भारतीय
राजनीतिज्ञ श्री
जगदंबिका पाल का
जन्म 21 अक्टूबर 1950 को हुआ था। उन्हें 'वन डे वंडर ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स' कहा
जाता है।पिता का नाम
स्वर्गीय श्री सूर्या बख्श पाल और माता की नाम स्वर्गीय श्रीमती मूल राजी
देवी था। जन्म स्थान
Rameshwerpuri जिला बस्ती (उत्तर प्रदेश) है। 15 वीं लोकसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के
एक नेता रहे हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से
वह 7 मार्च 2014 को इस्तीफा दे दिया। 16 वीं लोकसभा में शामिल हो डुमरियागंज
से बीजेपी सांसद बने।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री:- जब उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के नेतृत्व में कल्याण सिंह ने 21 फरवरी 1998 को खारिज कर दिया था कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रोमेश भंडारी उन्हें मुख्यमंत्री चुने। इलाहाबाद उच्च न्यायालय सरकार को असंवैधानिक करार
कर
23 फरवरी 1998 को
बर्खास्त दिया जिससे
कल्याण सिंह सरकार बहाली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के 3 दिन के लिए 21 फरवरी 1998 से 23 फरवरी 1998 रहे हैं।
21-22 फरवरी 1998 को दल-बदल की वजह से बहुमत साबित
करने के दौरान यूपी विधानसभा में जमकर मारपीट हुई। इसे देखते हुए तत्कालीन गवर्नर रोमेश
भंडारी ने केंद्र से यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी। लेकिन, केंद्र
ने इससे इंकार कर दिया। इससे उत्साहित होकर कल्याण सिंह ने बाहर से आए विधायकों को
मंत्री बना कर देश के इतिहास में यूपी का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल बना दिया। इसमें 93 मंत्री
रखे गए। वहीं, इससे नाराज दूसरे राजनीतिक दलों ने कल्याण सरकार का तख्ता पलट करने की
योजना बना ली।
रातों-रात
बने सीएम:- कल्याण सिंह को उस समय झटका लगा जब बसपा से आए विधायकों
के सपोर्ट को गवर्नर रोमेश भंडारी ने मान्यता देने से इंकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने
रातों-रात कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने जगदंबिका
पाल को सीएम पद की शपथ दिलवा दी।13वीं विधानसभा की यह घटना इतिहास के पन्नों में काले
हर्फों में दर्ज है। जगदंबिका पाल एक दिन के लिए यूपी के सीएम बने थे। वह
राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। बाद में,
जगदंबिका पाल कांग्रेस के उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष बन गए। 2009 में उन्हें
15 वीं लोकसभा से डुमरियागंज लोक सभा निर्वाचन
क्षेत्र के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सिद्धार्थनगर जिले उत्तर प्रदेश
के लिए चुना गया ।
पर 3 जुलाई 2011, जगदंबिका पाल और अन्य सदस्यों की लोकसभा , निचले सदन की भारत की संसद ,लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के
बाद साल 2014 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और सांसद चुने गए। कांग्रेस सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व इकाई के अध्यक्ष जगदंबिका
पाल डुमरियागंज लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया था।
पूर्वांचल
राज्य की मांग:- तेलंगाना राज्य बनने का रास्ता
साफ हुआ तो कई और छोटे राज्यों की मांग जोर पकड़ने लगी है। कल तक हरित प्रदेश, मिथिलांचल,
विदर्भ और गोरखालैंड की मांग उठी थी आज पूर्वांचल की मांग ने जोर पकड़ा है। पूर्वांचल की मांग खुद
कांग्रेस नेता जगदम्बिका पाल ने उठाई है। जगदंबिका पाल ने कहा, 'क्षेत्र के लोगों की इच्छा है कि अलग
पूर्वांचल राज्य बने. बिहार और यूपी के इलाकों को मिलाकर राज्य बनाना चाहिए.'
