विनम्र निवेदन
मेरे
प्रिय साथियों,
कल
दिनांक 30 जून 2017 को आपने औपचारिक
रुप से मुझे मेरे
दायित्वों से मुक्त करते
हुए भाव भीनी विदाई दे दी है।
अधिकांश साथियों ने मुझे फेस
टू फेस विदाई दी। कुछ हमारे साथी बाहर रहने के कारण प्रत्यक्ष
ना रहकर अपनी शुभकामनायें सोसल मीडिया के जरिये मुझ
तक पहुचाने का प्रयास किये।
मैं सभी प्रत्यक्ष तथा दूरस्थ साथियों का हृदय से
आभार तथा शुक्रिया अदा करता हॅू। साथ ही निवेदन करता
हूं कि मेरे चार्ज
के स्थान्तरण के दौरान बड़ी
संख्या में पुस्तकें मिसिंग पायी गयी हैं। इसे समाप्त किया जाना है। यह काम मैं
आप सबके सहयोग से ही सम्पन्न
कर सकूंगा। जैसे आपने मुझे पिछले 30सालों से सहयोग किया
और हमारे सभी सुख दुख में मेरा साथ देकर मुझे मूल धारा में जोडने का प्रयास किया।
उसी प्रकार अब आगरा से
विदा होते समय भी सहयोग करते
हुए यदि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा मण्डल पुस्तकालय की कोई भी
पुस्तक आपके पास हो या आपने
अपने किसी मित्र व साथी को
दे रखी हो तो उसे
एक बार अपने घर व मित्र
मण्डली से जरुर पता
करने की कोशिस करें।
आपकी यह कोशिस मेरे
लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध
हो सकती है। इन खोये पाये
हुए पुस्तक को आप मुझे
या मेरे उत्तराधिकारी डा. महेन्द्रपाल जी को लौटाने
की कृपा करें। इस सहयोग के
लिए मैं आपका आजीवन आभारी रहूंगा और आपके उज्जवल
भविष्य तरक्की तथा स्वास्थ्य के लिए परम
पिता परमेश्वर से दुवा करता
रहूंगा।
आभार
सहित बहुत बहुत धन्यवाद।
डा.
राधेश्याम द्विवेदी
पूर्व
पुस्तकालय एवं सूचनाधिकारी
आगरा
मण्डल आगरा
दिनांक
1 जुलाई 2017.
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