूं, चावल तक ही यह योजना सीमित थी। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार इसमें 1 किलो दाल, 1 लीटर तेल और नमक का एक पैकेट जोड़ेगा।
आम किसानों को उसकी फसलों का वाजिब मुल्य ना मिलने का
एक कारण ये भी है। उत्तर प्रदेश सरकार चुनाव को देखते हुए आम जनता में अपनी पैठ बनाने के लिए मुफ्त राशन के नियमों में बदलाव किया है। वर्षों से बंद पड़ा चीनी भी अंत्योदय कार्ड धारकों को दिया जाएगा। डा. राधे श्याम द्विवेदी
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