मीडिया के काम:- उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
और भाजपा के सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि पत्रकारिता के उद्देश्य से भटकने की
बहस के बीच आज भी पत्रकारिता की भूमिका और प्रभाव को उपेक्षित नहीं किया जा सकता
है। जनधारणा है कि आज भी जो काम संसद नहीं कर सकी है, वे सब काम
पत्रकारिता ने किए हैं और कर रही है। संसद की कार्यवाही के एजेंडा तक पत्रकारों के
समाचार और लेख से तय हो जाते हैं। भोपाल को कला-संस्कृति का केन्द्र बताते हुए
उन्होंने कहा कि देश की राजनीतिक राजधानी दिल्ली है, आर्थिक राजधानी मुम्बई है तो
सांस्कृतिक राजधानी भोपाल है। उन्होंने कहा कि आज के समय में मीडिया की भूमिका
बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। आप किसी भी प्रकार के ट्रायल से बच सकते हैं लेकिन
मीडिया ट्रायल से नहीं। भारतीय पत्रकारिता ने कई घोटाले उजागर किए हैं। समाज में
सकारात्मक वातावरण का निर्माण भी मीडिया कर रहा है।
5 जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज बनाये जाने का मुद्दा:- भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने लोकसभा में शून्यकाल के
दौरान प्रदेश के 5 जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज के रूप में विकसित करने हेतु चयनित
योजना का मुद्दा उठाया। सांसद जगदम्बिका पाल ने पूर्वान्चल के बस्ती, फैजाबाद, बहराईच
और गोण्डा के जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज के रूप में विकसित किये जाने की वर्तमान
स्थिति के बारे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्डा से जानकारी मांगी।
यह भी पूंछा कि क्या राज्य सरकार इस योजना में कोई बाधा खडा कर रही है। क्या निर्माण
के लिये धन स्वीकृत कर दिया गया है। इस निर्णय को केन्द्र सरकार द्वारा कब तक क्रियान्वित
किया जायेगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सांसद जगदम्बिका पाल के प्रश्नों से सहमति
जताते हुये बताया कि अभी जो मेडिकल कालेज हैं उन्हें अपग्रेड किया जा रहा है। शीघ्र
ही उत्तर प्रदेश के पांचों चयनित जनपदों के मेडिकल कालेजों का नोटिफिकेशन जारी कर दिया
जायेगा।प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से सांसद जगदम्बिका पाल ने बताया कि प्रदेश
सरकार ने बस्ती, फैजाबाद, बहराईच और गोण्डा के जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज के रूप
में विकसित किये जाने की घोषणा तो कर दिया था किन्तु कार्य शुरू होने के सम्बन्ध में
भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। शून्य काल में प्रकरण को लोकसभा में उठाये जाने के बाद
अब स्पष्ट हो गया है कि शीघ्र ही पांचो चयनित जनपदों के जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज
के रूप में विकसित करने का कार्य नोटिफिकेशन के साथ ही शुरू हो जायेगा। सांसद जगदम्बिका
पाल ने कहा कि पूर्वान्चल के लिये यह बडी उपलब्धि होगी क्योंकि समुचित चिकित्सा के
अभाव के कारण अनेक लोगों का सही ढंग से इलाज नहीं हो पाता। बस्ती में मेडिकल कालेज
की स्थापना बडी उपलब्धि होगी।
पदों पर कार्य
1.
1982-93 सदस्य, उत्तर प्रदेश विधान परिषद (दो बार),
2.1988-1999
में उत्तर प्रदेश के राज्य सरकार के मंत्री।
3.1993-2007
के सदस्य, उत्तर प्रदेश विधान सभा (तीन बार)
4. 2002
कैबिनेट मंत्री, भारत सरकार।
5.उत्तर
प्रदेश के,
2009 में 15 वीं लोकसभा (आईएनसी) के सदस्य के लिए
चुने गए,
6.ऊर्जा
संबंधी समिति; सदस्य,
7.याचिका
समिति; सदस्य,
8.समिति
संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के सदस्य (एमपीएलएडीएस) पर;सदस्य,
9.
रसायन और उर्वरक संबंधी समिति; सदस्य,
10.
सलाहकार समिति, आवास मंत्रालय और शहरी गरीबी उन्मूलन और पर्यटन मंत्रालय,
11. 2014
में 15 वीं लोकसभा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे 2014
में 16 वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित (भाजपा)
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