झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी
आईजी प्रवीण कुमार सिंह का रविवार शाम निधन हो गया। वे बिहार के समस्तीपुर के रहनेवाले
प्रवीण सिंह 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. वह लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली
स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती थे. वह वर्तमान में एनआईए के डीआईजी पद पर थे. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के दामाद थे। 1998
बैच के आईपीएस प्रवीण सिंह दो हफ्तों से दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। वह
कोमा में थे। जानकारी के मुताबिक वे कुछ माह पहले विदेश में ट्रेनिंग के लिए गए
थे। यहीं सलाद खाने से उनके दिमाग में कीड़ा चला गया था। इसके बाद तबीयत खराब रहने
लगी थी। उनके परिवार में
पत्नी पूजा सिंह और दो बेटे हैं. प्रवीण कुमार की गंभीर स्थिति की जानकारी मिलने
के बाद झारखंड कैडर के कुछ अधिकारी उनसे मिलने दिल्ली गये थे. अधिकारियों ने बताया
था प्रवीण सिंह का चेहरा काफी सूजा हुआ था और वह बोल, हिल भी नहीं पा रहे थे.
प्रवीण कुमार हजारीबाग और चाईबासा एसपी के पद पर लंबे समय तक रहे. रांची में
एसएसपी का भी पद उन्होंने संभाला. पलामू और रांची में डीआईजी के पद पर भी अपनी
सेवा दी. झारखंड में आईजी रैंक में प्रमोशन मिलने के बाद वह एसटीएफ आईजी के पद पर
रहे थे. बाद में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये थे.
सीएम ने शोक जताया:- झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री रघुवर
दास ने शोक जताया है। उन्होंने इस दुख की घड़ी में शोक संतिप्त परिवार के प्रति
संवेदना व्यक्त की है।
एक सफल अधिकारी रहे :- बिहार के समस्तीपुर के रहनेवाले प्रवीण सिंह 1998
बैच के आईपीएस अधिकारी थे. चाईबासा में एसपी रहते हुए नक्सलियों के साथ एनकाउंटर में प्रवीण कुमार
घायल भी हुए थे. वह झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के लिए भी
जाने जाते थे. रांची में एसएसपी के पद पर काम करते हुए प्रवीण सिंह ने तीन मौकों
पर रांची को दंगे की आग में जलने से बचाया था.एक समय था जब रांची जिला में नक्सली
कुंदन पाहन का आतंक था. रांची-टाटा रोड में कई बड़ी घटनाओं को नक्सलियों ने अंजाम
दिया था. हालात इतने खराब हो गये थे कि अगर किसी अधिकारी को रांची से जमशेदपुर
जाना होता था, तो नामकुम से लेकर चांडिल तक फोर्स की तैनाती करनी पड़ती थी. तब
सरकार ने उन्हें रांची का एसएसपी बनाया. जिसके कुछ दिनों बाद उनके नेतृत्व में
पुलिस ने कुंदन पाहन और उसके दस्ते को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था.
रांची को शांत करने का जिम्मा मिला
था:- रांची अशांत हो गई
थी। खून-खराबे चरम पर थे। दूसरे राज्य व दूसरे जिलों के कुख्यात अपराधी भी रांची में
आकर घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते थे। उस विषम परिस्थिति में अशांत रांची के लिए
आईपीएस प्रवीण कुमार वरदान बनकर आए थे। एक मार्च 2009 को प्रवीण सिंह रांची में
एसएसपी के पद पर योगदान दिए थे। उस समय अंतर जिला दारोगा-इंस्पेक्टर की ट्रांसफर
पोस्टिंग हो गई थी। जैसे उनके लिए रांची नया था, वैसे ही रांची में योगदान देने
वाले दारोगा, इंस्पेक्टर, डीएसपी व एसपी के लिए भी। उस परिस्थिति में रांची को
संभालना एक चुनौती थी। इस चुनौती को अपनी दिलेरी और कड़ी मेहनत से प्रवीण ने साबित
कर दिखाया था। कभी अपराधियों की खौफ से त्राहि-त्राहि करने वाली रांची की जनता व
व्यवसायी को चैन की सांस लेने लगी थी।
बड़े
मामलों का खुलासा किया था :- कई बड़े मामलों का खुलासा किया था प्रवीण ने , रांची पुलिस की तकनीक नील थी, उसे संभालने का
प्रयास किया। टेक्नीकल सेल समृद्ध किया और मिलने लगी ताबड़तोड़ सफलता। व्यवसायी राजू
धानुका हत्याकांड का उद्भेदन, सोनू, साहिल उर्फ एंडरसन की गिरफ्तारी हुई। होटल
कैपिटोल हिल के मालिक के बेटे लव भाटिया के अपहरण के 24 घंटे के भीतर सकुशल खोजा।
अपहर्ताओं से मुठभेड़ तीन को किया ढेर, चार गिरफ्तार, हथियारों का जखीरा मिला। नक्सल
क्षेत्रों में मूवमेंट तेज किया। दर्जनभर नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा, 18
नक्सलियों ने सरेंडर किया, दो सौ से अधिक गिरफ्तार किए गए। बचे हार्डकोर नक्सली भी
जिला छोड़कर भागे। खलारी-बुढ़मू से पीएलएफआइ का सफाया। बेड़ो-लापुंग में पीएलएफआइ को
किया कमजोर। बुढ़मू, मांडर, खलारी, चान्हो से टीपीसी का किया खात्मा। जेल या अन्य
जगह के अपराधियों में भी मोबाइल पर बात करने में होने लगा खौफ। कुख्यात, जिन्हें
बता दी थी औकात , रंगदारी, लेवी व हत्या मामला : , भोला पांडेय (मारे गए), किशोर
पांडेय (कोलकाता में पकड़ाया), धनंजय प्रधान, संदीप थापा, सुरेंद्र बंगाली, लखन
सिंह, चंदन सोनार, अशोक शर्मा, पांडेय गिरोह की लेडी डॉन (अलकापुरी से हथियारों
संग पकड़ाई थी)।घासीराम मुंडा उर्फ घसिया (बारूहातू, बुंडू), राजेश टोप्पो (जरगा,
अनगड़ा), किशोर मुंडा उर्फ राजकिशोर मुंडा (बारूहातू, बुंडू), बिरजू राम (चाल्हा
मोड़, लापुंग), अशोक सिंह उर्फ अशोक सोय उर्फ अशोक शाहदेव (कर्रा), एतवा मुंडा
(पपिरदा, तमाड़), राजेश मुंडा (पपिरदा, तमाड़), ढेबू यादव (सरायटोली, चान्हो)
नक्सलियों को आत्मसमर्पण को विवश किया:- जिन
नक्सलियों को आत्मसमर्पण को विवश किया ::- सरेश मुंडा (सारजमडीह, बुंडू), मार्शल
टूटी (होशिरहातू, बुंडू), संजय प्रमाणिक (डुंगरडीह, तमाड़), चांद महतो (एदलपीड़ी,
तमाड़), एतवा मुंडा (बारीडीह, तमाड़), भोला पाल (तिरिलडीह, बुंडू), सीताराम मुंडा
(बारीडीह, तमाड़), त्रिलोचन सिंह मुंडा (झुनकीडीह, तमाड़), सुनीता कुमारी (गरुड़पीड़ी,
नामकुम), हरिपदो सिंह मुंडा (सारजमडीह, बुंडू), अर्जुन सिंह मुंडा (रामडेरा,
अनगड़ा), राम लोहरा (हुआंगहातू), सुखराम सिंह मुंडा (हुआंगहातू), गीता गंझू (हाहे,
खलारी), रेशमी महली उर्फ राशमुनी महली (तिरिलडीह, बुंडू), मधु मुंडा उर्फ रोहित
(हुंगटा, बुंडू), संजय सिंह मुंडा उर्फ दीपक उर्फ निशांत, सुखराम लोहरा (रैदा,
बुंडू)।
जैप ग्राउंड में एसएसपी व अन्य पुलिसकर्मियों ने दी आखिरी विदाई:- प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में भावभीनी श्रद्धाजलि दी गई । गौरतलब है कि 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिंह का रविवार दिल्ली में देहान्त हो गया था। सोमवार दोपहर प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से राची लाया गया। एयरपोर्ट पर राची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी खुद सारा मैनेजमेंट देख रहे थे। इस दौरान राची डीसी भी वहा मौजूद थे। जबकि प्रवीण सिंह के साथ काम कर चुके कई पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे थे। प्रवीण सिंह के पार्थिव शरीर के साथ उनका पूरा परिवार उनके ससुर भाजपा सासद जगदंबिका पाल भी राची पहुचे। सभी की आखें नम थी एयरपोर्ट पर ही पुलिस अधिकारियों ने प्रवीण सिंह के अंतिम दर्शन किये। आईपीएस प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में एसएसपी व अन्य पुलिसकर्मियों ने दी आखिरी विदाई। एयरपोर्ट से प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर डोरंडा स्थित जैप 1 लाया गया। जैप 1 में प्रवीण सिंह के पार्थिव शरीर को भावभीनी श्रद्धाजलि दी गई। इस दौरान झारखंड के डीजीपी सहित कई पुलिस अधिकारियो ने श्रद्धाजलि अर्पित की। हेमंत सोरेन सीपी सिंह रामचंद्र चंद्रवंशी सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धाजलि। जैप 1 ग्राउंड में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड सरकार के मंत्री सीपी सिंह ,रामचंद्र चंद्रवंशी, पूर्व राच्यसभा सदस्य अजय मारू सहित कई नेताओं ने प्रवीण सिंह को भावभीनी श्रद्धाजलि अर्पित की। सोमवार दोपहर प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से राची लाया गया। एयरपोर्ट पर राची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी खुद सारा मैनेजमेंट देख रहे थे। इस दौरान राची डीसी भी वहा मौजूद थे। जबकि प्रवीण सिंह के साथ काम कर चुके कई पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे थे। सभी की आखें नम थी एयरपोर्ट पर ही पुलिस अधिकारियों ने प्रवीण सिंह के अंतिम दर्शन किये।
जैप ग्राउंड में एसएसपी व अन्य पुलिसकर्मियों ने दी आखिरी विदाई:- प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में भावभीनी श्रद्धाजलि दी गई । गौरतलब है कि 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिंह का रविवार दिल्ली में देहान्त हो गया था। सोमवार दोपहर प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से राची लाया गया। एयरपोर्ट पर राची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी खुद सारा मैनेजमेंट देख रहे थे। इस दौरान राची डीसी भी वहा मौजूद थे। जबकि प्रवीण सिंह के साथ काम कर चुके कई पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे थे। प्रवीण सिंह के पार्थिव शरीर के साथ उनका पूरा परिवार उनके ससुर भाजपा सासद जगदंबिका पाल भी राची पहुचे। सभी की आखें नम थी एयरपोर्ट पर ही पुलिस अधिकारियों ने प्रवीण सिंह के अंतिम दर्शन किये। आईपीएस प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में एसएसपी व अन्य पुलिसकर्मियों ने दी आखिरी विदाई। एयरपोर्ट से प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर डोरंडा स्थित जैप 1 लाया गया। जैप 1 में प्रवीण सिंह के पार्थिव शरीर को भावभीनी श्रद्धाजलि दी गई। इस दौरान झारखंड के डीजीपी सहित कई पुलिस अधिकारियो ने श्रद्धाजलि अर्पित की। हेमंत सोरेन सीपी सिंह रामचंद्र चंद्रवंशी सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धाजलि। जैप 1 ग्राउंड में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड सरकार के मंत्री सीपी सिंह ,रामचंद्र चंद्रवंशी, पूर्व राच्यसभा सदस्य अजय मारू सहित कई नेताओं ने प्रवीण सिंह को भावभीनी श्रद्धाजलि अर्पित की। सोमवार दोपहर प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से राची लाया गया। एयरपोर्ट पर राची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी खुद सारा मैनेजमेंट देख रहे थे। इस दौरान राची डीसी भी वहा मौजूद थे। जबकि प्रवीण सिंह के साथ काम कर चुके कई पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे थे। सभी की आखें नम थी एयरपोर्ट पर ही पुलिस अधिकारियों ने प्रवीण सिंह के अंतिम दर्शन किये।
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